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सच्ची संगति
1 एका लाने अरे मोरो भई हन, प्रभु म खूस रहो। वी ही बात हुन तुम ख बार बार लिखन म मो ख ते कोई संकट *कस्ट नी होवा, अर ऐ म तुमारी कुसलता हैं, 2 कुत्ता हुन से हुसयार रहा, उन बुरो काम करन वाला से हुसयार रहो, उन काट पटी करन वाला हुन से हुसयार रहो। 3 काहेकि खतना वाला†खतनावाले वाला हुन ते हम ही आय जो परमेस्वर को आत्मा कि अगुवाई से आराधना करिये हैं, अर मसी यीसु पर घमण्ड करिये हैं, अर सरीर पर विस्वास नी रखा हैं। 4 पर मी ते सरीर पर विस्वास रख सका हैं। अदि कई अर ख सरीर पर विस्वास रखन का विचार हो ख, ते मी ओ ख भी बढ़ ख रख सका हैं। 5 आठवो दिन मोरो बुरो काम (खतना) भयो, इस्राएल को खानदान, बिन्यामीन को जाति ख आय; इब्रानियो ख इब्रानी आय; नेम का बारा म अदि कय्हो ते फरीसी आय। 6 उत्साह को बारे म अदि कय्हो ते कलीसिया ख सताव वाला; अर नेम कि धार्मिकता का बारा म अदि कह ते बेकसूर हतो। 7 पर जे जे बात हुन मोरो लाभ कि हती, उनकी ख मी न मसी को लाने नुकसान समझ लियो हैं। 8 याने मी अपनो प्रभु मसी यीसु कि पहिचान कि उतमता ख लाने पूरी बात हुन ख नुकसान समझा हैं। जे का लाने मी न पूरा चीज हुन कि नुकसान उठाई हैं, अर उन ख कूडा कचरा समझा हैं, जे से मी मसी ख ले सकू हैं। 9 अर ओ म मिल जाऊ; नी कि अपनी धार्मिकता ख संग, जे नेम से हैं, याने वा धार्मिकता का संग जे मसी पर विस्वास करन को लाने हैं अर परमेस्वर कि ओर से विस्वास करन पर मिला हैं; 10 काहेकि मी ओ ख अर ओखा फिर से जी उठनो कि सक्ति ख, अर ओको संग दुख हुन म सहभागी होन का मर्म ख जान हैं, अर ओकी मरन कि समानता हुन ख लियो करू 11 कि मी कोई ख भी रीति से मरा भयो म से जी उठन का पद तक पहुचू।
चिन्ह कि ओर दऊडनो
12 यू मतलब नी कि मी पा चूको हैं, का सिध्द हो चूको हैं; पर वा चीज ख पकडन ख लाने दऊडा चलो जाव हैं, जेका लाने मसी यीसु न मो ख पकड़ो हतो। 13 अरे भई हुन, मोरी इच्छा यू नी कि मी पकड चूको हैं; पर अकेलो यू एक काम करू हैं कि जो बात पिछु रह गई हैं उनको भूल ख, सामने कि बात हुन कि ओर बढता भयो, 14 चिन्ह कि ओर दऊडा चला हैं, काहेकि उ इनाम पाऊ जे का लाने परमेस्वर न मो ख मसी यीसु म ऊपर बुलायो हैं।
15 हम म से जीतना सिध्द हैं, यू ही विचार रख, अर अदि कोई बात म तुमारो अर ही विचार होए ते परमेस्वर ओ ख भी तुम पर प्ररगट कर दे हे। 16 एकोलाने जहाँ तक हम पहुँचिया हैं, उही का अनुसार चले।
17 हे भई हुन, तुम से सब मिल ख मोरी जसी चाल चल, अर उन ख पहचाना भी हैं, जो यू रीति पर चल हैं जे को उदाहरन तुम हम म देख हैं। 18 काहेकि बेजा सी असी चाल चल हैं, जेकी चर्चा मी न तुम से बार बार करी हैं, अर अब भी रो ख कहूँ हैं कि वी अपनी चाल चलन से मसी को सूली कि बैरी हैं। 19 उन ख आखरी (अन्त) नास हैं, उन ख ईस्वर पेट हैं, वी अपनी लज्जा कि बात हुन घमण्ड करिये हैं अर पृथ्वी कि चीज हुन पर मन लगायो रहते हैं। 20 पर हमारी स्वदेस स्वर्ग पर हैं; अर हम एक उध्दार कर्ता प्रभु यीसु मसी को वहा से आवन कि बाट जोतू रवह हैं। 21 उ अपनी सक्ति को ओ पर प्रभाव को अनुसार जेको व्दारा उ सब चीज हुन ख अपनो बस म रख हैं, हमारी दीन हीन सरीर को रूप बदल ख, अपनी महिमा कि सरीर को अनुकूल बना दे हे।