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परमेस्वर अर ओको चुनो भयो व्यक्ति
मी मसी म सच कहूँ हैं, मी झूठ नी कह रयो मोरो विवेक भी सुध्द आत्मा मी गवाही दे हे। कि मोखा बड़ो दुख हैं, अर मोरो मन सदा दु: ख रह हैं, काहेकि मी यहाँ तक चाह रयो, कि अपनो भई हुन ख लाने जे सरीर ख भाव से मोरो कुटुम हैं, खुद ही मसी से बद्दुवा हो जाव हैं। वी इस्राएली हैं, अर लेपालकपन को हक अर महिमा, अर वादा हुन, अर नेम हुन अर उपासना, अर वादा हुन उन्ही की आय। सियना हुन भी उन को हैं, अर मसी भी सरीर को भाव से उन म से भयो। जे सब का ऊपर परम परमेस्वर हमेसा धन्य हैं। आमीन।
पर यी नी कि परमेस्वर को सब्द मिट गयो, एकोलाने कि जे इस्राएल को खानदान आय, वी सब इस्रएली नी आय; अर नी अब्राहम को खानदान होन का कारन सब ओकी पोरिया रहे, पर लिखो भी हैं “इसहाक ही से तोरो खानदान कहलाएगो।” असो कि सरीर ख पोरिया परमेस्वर को पोरिया नी, पर वादा को पोरिया खानदान गिनो जाहे हैं। काहेकि वादा को वचन यू आय: “मी यू बखत को समान आऊगो, अर सारा को पोरिया होए।”
10 अर अकेलो यी नी, पर जब रिबका भी एक से पर हमारो बाप इसहाक से पेट हती, 11 अर अभी तक नी ते; पोरिया पैदा हतो, अर नी उनना कई अच्छो अर बुरो करियो हतो, एकोलाने कि परमेस्वर कि मनसा जे ओको चुन लेन ख समान हैं, कर्मी को कारन नी, पर बुलान वाला ख कारन हैं, बनी रहे: 12 ओ न बोल्यो कि, “बड़ो छोटो को दास होगो।” 13 जसो लिखो हैं, “मी न याकूब से प्रेम कियो, पर एसाव ख चोक्खो नी जानो।”
14 एकोलाने हम ख का कह हैं? का परमेस्वर को यी अधर्म हैं? असो नी! 15 काहेकि उ मूसा से कह हैं, “मी जे कुई पर तरस करनो चाहूँ ओ पर तरस करूँगो, अर जीन कई पर दया करनो चाहूँ ओ दया करूँगो।” 16 अब यी नी ते चाहन वालो कि, नी दऊड वाला कि पर दया करन वालो परमेस्वर कि बात हैं। 17 काहेकि सुध्द सास्र म फिरोन से कय्हो गयो हैं, “मी न तोखा यी लाने खड़ो कियो हैं कि तोखा म अपनो सक्ति दिखाऊ अर मोरो नाम ख प्रचार सारी धरती पर होए।” 18 एकोलाने उ जे पर चाहे हैं ओ पर दया करे हैं, अर जे ख चाहूँ हैं ओ ख मजबूत कर दे हैं।
परमेस्वर को गुस्सा अर ओकी दया
19 अब तू मोखा कहे, “उ फिर काहे दोस लगाव हैं? कऊन ओकी इच्छा को सामने करा हैं?” 20 अरे अदमी, भलो तू कऊन हैं जे परमेस्वर को सामने करा हैं? का गढ़ी हुई चीज गढ़न वालो से बोल सक हैं, “तू न मो ख असो काहे बनायो हैं?” 21 का कुमार ख मिठ्टी को अधिकार नी हैं कि एक ही लोद म से एक बर्तन लज्जित का लाने, अर दुसरो ख लज्जित का लाने बनायो हैं? 22 ते एम कोन सी गजब कि बात हैं कि परमेस्वर न अपनो गुस्सा दिखान अर अपनो साक्ति प्रगट करन कि इच्छा से गुस्सा का बर्तन हुन कि जे नास का लाने तैयार कियो हतो, बड़ो धीरज से सही हैं; 23 अर दया को बर्तन पर, जीन ओ न बड़ाई को लाने पहले से तैयार करियो, अपनो बड़ाई ख धन ख दिखा कि इच्छा करी हैं? 24 असो हम पर जीन ओ न न अकेलो यहूदी हुन म से, पर गैर यहूदी हुन म से भी बुलायो। 25 जसो उ होसे कि पुस्तक म भी कय्हे हैं,
“जो मोरी प्रजा नी हती,
उन ख मी अपनो प्रजा कहेगो;
अर जे नी हती,
ओ ख प्रेम कहेगो।
26 अर असो होगो कि जी जगह म ओ न यी कय्हो गयो हतो कि तुम मोरी प्रजा नी होए,
उ जगह वी जीवित परमेस्वर कि खानदान कहलाएगो।”
27 अर यसायाह इस्राएल को बारा म पुकार ख कय्हो हैं, “चाय्हे इस्राएल कि खानदान हुन कि गिनती समुंदर कि रेता का बराबर हैं, तेभी उन म से थोड़ो ही बचे हे। 28 काहेकि प्रभु अपनो वचन धरती पर पूरो करे, धार्मिक हुन से जल्दी ओ ख सिध्द करेगों।” 29 जसो यसायाह न पहले भी कय्हो हतो, “पर सेना हुन को प्रभु हमारो लाने कई अवलाद नी छोड़त, ते हम सदोम ख समान हो जात, अर अमोरा ख जसा ठहराता।”
इस्राएल को अविस्वास
30 अब हम का कह हैं? यी कि गैर यहूदी हुन न जो धार्मिक कि खोज नी कर हती, धार्मिक हुन मिलो कि पर उ धर्म ख जो विस्वास से हैं; 31 पर इस्राएली, जे धर्मी को नेम कि खोज करिय हता उ नेम तक नी पहुचे। 32 असो काहे भेयो? काहे इस्राएली विस्वास पर नी पर नी, कर्मो से ओकी खोज कर हता। उन न ओ ख ठोकर को पत्थर पर ठोकर खाई, 33 जसो लिखो हैं, देख,
मी सिय्योन मी एक ठोकर लगन ख पत्थर,
अर ठेस खान कि पहाड़ रखू हैं,
अर जे ओ पर विस्वास करे
उ लज्जित नी होए।