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अदार नांव के बारहवां महिना के तेरहवां दिन, राजा के दुवारा दिये गे हुकूम ला पूरा करना रिहिस। ये दिन यहूदीमन के बईरीमन ओमन के ऊपर जय पाय के आसा म रिहिन, पर अब येकर उल्टा हो गीस अऊ यहूदीमन ओ बईरीमन ऊपर भारी पड़िन, जेमन ओमन ले घिन करत रिहिन। यहूदी मनखेमन राजा छयर्स के जम्मो राजमन के अपन-अपन सहर म जूरिन, ताकि ओमन ओ मनखेमन ऊपर हमला करंय, जेमन यहूदीमन ला नास करे के ठाने रिहिन। कोनो मनखे यहूदीमन के सामना नइं कर सकिन, काबरकि आने जम्मो जाति के मनखेमन म यहूदीमन के डर हमा गे रिहिस। अऊ राजमन के जम्मो परभावसाली मनखेमन, हाकिममन, राजपालमन अऊ राजा के अधिकारीमन यहूदीमन के मदद करिन, काबरकि ओमन म मोरदकै के डर हमा गे रिहिस। मोरदकै ह महल म एक बड़े मनखे हो गीस; ओकर नांव ह जम्मो राजमन म फईल गीस, अऊ ओह अऊ सक्तिसाली होवत गीस।
यहूदीमन अपन जम्मो बईरीमन ऊपर तलवार चलाके मार डारिन अऊ ओमन ला नास कर दीन, अऊ ओमन अपन घिन करइयामन ऊपर अपन मन मुताबिक बरताव करिन। सूसनगढ़ के किला म, यहूदीमन पांच सौ मनखे ला मारके नास कर दीन। ओमन परसनदाता, दलपोन, असपाता, पोराता, अदलया, अरीदाता, परमसता, अरीसै, अरीदै अऊ वैजाता ला घलो मार डारिन; 10 ये दस झन हम्मदाता के बेटा हामान के बेटा रिहिन, जऊन ह यहूदीमन के बईरी रिहिस। पर यहूदीमन ओमन के संपत्ति ला नइं लूटिन।
11 ओ दिन सूसनगढ़ के किला म जतेक झन मारे गीन, ओमन के संखिया ला ओहीच दिन राजा ला बता दिये गीस। 12 तब राजा ह एस्तर रानी ला कहिस, “यहूदीमन सूसनगढ़ के किला म पांच सौ मनखे अऊ हामान के दसों बेटामन ला मारके नास कर दे हवंय। राजा के बाकि राजमन म, ओमन न जाने का-का करे हवंय? अब तोर अऊ का निबेदन हे? ओला घलो पूरा करे जाही। तेंह अऊ का मांगत हस? ओ घलो तोला दिये जाही।”
13 एस्तर ह जबाब दीस, “यदि राजा ला ये बात बने लगय, त सूसनगढ़ म यहूदीमन ला अनुमति दिये जावय कि ओमन आज के राजा के हुकूम ला कल घलो करंय, अऊ हामान के दसों बेटामन ला खंभामन म टांग दिये जावय।”
14 राजा ह हुकूम दीस कि अइसने करे जावय। सूसनगढ़ म राजा के ये हुकूम दिये गीस, अऊ ओमन हामान के दसों बेटा ला खंभामन म टांग दीन। 15 सूसनगढ़ म यहूदीमन अदार महिना के चौदहवां दिन जूरिन, अऊ ओमन सूसनगढ़ म तीन सौ मनखे ला मार डारिन, पर यहूदीमन ओमन के संपत्ति ला नइं लूटिन।
16 इही बीच म, राजा के राजमन के बाकि यहूदीमन घलो जूरिन, ताकि ओमन अपनआप ला बचा सकंय अऊ अपन बईरीमन के सतावा ले छुटकारा पा सकंय। ओमन अपन बईरीमन म ले पचहत्तर हजार मनखेमन ला मार डारिन, पर ओमन ओमन के संपत्ति ला नइं लूटिन। 17 ये काम ला अदार महिना के तेरहवां दिन म करे गीस, अऊ चौदहवां दिन, ओमन अराम करिन अऊ ओ दिन ओमन जेवनार करिन अऊ आनंद मनाईन।
