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सातवी मुहर अर सोना को धूपदान
जब मेमना न सातवी मुहर खोली, ते स्वर्ग म करीब आधा घण्टा लक सन्नाटा छा गयो। जब मीना वी साती स्वर्ग दूत हुन ख देखो जो परमेस्वर को जोने खड़ा रहवा हैं, अर उनका सात तुरहियाँ दीयो गयो हैं।
फिर एक अऊर स्वर्ग दूत सोना को धूप दान धरका आयो, अऊर वेदी को जोने खड़ो भयो; अर ओ ख बेजा धूप दियो गयो कि सब सुध्द जन कि प्रार्थना हुन को संग सोना कि वा वेदी पा, जो सिंहासन को जोने हैं चढ़ाए। वा धूप को धुआँ सुध्द अदमी कि बिनती हुन सहित स्वर्ग दूत हुन को हात से परमेस्वर को जोने पहुँचा गयो। तब स्वर्ग दूत न धूप दान लेखा ओमा वेदी की आग भरी अर जमीन पर ड़ाल दी; अर गर्जन अर आवाज अर बिजली हुन अर भूकम्प होन लग गया।
सात तुरहियाँ
तब वी साती स्वर्ग दूत जिनको जोने सात तुरही हुन हती उनका फूँकन को लाने तैयार हो गया।
पहिलो स्वर्ग दूत न तुरही फूँकी, अऊर खून से मिल्या वाला गार-पानी अर आग पैदा हो गई, अर जमीन पा ड़ालो गयो; अर पृथ्वी को पोऊन हिस्सा करीब पानी गयो, अर झाड़ हुन को पोऊन हिस्सा (एक तिहाई) पानी गयो, अर सब हरो घास भी पानी गयो।
दुसरो स्वर्ग दूत न तुरही फूँकी, ते मान लेव आगी को जसो जलते हुए एक बडो पहाड़ समुंदर म डालो गयो; अर समुंदर को पऊन हिस्सा करीब खुन बन गयो, अर समुंदर को पऊन हिस्सा को करीब जीव जन्तु मर गया, अर पऊन हिस्सा करीब जहाज नास हो गया।
10 तीसरो स्वर्ग दूत न तुरही फूँकी, अर एक तारा जो धुंधरी को जसो जलत रहा स्वर्ग से टुटियो, अर नद्दी को पऊन हिस्सा पर करीब अर पानी को सोता हुन पा आ पड़यो। 11 उ तारा को नाम नागदऊना हैं; अर पोऊन हिस्सा पानी को करीब नागदऊना को जसो कडू*कड़वा हो गयो, अर ढ़ेर सारा इंसान हुन उ पानी को कडू हो जान से मर गया।
12 चऊथो स्वर्ग दूत न तुरही फूँकी, अर सूरज को तिसरो हिस्सा अर चाँद कि एक पोऊन हिस्सा अर तारा को तिसरो हिस्सा पा आफत आई, इत्तो तक कि उनको तिसरो हिस्सा आग को अंधेरो हो गयो अर दिन को तिसरो हिस्सा म उजेरो नी रहयो, अर वसो ही रात म भी।
13 जब मीना फिर देखो, ते बददल को बीच म एक उकाब ख उडते अऊर बड़ी जोर से यू कहते सुनियो, “वी तीनी स्वर्गदूत हुन कि तुरही को आवाज को कारन, जिनका फूकनो अबा बाकी हैं, जमीन पा रहन वाला पर धितकार”

*8:11 कड़वा