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जोखिम के बहुंत काममन म पूंजी लगई
अपन अनाज ला पानी जहाज ले समुंदर के ओ पार भेजव;
बहुंत दिन के बाद तुमन ला येकर लाभ मिल सकथे।
अपन पूंजी सात ठन जोखिम के काम म लगावव, हव, बल्कि आठ ठन म लगावव;
तुमन नइं जानव कि देस म का बिपत्ति आ सकथे।
 
अगर बादरमन पानी ले भरे हवंय,
त ओमन ले धरती म बारिस होथे।
एक रूख ह चाहे दक्खिन म गिरय या उत्तर म गिरय,
जिहां येह गिरथे, उहां येह पड़े रहिही।
जऊन मनखे ह हवा ला देखत रहिथे, ओह बीजा नइं बोए;
अऊ जऊन ह बादरमन ला देखत रहिथे, ओह फसल नइं लुए।
 
जइसे कि तुमन हवा के रसता ला नइं जानव,
या ये नइं जानव कि दाई के गरभ म लइका के देहें ह कइसे बनथे,*या लइका म जिनगी कइसे आथे
ओही किसम ले तुमन परमेसर के काम ला नइं समझ सकव,
जऊन ह कि जम्मो चीज के बनानेवाला ए।
 
अपन बीजा ला बिहनियां ही बो देवव,
अऊ सांझ के आलसी बनके बईठे झन रहव,
काबरकि तुमन नइं जानव
कि कते ह फर दीही, येह या ओह,
या फेर दूनों बराबर बने फर दीहीं।
जवानी म सिरिस्टीकर्ता ला सुरता करव
अंजोर ह मन ला भाथे,
अऊ येह सूरज ला देखे म आंखी ला बने लगथे।
एक मनखे ह बहुंत साल तक जी सकथे,
त ओह जम्मो चीज के आनंद उठाय।
पर ओह अपन अंधियार भरे दिनमन ला सुरता रखय,
काबरकि येमन बहुंते होहीं।
अवइया हर एक चीज ह बेकार ए।
 
हे जवान, तेंह खुस रह, जब तेंह जवान हस,
अऊ तोर हिरदय ह तोला तोर जवानी के दिन म आनंदित करय।
अपन हिरदय के ईछा
अऊ जऊन कुछू तुम्हर आंखी देखथे, ओकर पाछू चलव,
पर ये बात ला जानव कि ये जम्मो चीज बर
परमेसर ह तुम्हर नियाय करही।
10 एकरसेति अपन हिरदय ले दुख ला दूर करव
अऊ अपन देहें के समस्या ला निकाल दव,
काबरकि जवानी अऊ ताकत बेकार अंय।
 

*11:5 या लइका म जिनगी कइसे आथे