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नवां करार के महा पुरोहित
1 हमर कहे के सार बात ये अय: हमर करा एक अइसने महा पुरोहित हवय, जऊन ह स्वरग म महामहिम परमेसर के सिंघासन के जेवनी हांथ कोति जा बईठिस, 2 अऊ ओह ओ पबितर-स्थान म सेवा करथे, जऊन ह सही के पबितर-तम्बू ए अऊ येह मनखे के दुवारा नइं, पर परभू के दुवारा खड़े करे गे हवय।
3 हर एक महा पुरोहित ह भेंट अऊ बलिदान चघाय बर ठहिराय जाथे, एकरसेति ये महा पुरोहित बर घलो जरूरी रिहिस कि ओकर करा चघाय बर कुछू रहय। 4 यदि ओह धरती म होतिस, त ओह एक पुरोहित नइं होतिस, काबरकि मूसा के कानून के मुताबिक भेंट चघाय बर पहिले से पुरोहितमन हवंय। 5 जऊन सेवा ओमन पुरोहित के रूप म पबितर-स्थान म करथें, ओह ओकर एक नकल अऊ छइहां ए, जऊन ह स्वरग म हवय। एकरसेति जब मूसा ह पबितर-तम्बू ला बनइया रिहिस, त ओला ये चेतउनी मिले रिहिस: “धियान रहय कि जऊन नमूना तोला पहाड़ ऊपर देखाय गीस, ओकरे मुताबिक ही तेंह हर एक चीज ला बनाबे।”*निर 25:40 6 पर जऊन सेवकई यीसू ला मिले हवय, ओह अऊ उत्तम अय, जइसने कि ओ करार जेकर मध्यस्थ यीसू अय, जुन्ना करार ले अऊ उत्तम अय, काबरकि येह अऊ उत्तम परतिगियां ऊपर अधारित हवय।
7 यदि पहिली करार म कुछू गलती नइं होतिस, त दूसर करार के जरूरत नइं होतिस। 8 पर परमेसर ह मनखेमन ला दोसी पाईस अऊ कहिस:
“ओ दिनमन आवत हें, परभू ह घोसना करत हे,
जब मेंह इसरायल के मनखेमन संग
अऊ यहूदा के मनखेमन संग
एक नवां करार करहूं।
9 येह ओ करार सहीं नइं होही,
जेला मेंह ओमन के पुरखामन संग करे रहेंव,
जब मेंह ओमन के हांथ धरके ओमन ला
मिसर देस ले निकाल लानेंव,
काबरकि ओमन मोर करार के पालन नइं करिन,
एकर खातिर मेंह ओमन के खियाल नइं रखेंव,
परभू ह घोसना करत हे।
10 ओ समय के बाद, मेंह इसरायल के मनखेमन संग ये करार करहूं,
परभू ह घोसना करत हे।
मेंह अपन कानून ला ओमन के मन म डालहूं
अऊ ओमन ला ओमन के हिरदय म लिखहूं।
मेंह ओमन के परमेसर होहूं
अऊ ओमन मोर मनखे होहीं।
11 ओमन अपन परोसी ला फेर ये कभू नइं सिखोहीं,
या एक-दूसर ला ये नइं कहिहीं, ‘परभू ला जानव,’
काबरकि छोटे ले लेके बड़े तक,
ओ जम्मो झन मोला जानहीं।
12 काबरकि मेंह ओमन के अधरम ला छेमा करहूं,
अऊ ओमन के पाप ला फेर सुरता नइं करहूं।”†यर 31:31‑34
13 ये करार ला “नवां करार” कहे के दुवारा, परमेसर ह पहिली के करार ला बिगर काम के ठहिराईस; अऊ जऊन चीज ह बिगर काम के अऊ जुन्ना हो जाथे, ओह जल्दी लोप हो जाही।