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संसारिक अऊर स्वर्गीय आराधनालय
वा पहली वाचा म भी सेवा करन खा नेम हता, अर असी सुध्द जगह हती, जो यू दुनिया को हतो। एक तम्बू खडो कर दियो गयो। ओको अगलो कक्छ म दीवट हती मेज हती अऊर भेट की रोटी हती। याहा सुध्द जगह कहलावा हैं रह। दुसरो परदा को पिछे उ तम्बू थो, जे परम सुध्द जगह कहलावा हैं। ओ म सोना कि धूपदानी, अर चारो तरफ सोना से मढ़यो वालो वाचा की पेटी हती अर ऐमा मन्ना से भरयो वालो सोना को मर्तबान अर हारून को छड़ी जे म फुल फल आय गया रहा अर वाचा की पटिया हती। सन्दूक को ऊपर दोई तेजोमय करूब हता, जे छमा कि जगह पर छाया किया हुआ हता इन ख एक एक कर ख समझान को अभी मऊका नी हाय।
असो ही विनती करन की जगह ख तैयार करयो गयो रह विनती करन कि विधि ख सुरु करन को लाने याजक हर बखत तम्बू जा ख सेवा को काम सुरु करत रह। लेकिन भीतरी कक्छ म केवल बडो ही याजक अन्दर आवत रह अऊर वाहा भी साल म एक बार। वाहा बिना उ खून को कभी अन्दर नी आवत रह जो ख वाहा खुद अपनो दुवारा अऊर अदमी हुन को दुवारा अनजान म किया गया पाप हुन को लाने भेंट चढ़ावत रह। ऐको दुवारा सुध्द आत्मा यही दिखानो चाहाव हैं कि अभी पहलो तम्बू खडो भयो हैं, तब लक सुध्द जगह की रस्ता परगट नी हुओ। यु आज को युग तम्बू तुरत टेमं को लाने एक उदाहरन हैं, जे म असी भेट अर बलि चढ़ावा जाऐ हैं, जेसे आराधना करन वालो को विवेक सिध्द नी कर सकह। 10 काहेकि वी केवल खान पान की चीज अऊर नयो प्रकार से सुध्दी करन को नेम हैं। जे आसा उ बखत को सरीर ख सरीर ख पुननिर्मान को लाने नियुक्त कियो गयो थो जे उपदेस को जे आखरी बखत लक लागु होन वाली बाहायरी नेम आय।
मसी को खुन को सामर्थ्य
11 पर अब मसी आँवन वालो भली चीज को बडो याजक हो ख आय गयो हैं ते ओ न उ ढ़ेर सारो अर बडा अर पुरो सिध्द तम्बू म से होय ख भीतर आयो, जे अदमी ख हात हुन से बनाई हुई नी हतो अर इस दुनिया को नी आय, 12 अर बकरा अर बच्छा को खून को व्दारा नी पर अपनो ही खुन को व्दारा एक ही बार म सुध्द जगह म प्रवेस कियो अर हमेसा को लाने छुटकारा अर उध्दार पायो। 13 काहे कि जब बकरा हुन अर बईल हुन को खून अऊर जलयो वाला बच्छा की राख ख असुध्दता अदमी पर छिड़को जानो सरीर कि अच्छाई को लाने उन ख सुध्दता करयो हैं, 14 ते मसी को खून जे न अपनो तुम ख अनन्त आत्मा को दुवारा परमेस्वर को सामने बेकसूर चढ़ायो, तुमारो विवेक को मरो हुओ कामो से काहे नी सुध्द करेगों ताकि तुम जिन्दा परमेस्वर की सेवा करो।
15 यही कारन वी नई वाचा को बिचवई हैं, ताकि ओकी मरने के व्दारा जे पहली वाचा को बखत को अपराध से छुटकारा पावन को लाने हुई हैं, बुलायो हुओ अदमी वादा को अनुसार आखरी मीरास ख प्राप्त करहे। 16 काहे कि जे वाचा बाँधी गई हैं वाहा वाचा बाँधन वाली की मरन को समझ लेनो भी जरुरी हैं 17 काहेकि असी विसेस वाचा मरन पर पक्की होव हैं, अर जब तक वाचा बाँधन वालो जिन्दा रह हैं तब तक वाचा काम की नी होय। 18 ऐको लाने पहली वाचा भी बिना खून को नी बाँधी गई। 19 काहेकि जब मूसा सब अदमी हुन को सामे कि हर एक नेम हुन ख पढ़ ख सुनायो ते उन न पानी लाल उन अऊर जूफे को संग बच्छा अऊर बकरा हुन को खून लियो अऊर पुस्तक पर अऊर हर एक अदमी हुन पर छिड़क दियो। 20 ओ न हुकुम दियो रह याहा उस वाचा को खून हैं जो ख परमेस्वर न तुम्हारो लाने रखो हैं। 21 अर यही रीति से ओ न तम्बू अर सेवा को सारो समान पर खून छिड़को। 22 मूसा को नेम को हिसाब से सब कुछ मूसा को दुवारा सुध्द कियो जावह हैं अऊर बिना खून बहाये पाप हुन से छमा नी मीलह।
मसी को बलिदान को व्दारा पाप हुन को दुर होनू
23 ऐको लाने जरुरी हैं कि स्वर्ग म कि चीज को प्रति रूप या बलिदानो को व्दारा सुध्द कियो जाए, पर स्वर्ग म की चीज स्वंय इन म उत्तम बलि को व्दारा सुध्द कि जावा। 24 काहे कि मसी न उ हात को बनायो हुओ सुध्द जगह म, जो सच्चो सुध्द जगह को नमूना हैं, प्रवेस नी कियो पर स्वर्ग ही म प्रवेस कियो, ताकि हमारो लाने आबा परमेस्वर को सामने दिखाई दे। 25 अऊर न ही अपनो बार-बार बलिदान चढ़ावन को लाने ओको स्वर्ग म उ तरीका से अन्दर आयो जसो बडो याजक उ खून ख संग जे ओको अपनो नी हैं। सुध्द जगह म हर साल प्रवेस करह हैं। 26 अदि असो होतो ते दुनिया को प्रारम्भ से उन ख बार-बार भोगनो पड़तो, पर अब युग को आखरी म वाहा एक ही उत्पन्न हुओ जसो वाहा ताकि अपने ही बलिदान को दुवारा पाप ख दुर कर देहे। 27 अर जसो अदमी को लाने एक ही बार मारनो अर ओको बाद न्याय को होनो नियुक्त हैं, 28 असो ही मसी भी बेजा को पाप को उठावान को लाने एक ही बार बलि हुओ, अर जे अदमी ओकी रस्ता जोहते हैं उन को उध्दार को लाने दुसरी बार बिना पाप उठाए हुओ दिखाई देह।