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समूएल ह साऊल के अभिसेक करथे
1 बिनयामीन के गोत्र म कीस नांव के एक मनखे रिहिस, जऊन ह अबीएल के बेटा रिहिस, अबीएल ह सरोर के बेटा, सरोर ह बकोरत के बेटा अऊ बकोरत ह अपीह के बेटा रिहिस। कीस ह एक बिनयामीनी अऊ इज्जतदार मनखे रिहिस। 2 ओकर साऊल नांव के एक जवान बेटा रिहिस, जऊन ह सुन्दर रिहिस, अऊ इसरायलीमन म कोनो ओकर ले बढ़के सुन्दर नइं रिहिन; ओह अतेक ऊंच रिहिस कि आने मनखेमन ओकर कंधा तक ही आवत रिहिन।
3 एक दिन साऊल के ददा कीस के गदहामन गंवा गीन, त कीस ह अपन बेटा साऊल ले कहिस, “एक सेवक ला अपन संग म ले जा अऊ गदहामन ला खोजके लान।” 4 तब ओह एपरैम के पहाड़ी देस अऊ सलीसा के इलाका म होवत गीस, पर ओमन ला गदहामन नइं मिलिन। तब ओमन सालीम जिला म गीन, पर गदहामन उहां घलो नइं रिहिन। तब ओमन बिनयामीन के इलाका म होवत गीन, पर गदहामन नइं मिलिन।
5 जब ओमन सूप जिला म हबरिन, त साऊल ह अपन संग के सेवक ला कहिस, “आ, हमन वापिस चलन, नइं तो मोर ददा ह गदहामन के चिंता ला छोंड़के हमर चिंता करे लगही।”
6 पर सेवक ह कहिस, “देख, ये नगर म परमेसर के एक जन हवय, जेह बहुंत आदर योग्य अय, अऊ जऊन भी बात ओह कहिथे, ओह सच हो जाथे। आ, हमन उहां चलबो, हो सकत हे कि ओह हमन ला रद्दा बतावय कि हमन ला कते डहार जाना हे।”
7 साऊल ह अपन सेवक ले कहिस, “यदि हमन ओ मनखे करा जाबो, त ओकर बर का लेके जाबो? हमर झोलामन के जेवन ह खतम हो गे हवय। परमेसर के ओ जन ला देय बर हमर करा भेंट के लईक कोनो चीज नइं ए। हमर करा का हवय?”
8 सेवक ह साऊल ला फेर जबाब दीस, “देख, मोर करा चांदी के एक चौथाई सेकेल*लगभग 3 ग्राम हवय। मेंह येला परमेसर के ओ जन ला दे दूहूं ताकि ओह हमन ला बतावय कि कोन डहार म जाना हे।” 9 (पुराना जमाना म इसरायल म, जब कोनो मनखे परमेसर ले कुछू पुछे बर जावय, त ओह कहय, “आ, हमन अगम-दरसी करा चलबो,” काबरकि आज के अगमजानी ला पहिली अगम-दरसी कहे जावत रिहिस।)
10 तब साऊल ह अपन सेवक ला कहिस, “तेंह सही कहत हस, आ, हमन चलन।” अऊ ओमन ओ नगर ला चलिन, जिहां परमेसर के जन रिहिस।
11 जब ओमन ओ नगर म जाय बर पठार ला चघत रिहिन, त ओमन ला कुछू जवान माईलोगनमन मिलिन, जऊन मन पानी भरे बर निकले रिहिन, अऊ ओमन ओ माईलोगनमन ले पुछिन, “का अगम-दरसी इहां हवय?”
