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हर एक महा पुरोहित ह मनखेमन ले चुने जाथे अऊ ओह मनखेमन कोति ले परमेसर के सेवा करे बर ठहिराय जाथे कि ओह परमेसर ला पाप खातिर भेंट अऊ बलिदान चघावय। ओह अगियानी अऊ भटके मनखेमन ले नरमी से बरताव करे के योग्य अय, काबरकि ओह खुद एक निरबल मनखे ए। एकरे कारन, ओला खुद के पाप खातिर अऊ संगे-संग मनखेमन के पाप खातिर बलिदान चघाना जरूरी ए। कोनो खुद होके आदर के ये पद ला नइं लेवय; ओकर बुलाहट परमेसर के दुवारा होना जरूरी ए, जइसने कि हारून ह बलाय गे रिहिस।
एकरसेति, मसीह घलो महा पुरोहित बने के महिमा ला अपन ऊपर नइं लीस। पर परमेसर ह ओला कहिस,
“तेंह मोर बेटा अस;
आज मेंह तोर ददा बन गे हवंव।”*भजन 2:7
ओह दूसर जगह म घलो कहिथे,
“तेंह मलकिसिदक के सहीं
सदाकाल बर एक पुरोहित अस।”भजन 110:4
धरती म जब यीसू ह सरीर म रिहिस, त ओह चिचिया-चिचियाके अऊ आंसू बोहाके परमेसर ले पराथना अऊ बिनती करिस, जऊन ह ओला मिरतू ले बचा सकत रिहिस, अऊ ओकर भक्ति के कारन, परमेसर ह ओकर बात ला सुनिस। ओह परमेसर के बेटा रिहिस, पर दुख सहे के दुवारा, ओह हुकूम माने बर सिखिस, अऊ जब ओह सिद्ध हो गीस, त ओह ओ जम्मो मन बर सदाकाल के उद्धार के जरिया बन गीस, जऊन मन ओकर हुकूम ला मानथें, 10 अऊ मलकिसिदक के सहीं, परमेसर ह ओला महा पुरोहित के पद दीस।
बिसवास ले दूरिहा होय के बिरोध म चेतउनी
11 एकर बारे म कहे बर, हमर करा कतको बात हवय, पर येला समझाना कठिन ए, काबरकि तुमन अब समझे के कोसिस नइं करव। 12 वास्तव म, अब तक तुमन ला गुरू जरूर बन जाना रिहिस, पर अभी घलो ये बात के जरूरत हवय कि कोनो तुमन ला फेर परमेसर के बचन के सुरू के बातमन ला सिखोवय। ठोस भोजन के बदले, तुमन ला अभी घलो दूध के जरूरत हवय। 13 जऊन ह दूध पीके जीथे, ओला धरमीपन के पहिचान नइं रहय, काबरकि ओह अभी तक लइका हवय। 14 पर ठोस भोजन ह सियाना मनखेमन बर अय, जऊन मन लगातार अभियास के दुवारा भलई अऊ बुरई के पहिचान करे म, अपनआप ला पक्का कर ले हवंय।

*5:5 भजन 2:7

5:6 भजन 110:4