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एकरसेति, अपनआप ला जम्मो किसम के बईरता, छल-कपट, ढोंगीपन, जलन, अऊ बदनामी ले दूर रखव। नवां जनमे लइकामन सहीं सुध आतमिक दूध के लालसा करव, ताकि एकर दुवारा अपन उद्धार म बढ़ सकव, अब तुमन ये जान गे हवव कि परभू ह बने अय।
जीयत पथरा अऊ परमेसर के चुने मनखेमन
जब तुमन ओकर करा, जऊन ह जीयत पथरा ए, आथव, जऊन ला मनखेमन अस्वीकार करिन, पर ओह परमेसर के नजर म चुने हुए अऊ कीमती अय— त तुमन घलो जीयत पथरामन सहीं एक ठन आतमिक घर*या आतमा के एक मंदिर बनत जावत हव, जेकर ले पबितर पुरोहित बनके अइसने आतमिक बलिदान चघावव, जऊन ह यीसू मसीह के दुवारा परमेसर ला गरहन लईक होवय। काबरकि परमेसर के बचन ह ये कहिथे:
“देखव, मेंह सियोन म एक ठन पथरा रखत हवंव,
ओह चुने हुए अऊ कीमती कोना के पथरा ए,
अऊ जऊन ह ओकर ऊपर बिसवास करथे,
ओह कभू लज्जित नइं होही।”यसा 28:16
अब तुमन बर, जऊन मन बिसवास करथव, ये पथरा ह कीमती ए। पर जऊन मन बिसवास नइं करंय, ओमन बर,
“जऊन पथरा ला घर बनइयामन बेकार समझे रिहिन,
ओहीच ह कोना के पथरा हो गे हवय।”भजन 118:22
अऊ,
“एक ठन पथरा मनखेमन के लड़खड़ाय के
अऊ एक ठन चट्टान, जऊन ह ओमन के गिरे के कारन बनही।”§यसा 8:14
ओमन लड़खड़ाथें, काबरकि ओमन ओ संदेस ला नइं मानंय, जेकर बर ओमन ठहिराय गे रिहिन।
पर तुमन एक चुने बंस, राज-पदधारी पुरोहित, पबितर जाति अऊ परमेसर के खुद के मनखे अव, ताकि तुमन ओकर परसंसा करव, जऊन ह तुमन ला अंधियार म ले अपन अद्भूत अंजोर म बलाय हवय। 10 पहिली तुमन परमेसर के मनखे नइं रहेव, पर अब तुमन परमेसर के मनखे अव; एक समय रिहिस, जब तुमन परमेसर के दया ला नइं पाय रहेव, पर अब तुमन ओकर दया ला पा गे हवव।
11 मयारू संगवारीमन हो, मेंह तुमन ले बिनती करत हंव कि अपनआप ला, ये संसार म परदेसी अऊ अजनबी जानके, पापी ईछा ले बचाय रखव, जऊन ह कि तुम्हर आतमा के बिरोध म लड़थे। 12 मूरती-पूजा करइयामन के बीच म तुम्हर चालचलन ह सही रहय, ताकि कहूं ओमन तुम्हर ऊपर गलत काम करे के दोस लगाथें, त ओ दिन, जब परमेसर ह हमर करा आही, त ओमन हमर बने काममन ला देख सकंय अऊ परमेसर के महिमा करंय।
सासन करइया अऊ मालिकमन के अधीन रहई
13 परभू के हित म, अपनआप ला मनखेमन के बीच ठहिराय हर हाकिम के अधीन रखव; चाहे परधान हाकिम के रूप म राजा के अधीन होवय, 14 या राजपाल के अधीन होवय, काबरकि ओमन कुकरमीमन ला दंड दे बर अऊ बने काम करइयामन के परसंसा करे बर राजा के दुवारा ठहिराय जाथें। 15 काबरकि येह परमेसर के ईछा ए कि भलई करे के दुवारा तुमन मुरूख मनखेमन के अगियानता के बात ला बंद कर देवव। 16 सुतंतर मनखेमन सहीं रहव, पर अपन सुतंतरता के आड़ म बुरई ला तोपे के काम झन करव; परमेसर के सेवकमन सहीं रहव। 17 जम्मो झन के आदर करव; संगी बिसवासीमन ला मया करव; परमेसर के भय मानव अऊ राजा के आदर करव।
18 हे गुलाममन हो, पूरा आदर के संग अपन मालिकमन के अधीन रहव, न सिरिप बने अऊ समझदार मालिक के, पर निरदयी मालिक के भी अधीन रहव। 19 काबरकि यदि कोनो परमेसर ला जानके, अनियाय के दुख-तकलीफ सहथे, त येह परसंसा के बात अय। 20 कहूं तुमन गलत काम करे के कारन मार खाथव अऊ ओला सहथव, त तुम्हर बर येह कोनो बड़ई के बात नो हय। पर कहूं तुमन भलई करे के कारन दुख सहथव, त येह परमेसर के आघू म बड़ई के बात अय। 21 तुमन ला एकरे खातिर बलाय गे रिहिस, काबरकि मसीह ह तुम्हर खातिर दुख भोगिस अऊ तुम्हर बर एक नमूना रखे हवय कि तुमन ओकर मुताबिक चलव।
22 “ओह कोनो पाप नइं करिस,
अऊ ओकर मुहूं ले कोनो कपट के बात नइं निकलिस।”*यसा 53:9
23 जब मनखेमन मसीह के बेजत्ती करिन, त ओकर जबाब म ओह ओमन के बेजत्ती नइं करिस; जब ओह दुख उठाईस, त ओह कोनो धमकी नइं दीस; पर बदले म, ओह अपन आसा परमेसर ऊपर रखिस, जऊन ह धरमी नियायी अय। 24 “ओह खुद हमर पापमन” ला अपन देहें म कुरूस ऊपर उठा लीस, ताकि हमन पाप खातिर मर जावन अऊ धरमीपन खातिर जीयन। “ओकर घावमन के दुवारा तुमन चंगा होय हवव।” 25 काबरकि “तुमन भटके भेड़मन सहीं रहेव,”यसा 53:4, 5, 6 पर अब तुमन चरवाहा अऊ अपन आतमा के रखवार करा लहुंटके आ गे हवव।

*2:5 या आतमा के एक मंदिर

2:6 यसा 28:16

2:7 भजन 118:22

§2:8 यसा 8:14

*2:22 यसा 53:9

2:25 यसा 53:4, 5, 6