12 ओमन जबाब दीन, “हवय, ओह तुम्हर आघू कोति हवय। अब जल्दी करव; ओह आज ही हमर नगर म आय हवय, काबरकि मनखेमन ऊंचहा जगह म बलिदान करत हवंय। 13 जइसने ही तुमन नगर म हबरहू, वइसने ही ओह तुमन ला ऊंचहा जगह म जेवन करे बर जाय के पहिले मिलही। मनखेमन खाय के सुरू नइं करंय, जब तक ओह नइं आ जाही, काबरकि बलिदान ला ओकर आसीस देना जरूरी अय; ओकर पाछू नेवताहारी मनखेमन खाथें। एकरसेति तुमन अभी ऊपर जावव; इही बेरा म ओह तुमन ला मिलही।”
14 ओमन ऊपर नगर म गीन अऊ जब ओमन नगर के भीतर हबरिन, त समूएल ह ऊंचहा जगह ला जाय बर ओमन कोति आवत रहय।
15 साऊल के आय के एक दिन पहिली, यहोवा ह समूएल ला ये बता दे रिहिस: 16 “कल लगभग अतकेच बेरा, मेंह तोर करा बिनयामीन के देस ले एक मनखे ला पठोहूं। ओला तेंह मोर इसरायली मनखेमन के ऊपर सासन करइया के रूप म अभिसेक करबे; ओह मोर मनखेमन ला पलिस्तीमन के हांथ ले बचाही। मेंह अपन मनखेमन ऊपर किरपा-दिरिस्टी करे हवंव, काबरकि मदद बर ओमन के रोवई ह मोर करा हबरे हवय।”
17 जब समूएल के नजर साऊल ऊपर पड़िस, त यहोवा ह ओला कहिस, “येहीच ह ओ मनखे अय, जेकर बारे म मेंह तोला बताय रहेंव; ओह मोर मनखेमन ऊपर राज करही।”
18 साऊल ह दुवार के लकठा म समूएल करा जाके पुछिस, “किरपा करके मोला बता कि अगम-दरसी के घर कहां हवय?”
19 समूएल ह कहिस, “मेंह अगम-दरसी अंव; तें मोर ले आघू ऊपर ऊंचहा जगह म जा, काबरकि आज तें मोर संग जेवन करबे, अऊ जऊन कुछू तोर मन म हवय, बिहनियां ओ जम्मो बात तोला बताके बिदा करहूं। 20 अऊ तोर जऊन गदहामन तीन दिन पहिली गंवा गे रिहिन, ओमन के चिंता झन कर; ओमन मिल गे हवंय। अऊ कोन ए, जेला इसरायल के जम्मो मनखेमन चाहथें, का येह तें अऊ तोर जम्मो घराना नो हय?”
21 साऊल ह जबाब दीस, “का मेंह इसरायल के सबले छोटे गोत्र के एक बिनयामीनी नो हंव, अऊ का मोर कुल ह बिनयामीन के गोत्र के जम्मो कुलमन म ले छोटे नो हय? तेंह मोला अइसन बात काबर कहत हस?”
22 तब समूएल ह साऊल अऊ ओकर सेवक ला ओ बड़े कोठरी म ले आईस अऊ नेवताहारीमन के खास जगह म बईठा दीस—करीब तीस जन नेवताहारी उहां रिहिन। 23 फेर समूएल ह रसोइया ला कहिस, “ओ मांस के टुकड़ा ला लान, जऊन ला मेंह तोला देके अलग रखे बर कहे रहेंव।”
24 त रसोइया ह मांस समेत जांघ ला उठाके साऊल के आघू म मढ़ा दीस। तब समूएल ह कहिस, “येह ओ चीज अय, जऊन ला तोर बर रखे गे रिहिस। खा, काबरकि येह ओ समय ले तोर बर इही ठहिराय बेरा सेति अलग रखे गे रिहिस, जब मेंह कहे रहेंव, ‘मेंह पहुनामन ला नेवता दे हवंव।’ ” अऊ साऊल ह ओ दिन समूएल के संग जेवन करिस।
25 जब ओमन ऊंचहा जगह ले उतरके नगर म आ गीन, त समूएल ह अपन घर के छानी म साऊल के संग गोठियाईस। 26 ओमन दूसर दिन बड़े बिहनियां सुतके उठिन, अऊ समूएल ह साऊल ला छानी म बलाके कहिस, “तियार हो जा, मेंह तोला बिदा करहूं।” जब साऊल ह तियार हो गीस, त ओह अऊ समूएल एक संग बाहिर निकलिन। 27 जब ओमन खाल्हे नगर के तीर मेर जावत रिहिन, त समूएल ह साऊल ला कहिस, “अपन सेवक ला कह कि ओह हमर ले आघू जावय”—अऊ सेवक ह आघू चल दीस—“पर तें कुछू समय तक इहां रूक, ताकि मेंह तोला परमेसर के एक संदेस सुनावंव।”