8
करार के सन्दूक ला मंदिर म लाने गीस
1 तब राजा सुलेमान ह इसरायल के अगुवामन ला, गोत्रमन के जम्मो मुखियामन ला अऊ इसरायली परिवारमन के मुखियामन ला यरूसलेम म अपन करा बलाईस कि ओमन यहोवा के करार के सन्दूक ला सियोन ले याने कि दाऊद के सहर ले लेय आवंय। 2 एकरसेति जम्मो इसरायलीमन एतानीम*सितम्बर अऊ अक्टूबर महिना के आधा-आधा समय आथें नांव के सातवां महिना म तिहार के बेरा म राजा सुलेमान करा जूरिन।
3 जब इसरायल के जम्मो अगुवामन आ गीन, त पुरोहितमन सन्दूक ला उठाईन, 4 अऊ ओमन यहोवा के करार के सन्दूक अऊ मिलापवाला तम्बू अऊ ओमा के जम्मो पबितर चीजमन ला ऊपर ले आईन। पुरोहित अऊ लेवीमन ओमन ला उठाके लानिन, 5 अऊ राजा सुलेमान अऊ जम्मो इसरायली सभा, जऊन मन ओकर करा जूरे रिहिन, ओमन सन्दूक के आघू म होके अतेक भेड़ अऊ पसुमन ला बलि करत रिहिन कि ओमन के हिसाब या गनती नइं करे जा सकिस।
6 तब पुरोहितमन यहोवा के करार के सन्दूक ला ओकर जगह म याने कि मंदिर के भीतरी पबितर-स्थान, महा पबितर स्थान म लानिन, अऊ ओला करूबमन के डेना के खाल्हे म मढ़ा दीन। 7 करूबमन अपन डेनामन ला सन्दूक के ऊपर फईलाय रिहिन अऊ सन्दूक अऊ ओकर बोहे के डंडामन ला छाया करत रिहिन। 8 ये डंडामन अतेक लम्बा रिहिन कि ओमन के छोरमन ला भीतरी पबितर-स्थान के सामने पबितर स्थान ले देखे जा सकत रिहिस, पर ओमन ला पबितर स्थान के बाहिर ले नइं देखे जा सकत रिहिस; अऊ ओमन आज भी उहेंच हवंय। 9 सन्दूक म सिरिप ओ दू ठन पथरा के पटिया के छोंड़ अऊ कुछू नइं रिहिस, जेला मूसा ह होरेब पहाड़ ऊपर येमा रखे रिहिस, जिहां इसरायलीमन के मिसर देस ले बाहिर निकले के बाद, यहोवा ह ओमन के संग एक करार करे रिहिस।
10 जब पुरोहितमन पबितर स्थान ले बाहिर निकल गीन, तब यहोवा के मंदिर ह बादर ले भर गीस। 11 अऊ पुरोहितमन बादर के कारन अपन सेवा नइं देय सकिन, काबरकि यहोवा के महिमा ले ओकर मंदिर ह भर गे रिहिस।
12 तब सुलेमान ह कहिस, “यहोवा ह कहे हवय कि ओह करिया बादर म निवास करही; 13 मेंह सही म तोर बर एक सानदार मंदिर बनाय हंव; तोर हमेसा रहे बर निवास के एक ठन जगह।”
14 जब इसरायल के जम्मो सभा ह उहां ठाढ़े रिहिस, त राजा ह ओमन कोति मुहूं करके ओमन ला आसीरबाद दीस। 15 तब ओह कहिस:
“यहोवा, इसरायल के परमेसर के महिमा होवय, जऊन ह मोर ददा दाऊद के संग अपन मुहूं ले करे गय वायदा ला अपन हांथ ले पूरा करे हवय। काबरकि ओह कहिस, 16 ‘जऊन दिन ले मेंह अपन इसरायली मनखेमन ला मिसर ले निकालके लानंय, तब ले मेंह इसरायल के कोनो गोत्र के एको ठन सहर ला एक मंदिर बनाय बर नइं चुने हवंव कि उहां मोर नांव होवय, पर मेंह दाऊद ला अपन इसरायली मनखेमन ऊपर राज करे बर चुने हवंव।’
17 “मोर ददा दाऊद के मन म ये बात रिहिस कि ओह इसरायल के परमेसर, यहोवा के नांव खातिर एक मंदिर बनावय। 18 पर यहोवा ह मोर ददा दाऊद ला कहिस, ‘मोर नांव खातिर अपन मन म, एक मंदिर बनवाय के ईछा करके, तेंह बने करे हवस। 19 तभो ले, तेंह ओ मनखे नो हस, जऊन ह ओ मंदिर ला बनाही, पर तोर बेटा, तोर खुद के मांस अऊ लहू—ओही ह मोर नांव बर मंदिर बनवाही।’
