13
मसी म जिन्दगी जीवन को तरीका
1 भई चारा हुन की एकता बनी रहे। 2 मिजवान (अतिथि सत्कार) को सम्मान करनो नी भूलनो, काहे कि ओको व्दारा कई अदमी न अनजानो म स्वर्गदूत को सम्मान कियो हैं। 3 कैदी हुन की असी सुधि लो कि मानो उन को संग तुम भी कैद म बंद होया होए, अर जेको संग बुरो बर्ताव कियो जावह हैं, ओकी भी यू समझ ख खबर लियो करो कि हमारो भी सरीर आय।
4 बिहाव ख सब म सम्मान कि बात समझी जाव, अर तुमारो बिहाव को बिछोना सुध्द होनो चहिए जे न कोई पाप नी करयो (निस्कलंक) निर्मल रह, काहे कि परमेस्वर छिनाला अर पराई ओरत को संग म कु करम करन वाला हुन को न्याव करेगों।
5 तुम नी धन को लालच करन वालो हो, अर जे तुमरो पास हैं उसी पर संतोस करो; काहे कि ओ न तो ख ही बोलयो हैं, “मी तो ख कभी नी छोड़न को, अर नी कभी तो ख त्यागूगो।” 6 ऐको लाने हम नी डर हो ख कवह हैं,
“प्रभु मोरो सहायक हैं,
मी न डरगो;
इंसान मोरो का कर सकह हैं।”
7 जे तुमरो अगुवो थो, अर जो न तुम ख परमेस्वर को वचन सुनायो हैं, उन ख याद रखयो; अर ध्यान से उन को चाल चलन को आखरी तक देख ख उन को भरोसा को अनुकरण करो। 8 यीसु मसी कल अर आज अर हमेसा एक-सो हैं। 9 कई तरह का विचितर आदेस से नी भरमाए जाहे, काहे कि मन को दया से मजबुत रहनो चोक्खो हैं, नी कि वा खान कि चीज से जेसे काम रखन वालो ख कुछ फयदा नी हुयो।
10 हमरी एक असी वेदी आय जे पर से खान को हक वी अदमी ख नी, जे तम्बू कि सेवा करह हैं। 11 काहे कि जे जानवर को खून बडो पुजारी पाप बलि को लाने सुध्द जगह म ले जावह हैं, ओको सरीर छावनी को बाहार जलावा जावह हैं। 12 यू कारन, यीसु न भी अदमी हुन ख अपनो ही खून को व्दारा सुध्द करन को लाने फाटक को बाहार दुख उठायो। 13 ऐको लाने आओ, ओ की बुराई अपनो उपर लियो हुओ छावनी को बाहार ओको जोने निकल चलयो। 14 काहे कि याहा हमारो कोई जगह नगर नी, वरन् हम एक आवन वालो नगर की खोज म हैं। 15 ऐको लाने हम ओको व्दारा स्तुतिरुपी बलि, अर्थात् उ होठ को फल जे ओको नाम ख अंगीकार करह हैं, परमेस्वर ख हमेसा चढ़ायो करहे। 16 भलई करनो अर उदारता दिखानो न भूलो, काहे की परमेस्वर असो बलि से खुस होव हैं।
17 अपनो अगुवो को आदेस मानो अर उन को अधीन रहो, काहे कि वी उन को समान तुमारी जान को लाने जगयो रह हैं, जिन ख लेखा देनो पड़े वी यू काम खुसी से रहे, नी की ठंडी साँस ले-ले ख, काहे कि या दसा म तुम ख कोई फायदा नी।
18 हमारो लाने प्रार्थना करते रहनु, काहे कि हम ख भरोसा हैं कि हमरो विवेक सुध्द हैं: अर हम सब म बात अच्छी चाल चलन चावह हैं। 19 विनती करन को लाने मी तुम ख अऊर भी समझऊ कि मी जल्दी तुमरो जोने भी आ सकू। 20 अब सान्ति दाता परमेस्वर, जे हमारो प्रभु यीसु को जे भेड़ को बडो रखवालो आय आखरी वाचा को खून को गुन से मरो हुओ म से जिन्दो कर ख ले आयो, 21 तुम ख हर एक भली बात म सिध्द करेहे, ऐसे तू ओकी इच्छा पुरी करहे, अर जे कुछ ओ ख भावा हैं ओ ख यीसु मसी को व्दारा हम म पैदा करहे। ओको महिमा युगयुग होते रहे। आमीन। 22 भैय्या अर बहिन हुन! तुम से विनती हैं कि तुम मोरी सान्ति का यी वचन हुन ख सान्ति को संग स्वीकार करनो। मीना साफ सुतरो म ही लिखो हैं। 23 तुम ख यू ग्यात होयो कि तीमुथियुस, हमारो भई छुट गयो हैं अर यदि वी जल्दी आ गयो ते मी ओको संग तुम से भेंट करुँगो।
24 अपना सब अगवा अर सब सुध्द अदमी ख नमस्कार कहे। इटली वाले तुम ख नमस्कार कहव हैं।
25 तुम सब पर दया होते रहे। आमीन।