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बेदी के फेर बनई
1 बेबिलोन ले लहुंटे के बाद, जब सातवां महिना आईस, अऊ इसरायलीमन अपन-अपन नगर म बस गीन, त मनखेमन यरूसलेम म एक मन होके जमा होईन। 2 तब योसादाक के बेटा यहोसू अऊ ओकर संगी पुरोहितमन अऊ सालतीएल के बेटा जरूब्बाबेल अऊ ओकर सहायकमन इसरायल के परमेसर के बेदी ला बनाय के सुरू करिन ताकि ओमा परमेसर के जन मूसा के कानून म लिखे मुताबिक होम-बलिदान चघाय जावय। 3 अपन आसपास के मनखेमन के डर के बावजूद, ओमन बेदी ला ओकरेच नीव म बनाईन अऊ येमा यहोवा बर हर रोज बिहनियां अऊ सांझकुन होम-बलिदान चघाय लगिन। 4 तब कानून म लिखे मुताबिक, ओमन पबितर-तम्बूमन के तिहार ला मानिन, अऊ संग म हर दिन जरूरी होम-बलिदानमन ला चघाईन। 5 ओकर बाद ओमन नियमित होम-बलिदान, नवां चंदा के बलिदान अऊ ठहिराय गय यहोवा के जम्मो पबितर तिहारमन के बलिदान अऊ संग म लाय गय यहोवा बर स्वेच्छा-बलिदान घलो चघाईन। 6 सातवां महिना के पहिले दिन ले ओमन यहोवा ला होम-बलिदान चघाय लगिन, हालाकि यहोवा के मंदिर के नीव तब तक नइं डारे गे रिहिस।
मंदिर ला फेर से बनई
7 तब मनखेमन राज-मिसतिरीमन ला अऊ बढ़ईमन ला रूपिया, अऊ सीदोन अऊ सूर के मनखेमन ला खाय-पीये के चीज अऊ तेल दीन, ताकि ओमन फारस के राजा कुसरू के अनुमति के मुताबिक देवदार के लकरी लबानोन ले यापा तक समुंदर के जरिये अमरांय।
8 दूसर बरस के दूसर महिना म परमेसर के भवन यरूसलेम म ओमन के हबरे के पाछू, सालतीएल के बेटा जरूब्बाबेल अऊ योसादाक के बेटा यहोसू अऊ बाकि मनखेमन (पुरोहित अऊ लेवी, अऊ जतेक बंधुवई ले यरूसलेम लहुंटे रिहिन) काम ला सुरू करिन। ओमन बीस बरस अऊ ओकर ले जादा उमर के लेवीमन ला यहोवा के भवन म काम के देखरेख करे बर नियुक्त करिन। 9 यहोसू अऊ ओकर बेटा अऊ भाईमन, अऊ कदमीएल अऊ ओकर बेटामन (होदवियाह के संतानमन) अऊ हेनादाद के बेटामन अऊ ओमन के बेटा अऊ भाईमन—सबो लेवीमन—परमेसर के भवन म कारीगरमन के काम के देखरेख करे बर एक संग जूरिन।
10 जब भवन के बनइयामन यहोवा के मंदिर के नीव डारिन, तब अपन ओनहा पहिरे, अऊ तुरहीमन ला धरे पुरोहितमन, अऊ लेवीमन (आसाप के बेटामन) झांझमन ला धरके यहोवा के परसंसा करे बर अपन-अपन जगह ले लीन, जइसे कि इसरायल के राजा दाऊद के दुवारा बताय गे रिहिस। 11 परसंसा अऊ धनबाद के संग यहोवा बर अइसने गीत गाईन:
“ओह बने अय;
ओकर मया ह इसरायल बर हमेसा बने रहिथे।”
तब जम्मो मनखेमन ये जानके कि यहोवा के भवन के नीव अब रखे जावत हे, अब्बड़ चिचियाके यहोवा के परसंसा करे लगिन। 12 पर कतको सियान पुरोहित अऊ लेवी अऊ परिवार के मुखियामन, जेमन पहिले के मंदिर ला देखे रिहिन, जब ये मंदिर के नीव ला रखत देखिन, त ओमन फूट-फूटके रोवन लगिन, अऊ कतको आने मनखेमन आनंद के मारे जय-जयकार करे लगिन। 13 एकरसेति मनखेमन, आनंद के जय-जयकार के सबद ले मनखेमन के रोये के सबद ला अलग पहिचान नइं सकिन, काबरकि मनखेमन बहुंत कोलाहल करत रिहिन। अऊ ओ अवाज ह दूरिहा तक सुनई देवत रिहिस।