20 “यहोवा ह अपन करे गय वायदा ला पूरा करे हवय: मेंह अपन ददा दाऊद के जगह म राजा बने हंव अऊ अब यहोवा के वायदा के मुताबिक मेंह इसरायल के सिंघासन म बईठे हवंव, अऊ मेंह यहोवा, इसरायल के परमेसर के नांव खातिर मंदिर ला बनाय हवंव। 21 मेंह उहां सन्दूक बर एक जगह ठहिराय हवंव, जेमा यहोवा के ओ करार हवय, जेला ओह हमर पुरखामन ले तब करे रिहिस, जब ओह ओमन ला मिसर देस ले निकालके लानिस।”
सुलेमान के समरपन के पराथना
22 तब सुलेमान ह इसरायल के जम्मो सभा के आघू म यहोवा के बेदी के आघू म ठाढ़ होईस, अऊ अपन हांथ ला स्वरग कोति उठाईस 23 अऊ कहिस:
“हे यहोवा, इसरायल के परमेसर! ऊपर स्वरग म, अऊ खाल्हे धरती म तोर असन कोनो परमेसर नइं एं—तेंह अपन ओ सेवकमन संग करे मया के करार ला पूरा करथस, जेमन पूरा मन से तोर रसता म बने रहिथें। 24 तेंह अपन सेवक मोर ददा दाऊद ले करे ओ वायदा ला बनाय रखे हस, जेला तेंह अपन मुहूं ले बोलके करे रहय अऊ अपन हांथ ले ओला पूरा करे हस—जइसने कि येह आज हवय।
25 “अब हे यहोवा, इसरायल के परमेसर! अपन सेवक मोर ददा दाऊद ले करे गय ओ वायदा ला बनाय रख, जब तेंह कहय, ‘मोर आघू म इसरायल के सिंघासन म बईठे बर तोला उत्तराधिकारी के कमी कभू नइं होवय, यदि सिरिप तोर संतानमन अपन जम्मो काम ला धियान देके बिसवासयोग्यता के संग करंय, जइसे कि तेंह करे हस।’ 26 अऊ अब, हे इसरायल के परमेसर! तोर ओ बचन, जेकर वायदा तेंह अपन सेवक मोर ददा दाऊद ले करे रहय, ओला सच होवन दे।
27 “पर का सही म परमेसर ह धरती म निवास करही? स्वरगमन, अऊ त अऊ सबले ऊंच स्वरग घलो तोला धारन नइं कर सकंय। फेर मोर बनाय ये मंदिर तो बहुंत छोटे हे! 28 तभो ले, हे यहोवा, मोर परमेसर! अपन सेवक के पराथना अऊ दया के ओकर बिनती ऊपर धियान दे। मोर रोवई अऊ ओ पराथना ला सुन, जेला आज तोर सेवक ह तोर आघू म करत हवय। 29 तोर आंखीमन रात अऊ दिन ये मंदिर कोति लगे रहंय, ये जगह जेकर बारे म तेंह कहे हस, ‘मोर नांव ह उहां रहिही,’ ताकि तेंह ओ पराथना ला सुनबे, जेला तोर सेवक ये जगह कोति मुहूं करके करथे। 30 अपन सेवक अऊ अपन मनखे इसरायलीमन के बिनती ला सुन, जब ओमन ये जगह कोति मुहूं करके पराथना करथें। स्वरग ले, अपन निवास के जगह ले सुन, अऊ जब तें सुनथस, त ओमन ला छेमा कर।
31 “जब कोनो अपन परोसी के बिरूध कोनो अपराध करय अऊ ओला किरिया खाय के जरूरत पड़य अऊ ओह आके ये मंदिर म तोर बेदी के आघू म किरिया खावय, 32 त तेंह स्वरग ले सुनके, अपन सेवकमन के बीच म नियाय करबे। अपराधी के काम ला ओकर मुड़ म लानके ओला सजा देबे, अऊ निरदोस के ओकर निरदोसता के मुताबिक नियाय करबे।
33 “जब तोर इसरायली मनखेमन तोर बिरूध पाप करे के कारन, अपन कोनो बईरी ले हार जावंय, अऊ जब ओमन तोर कोति फेर लहुंटंय अऊ ये मंदिर म तोर ले पराथना अऊ बिनती करत, तोर नांव के परसंसा करंय, 34 तब स्वरग ले सुनबे अऊ अपन इसरायली मनखेमन के पाप ला छेमा करबे अऊ ओमन ला ओ देस म लहुंटाके ले आबे, जेला तेंह ओमन के पुरखामन ला देय हस।
