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परमेस्वर को न्याय
1 एकोलाने तोरो नजीक कोई बाहाना नी हैं तुम ते दूसरो पर दोस लगवा हैं जे से कि तुम जे निर्नय कर हैं उ ईच तुम खुद कि निंदा कर हैं, तुम जे निर्नय लेवय हैं ऐको उ ईच काम कर हैं। 2 हम जान हैं कि उ ईच तरह को काम करन को खिलाफ परमेस्वर को तरफ से सच्चो निर्नय को हैं का न्याय सच्चाई पर आधारित हैं। 3 अरे इंसान, तू जे असो काम करन वाला हुन पर दोस लगायो हैं, अऊर खुद उ ही काम करत आय, का यू समझत आय, कि तू परमेस्वर कि सजा या केहना से बच जाहे? 4 का तू परमेस्वर की किरपा, अऊर सहनसीलता, अऊर धीरज रूपी धन ख बेकार जान हैं? का यू नी समझ हैं कि परमेस्वर कि किरपा तो ख पस्चाताप करन की अगुवाई कर हैं? 5 लेकिन तू ही अपनो यू हठ अर अपनो मन पस्चाताप नी करन वालो तुम ही परमेस्वर को गुस्सा ख दिन को लाने खुद ख खिलाफ गुस्सा इकट्ठा कर रया हैं। जब ओको न्यायी पन निर्नय सामने आहे। 6 परमेस्वर हर एक ख उनको काम को अनुसार बदला दहे: 7 अऊर जे लोग सान्ति पूर्वक भलाई कर हुयो बड़ाई, आदर अर अमरता की खोज म लगो रह हैं, परमेस्वर उन क अनन्त जिन्दगी देहे गयो; स्वार्थी रह हैं अर जे सच्चाई ख अस्वीकार कर हैं। 8 परन्तु जे लोग हुन जे स्वार्थी कि खोज म रहन हैं अऊर सच्चाई कि खोज नी कर हैं, अर अधर्म पर चल हैं। अर ओ पर गुस्सा अर जादा भड़का पड़ेगो। 9 अऊर परेसानी अऊर संकट हर एक अदमी ख जान पर जे बुरो करा हैं आहे, पहले गैर यहूदी पर फिर यूनानी पर। 10 अऊर भलाई करन वाला हर एक अदमी ख कल्यान हर एक ख पहले यहूदी ख फिर यूनानी ख बड़ाई, आदर अऊर सान्ति मिले। 11 काहेकि परमेस्वर कोई को भी पक्छपात नी कर हैं।
12 एकोलाने जीन हुन बिना मूसा को नेम पाहे पाप कियो, वी बिना नेम ख खत्म भी होए; अऊर जीन न भी नेम पा ख अपराध कियो, ओकी मूसा को नेम को अनुसार न्याय कियो जाहे; 13 काहेकि परमेस्वर का यहाँ नेम ख सुनन वालो लोग परमेस्वर कि देखन म धर्मी नी हैं, पर मूसा को नेम पर चलन वालो न्यायी ठहरे जाहे। 14 काहेकि जे गैर यहूदी हैं वी अपनो व्यवस्था से मूसा कि नेम नी होन को पस्चात फिर भी वी अपनो मन म मूसा की नेम को पालन करनो हैं। 15 अऊर वी अपनो मन म लिखो हुयो नेम को कर्मी को दिखायो, उनको विवेक भी गवाही दियो, अर उनको मन उन ख कभी दास हुन ते कभी निर्दोस ठहरो हैं; 16 यू सब उ दिन प्ररगट कियो जाहे, कि जब परमेस्वर, मोरो अच्छो समाचार ख जसो, यीसु मसी दुवारा लोग हुन को छुपी सलाह हुन ख न्याय करे।
यहूदी अर मूसा को नेम
17 अदि तू यहूदी कह हैं, ते नेम पर विस्वास रख हैं, अऊर परमेस्वर ख बारा म गर्व कर हैं, 18 अदि तुम ओ ख सिक्छा ख जान हैं, जे अच्छो हैं। अऊर जे परख कर सका हैं, जे कि तुम ख मूसा को नेम दुवारा निर्देस कियो; 19 अऊर अपनो पर विस्वास रख हैं; कि म अंधो ख अगुवा, अर अंधकार म पड़ो हुयो कि ज्योति, 20 अऊर समझदार ख सिखानवालो, अऊर पोरिया ख उपदेसक हूँ; अऊर ग्यान, अऊर सच को नमूना, जो नेम म हैं, मोखा मिलयो हैं। 21 ते का तू जे दूसरा हुन ख सिखाव हैं, अपनो खुद ख नी सिखाव हैं? का तू जे चोरी नी करन को उपदेस देव हैं, तुम ही चोरी करा हैं? 22 तू जो कह हैं, “गलत काम नी करनो”, का खुद ही छिनालापन करा हैं? तू जे मुरती हुन से गुस्सा करा हैं, का खुद ही मन्दिर हुन ख लुट हैं? 23 तू जे नेम ख बारा म घमंड करा हैं, का नेम नी मान ख परमेस्वर को अनादर करा हैं? 24 “काहेकि तुमारो लाने गैर यहूदी हुन म परमेस्वर ख नाम कि बुराई की जाव हैं।” जसो लिखो भी हैं।
25 पर तू नेम पर चले हैं ते खतना से का फायदा ते हैं, पर अगर तू नेम ख नी माने ते तोरो खतना बिन खतना कि दसा ठहरे। 26 एकोलाने अदि खतना रहित गैर यहूदी इंसान नेम कि विधि हुन माना कर, ते का ओकी गिनती बिना खतना कि दसा खतना को सामने नी गिनो जाहे? 27 अर जो अदमी सारीरिक रूप से बिना खतना रहे, अगर उ नियम ख पूरो करिये, ते का तोखा जो लेख पानो अर खतना कियो जाने पर भी नेम ख माना नी करिये हैं, दोस नी ठहराएगो? 28 काहेकि यहूदी उ नी जो दिखन म यहूदी हैं; अर नी उ खतना हैं जो दिखन म हैं अर सरीर म हैं। 29 पर यहूदी उ हैं जो मन म हैं; अर खतना उ हैं जो मन ख अर आत्मा म हैं, नी की लेख को: असो कि खुसी अदमी हुन कि तरफ से नी, पर परमेस्वर कि तरफ से होवा हैं।