18 पर सूसनगढ़ के यहूदीमन अदार महिना के तेरहवां अऊ चौदहवां दिन जूरिन, अऊ तब पंदरहवां दिन, ओमन अराम करिन अऊ ओ दिन ओमन जेवनार करिन अऊ आनंद मनाईन।
19 येकरे कारन देहात के यहूदी—जऊन मन गांव म रहिथें, ओमन अदार के महिना के चौदहवां दिन ला आनंद अऊ जेवनार के दिन के रूप म अऊ एक-दूसर ला उपहार देय के दिन के रूप म मनाथें।
पुरीम स्थापित करे जाथे
20 ये घटनामन ला मोरदकै ह लिखिस, अऊ ओह राजा छयर्स के जम्मो राजमन म, लकठा अऊ दूरिहा म रहइया जम्मो यहूदीमन करा चिट्ठी भेजिस, 21 ताकि ओमन हर साल अदार महिना के चौदहवां अऊ पंदरहवां दिन उत्सव मनावंय, 22 काबरकि येह ओ समय रिहिस, जब यहूदीमन अपन बईरीमन ले छुटकारा पाईन, अऊ ये ओ महिना रिहिस, जब ओमन के दुख ह आनंद म अऊ ओमन के सोक ह उत्सव म बदल गे रिहिस। ओह ओमन ला लिखिस कि ओमन ओ दिनमन ला जेवनार अऊ आनंद अऊ एक-दूसर करा जेवन के उपहार भेजई अऊ गरीबमन ला ईनाम देवई के दिन के रूप म मानंय।
23 तब यहूदीमन मोरदकै के लिखे चिट्ठी के मुताबिक हर साल ओ उत्सव ला मनाय बर सहमत हो गीन, जेला कि ओमन ओ साल सुरू करे रिहिन। 24 काबरकि हम्मदाता अगागी के बेटा हामान, जऊन ह जम्मो यहूदीमन के बईरी रिहिस, ओह यहूदीमन ला नास करे के उपाय रचे रिहिस अऊ ओमन के बरबादी अऊ बिनास बर पुर (चिट्ठी) डाले रिहिस। 25 पर जब ये साजिस के बारे म राजा ला बताय गीस, त ओह लिखित म ये हुकूम दीस कि जऊन दुस्ट योजना हामान ह यहूदीमन के बिरोध म बनाय हवय, ओ योजना ला ओकर ही ऊपर पूरा करे जावय, अऊ ओला अऊ ओकर बेटामन ला खंभा म टांग दिये जावय। 26 (एकरसेति ये दिनमन ला पुर सबद के कारन पुरीम कहे गीस।) ये चिट्ठी म लिखे जम्मो बात के कारन अऊ जऊन कुछू यहूदीमन देखे रिहिन अऊ जऊन कुछू ओमन ऊपर होय रिहिस, ये जम्मो के कारन, 27 यहूदीमन अपन बर एक रिवाज बनाईन कि ओमन अऊ ओमन के संतानमन अऊ ओ जम्मो, जेमन ओमन के संग मिल गे हवंय, ये जम्मो के जम्मो हर साल ये दू दिन बिगर भूले उत्सव मनावंय अऊ ये उत्सव चिट्ठी म लिखे बात के मुताबिक ठहिराय गे समय म ही मनाय जावय। 28 ये दिनमन ला हर पीढ़ी म हर एक परिवार के दुवारा मनाय जावय, अऊ येला हर राज अऊ हर सहर म मनाय जावय। अऊ पुरीम के ये दिनमन ला यहूदीमन के दुवारा बिगर कभू भूले मनाय जावय—अऊ न ही ओमन के संतानमन ये दिनमन ला कभू भूलंय।
29 त फेर अबीहैल के बेटी एस्तर रानी, मोरदकै यहूदी के संग पूरा अधिकार से मजबूत करे बर पुरीम के बारे म ये दूसर चिट्ठी लिखिस। 30 अऊ मोरदकै ह छयर्स राजा के 127 राज के जम्मो यहूदीमन ला सद्भावना अऊ भरोसा के चिट्ठी लिख भेजिस, 31 ताकि ओमन मोरदकै यहूदी अऊ एस्तर रानी के दिये हुकूम के मुताबिक पुरीम के ये दिनमन ला अपन ठहिराय गे समय म मानंय, अऊ जइसने कि ओमन अपन अऊ अपन संतानमन बर उपास अऊ सोक के समय ठहिराय रिहिन। 32 एस्तर के हुकूम ह पुरीम के बारे म ये नियममन ला मजबूत करिस, अऊ येला किताब म लिखके रखे गीस।