35 “तोर मनखेमन के तोर बिरूध पाप करे के कारन, जब अकास ह बंद हो जावय अऊ बरसा नइं होवय, अइसने बेरा म जब ओमन ये जगह कोति होके पराथना करंय अऊ तोर नांव के परसंसा करंय अऊ अपन पाप ले मन फिरावंय, काबरकि तेंह ओमन ला दुख म डाले हस, 36 तब स्वरग ले सुनके अपन सेवक, अपन इसरायली मनखेमन के पाप ला छेमा करबे। ओमन ला जीये के सही रसता सिखाबे, अऊ ओ देस म बारिस भेजबे, जेला तेंह अपन मनखेमन ला उत्तराधिकार म देय हस।
37 “जब देस म अकाल या महामारी आवय, या फसल म रोग या फफूंदी, टिड्डी या फांफामन लगंय, या जब कोनो बईरी ओमन ला ओमन के कोनो सहर म घेर लेवय, याने कोनो भी बिपत्ति या बेमारी आवय, 38 अऊ जब तोर इसरायली मनखेमन के बीच म ले कोनो ओमन के मन के पीरा ला जानके, ये मंदिर कोति अपन हांथ ला फईलाके पराथना या बिनती करय— 39 त तेंह अपन निवास स्वरग ले सुनके छेमा करबे; हर एक के संग ओमन के काम के मुताबिक बरताव करबे, तेंह ओमन के मन के बात ला जानथस (काबरकि सिरिप तेंहीच ह हर एक मनखे के मन ला जानथस), 40 ताकि जऊन देस ला तेंह हमर पुरखामन ला देय हवस, ओ देस म रहत ओमन हर समय तोर भय मानंय।
41 “जहां तक परदेसी के बात ए, जऊन ह तोर इसरायली मनखेमन के बीच म के नो हय, पर ओह तोर नांव ला सुनके दूरिहा देस ले आय हवय— 42 काबरकि परदेसीमन तोर बड़े नांव अऊ बलवंत हांथ अऊ तोर बड़े काम के बारे म सुनहीं—जब ओमन आवंय अऊ ये मंदिर कोति मुहूं करके पराथना करंय, 43 त तेंह स्वरग, अपन निवास स्थान ले सुनबे। जऊन कुछू ओ परदेसी तोर ले मांगय, ओला पूरा करबे, ताकि धरती के जम्मो मनखे तोर नांव ला जानंय अऊ तोर भय मानंय, जइसे कि तोर खुद के इसरायली मनखेमन करथें, अऊ ओमन जानंय कि ये घर ला मेंह तोर नांव बर बनाय हवंव।
44 “जब तेंह अपन मनखेमन ला ओमन के बईरीमन के बिरूध म लड़े बर जिहां कहीं भी पठोथस, अऊ जब ओमन यहोवा करा तोर चुने ये सहर अऊ तोर नांव बर मोर बनाय ये मंदिर कोति होके पराथना करंय, 45 तब तेंह स्वरग ले ओमन के पराथना अऊ बिनती ला सुनबे, अऊ ओमन ला संभालबे।
46 “जब ओमन तोर बिरूध पाप करंय—काबरकि कोनो भी अइसन नइं ए जऊन ह पाप नइं करय—अऊ तेंह ओमन ऊपर गुस्सा होके ओमन ला ओमन के बईरीमन के हांथ म कर देवस, जऊन मन ओमन ला बंदी बनाके बहुंत दूरिहा या लकठा म अपन देस म ले जावंय; 47 अऊ यदि तोर मनखेमन ओ बंदी बनाय गे देस म अपन मन ला बदलंय, अऊ पछताप करंय अऊ बंदी बनाय गय देस म तोर ले बिनती करके कहंय, ‘हमन पाप करे हवन, हमन गलती करे हवन, हमन दुस्टता के काम करे हवन’; 48 अऊ यदि ओमन अपन ओ बईरीमन के देस म, जऊन मन ओमन ला बंदी बनाके ले गे हवंय, अपन पूरा मन अऊ आतमा ले तोर कोति फिरंय, अऊ ओमन के पुरखामन ला तोर दिये देस कोति, तोर चुने सहर कोति अऊ तोर नांव खातिर मोर बनाय ये मंदिर कोति होके तोर ले पराथना करंय; 49 त तेंह स्वरग अपन निवास स्थान ले ओमन के पराथना अऊ ओमन के बिनती ला सुनबे, अऊ ओमन ला संभालबे। 50 अऊ अपन ओ मनखेमन ला छेमा करबे, जऊन मन तोर बिरूध म पाप करे हवंय; ओ जम्मो अपराध ला छेमा करबे, जेला ओमन तोर बिरूध म करे हवंय, अऊ ओमन ला बंधुवई म ले जवइयामन के मन म ओमन बर दया पईदा करबे। 51 काबरकि ओमन तोर मनखे अऊ तोर निज भाग अंय, जेमन ला तेंह मिसर देस ले, ओ लोहा पिघलइया भट्ठी ले बाहिर निकालके लानय।
