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स्वर्गदूत अर छोटी किताब
फिर ऐकोबाद मीना एक अऊर सक्तिसाली स्वर्ग दूत ख बददल ओढियो स्वर्ग से उतरते देखियो। ओकी मुंडी पा मेघधनुस हतो। ओको मुंडो सूरज को जसो अऊर ओखा पाय आग को खंमा को समान हता। ओको हात म एक छोटी सी खुली वाली किताब हती। ओ ना अपनो जेवनो पाय समुंदर म अर ड़ाकरियो पाय जमीन पा धरियो, अऊर असो बड़ी जोर से चिल्लायो, जसो सेर गर्जा हैं; अऊर जब उ चिल्लायो ते गर्जन का सात सब्द सुनाई दिया। जब साती गर्जन का सब्द सुनाई दे दिया, ते मी लिखन पा हतो, पर मीना स्वर्ग म से असो सब्द सुनियो, “जो बात हुन गर्जन को वी सात सब्द हुन से सुनी हैं उनका लूका ख (गुप्त) रख, अऊर मत लिखा।”
जो स्वर्ग दूत ख मीना समुंदर अर जमीन पा खड़ो देखियो रहा ओ ना अपनो जेवनो हात स्वर्ग कि तरफ उठायो, अर जो युगयुग जिन्दो रवा हैं, अर जेना स्वर्ग ख अर जे कुछ ओमा हैं, अर जमीन ख अर जे कुछ ओपा हैं, अर समुंदर अर जे कुछ ओमा हैं रचीयो, उनकी कसम खा क कय्हो, “अब तो अऊर देर नी होन की। पर जे दिन सातवो स्वर्गदूत को तुरही फूकनो सुनाई पड़े उ दिन म परमेस्वर को गुप्त भेद पुरो हो जाहे सुसमाचार को हिसाब से जो ओ ना अपना दास भविस्यवक्ता हुन ख दियो, पुरो होयगो।”
जो सब्द ख मीना स्वर्ग से बोलते सुनियो रहा, उ फिर मोरो संग बात करन लग गयो, “जा, जो स्वर्ग दूत समुंदर अर जमीन पा खड़ो हैं, ओको हात म कि खुली किताब ख लेला।”
मीना स्वर्ग दूत को जोने जा ख कय्हो, “या छोटी किताब मोखा दे।” ओ ना मोसे कय्हो, “ले, ऐका खा ला; या तोरो पेट ख कडू तो करेगों, पर तोरो मुंडो म सहेद को समान मीठी लगेगो।”
10 एकोबाद मीना वा छोटी किताब उ स्वर्ग दूत को हात से लेका खा लियो। वा मोरो मुंडो म सहद को समान तो मिठ्टी तो लगी, पर जब मी ओखा खा गयो, ते मोरो पेट कडू हो गयो। 11 तब मोसे असो बोलो गयो, “तोखा ढ़ेर सारा इंसान हुन, अर जाति हुन, अर भासा हुन अर राजा हुन को बारे म फिर भविस्यवानी करनो होए।”