52 “तोर आंखी तोर सेवक के बिनती अऊ तोर इसरायली मनखेमन कोति लगे रहय, अऊ जब भी ओमन तोर ले गोहारंय, तें ओमन के सुनबे। 53 काबरकि तेंह ओमन ला संसार के जम्मो जाति ले, अपन निज भाग होय बर अलग करे हवस, जइसने कि हे परमपरधान यहोवा, तेंह अपन सेवक मूसा के जरिये कहे रहय, जब तेंह हमर पुरखामन ला मिसर देस ले निकालके लानय।”
54 जब सुलेमान ह यहोवा ले ये जम्मो पराथना अऊ बिनती कर चुकिस, तब ओह यहोवा के बेदी के आघू ले उठिस, जिहां ओह माड़ी टेकके अकास कोति अपन हांथमन ला फईलाय रिहिस। 55 ओह ठाढ़ होईस अऊ इसरायल के जम्मो सभा ला ऊंचहा अवाज म ये कहिके आसीस दीस:
56 “यहोवा के महिमा होवय, जऊन ह अपन वायदा के मुताबिक अपन इसरायली मनखेमन ला बिसराम देय हवय। ओह अपन सेवक मूसा के जरिये जऊन बने वायदामन ला करे रिहिस, ओमा के एको ठन घलो नइं छूटिस। 57 यहोवा हमर परमेसर ह हमर संग रहे, जइसने कि ओह हमर पुरखामन के संग रिहिस; ओह हमन ला कभू झन छोंड़े अऊ कभू झन तियागे। 58 ओह हमर मन ला अपन कोति करय, ताकि हमन ओकर हुकूम के मुताबिक चलन अऊ जऊन हुकूम, बिधि अऊ कानून ओह हमर पुरखामन ला देय रिहिस, ओकर हमन पालन करन। 59 अऊ मोर ये बातमन, जेला मेंह यहोवा के आघू म पराथना के रूप म रखे हवंव, रात अऊ दिन यहोवा हमर परमेसर के लकठा म रहंय, ताकि हर एक दिन के जरूरत के मुताबिक, ओह अपन सेवक अऊ अपन इसरायली मनखेमन के मांग ला पूरा करय, 60 अऊ धरती के जम्मो मनखेमन जानंय कि यहोवा ही परमेसर अय अऊ कोनो दूसर परमेसर नइं ए। 61 अऊ ओकर बिधिमन म चले अऊ ओकर हुकूममन ला माने बर तुम्हर मन ह यहोवा हमर परमेसर कोति पूरा लगे रहय, जइसे कि अभी तुमन करत हव।”
मंदिर के समरपन
62 तब राजा अऊ ओकर संग जम्मो इसरायली मनखेमन यहोवा के आघू म बलिदान चघाईन। 63 सुलेमान ह यहोवा ला मेल-बलिदान चघाईस: बाईस हजार पसु अऊ एक लाख बीस हजार भेड़ अऊ बकरी। ये किसम ले राजा अऊ जम्मो इसरायलीमन यहोवा के मंदिर के समरपन करिन।
64 ओहीच दिन राजा ह यहोवा के मंदिर के आघू के अंगना के मांझा वाले भाग के अभिसेक करिस, अऊ उहां ओह होम-बलिदान, अन्न-बलिदान अऊ मेल-बलिदान के चरबी ला चघाईस, काबरकि जऊन कांसा के बेदी यहोवा के आघू म रिहिस, ओह होम-बलिदान, अन्न-बलिदान अऊ मेल-बलिदान के चरबी ला रखे बर बहुंत छोटे रिहिस।
65 तब ओ बेरा, सुलेमान ह तिहार मनाईस, अऊ ओकर संग जम्मो इसरायलीमन घलो मनाईन—उहां एक बड़े सभा जूरे रिहिस अऊ सभा म लेबो-हमात सहर ले लेके मिसर के नरवा तक के मनखेमन रिहिन। ओमन सात दिन अऊ सात दिन अऊ, याने कि कुल चौदह दिन यहोवा हमर परमेसर के आघू म ये तिहार मनाईन। 66 ओकर दूसर दिन, ओह मनखेमन ला बिदा करिस। मनखेमन राजा ला आसीस दीन अऊ ओ जम्मो बने काम, जऊन ला यहोवा ह अपन सेवक दाऊद अऊ अपन इसरायली मनखेमन बर करे रिहिस, ओकर बर ओमन आनंदित अऊ मगन होके अपन-अपन घर चल दीन।