8
इसरायल के फर भोगई
1 “तुरही ला अपन ओंठ म रखव!
एक गिधवा ह यहोवा के घर ऊपर हवय
काबरकि मोर मनखेमन मोर करार ला टोरे हवंय
अऊ मोर कानून के बिरूध बिदरोह करे हवंय।
2 इसरायल ह मोला पुकारके कहत हे,
‘हे हमर परमेसर, हमन तोला मानथन!’
3 पर इसरायल ह भलई ला अस्वीकार करे हवय;
एक बईरी ह ओकर पीछा करही।
4 ओमन मोर बिगर सहमती के राजामन ला ठहिराथें,
ओमन बिगर मोर सहमती के हाकिममन ला चुनथें।
ओमन अपन सोन अऊ चांदी ले
अपन बिनास बर
मूरतीमन ला बनाथें।
5 हे सामरिया, अपन बछवा के मूरती ला बाहिर फटिक दे!
मोर गुस्सा ओमन ऊपर भड़कत हे।
ओमन कब तक सुध होय के काबिल नइं होहीं?
6 ओमन इसरायल के अंय!
ये बछवा—एक कारीगर ह येला बनाय हवय;
येह परमेसर नो हय।
सामरिया के ओ बछवा ला
कुटा-कुटा कर दिये जाही।
7 “ओमन हवा ला बोथें,
अऊ बवंडर रूपी फसल लूथें।
फसल के डंठल म बाली नइं ए;
येमा ले पीसान नइं मिलय।
कहूं येकर ले अनाज पईदा होतिस,
त परदेसीमन ओला खा जातिन।
8 इसरायल ला लील लिये गे हवय;
अब ओह जाति-जाति के मनखेमन के बीच म अइसन हवय
जऊन ला कोनो पसंद नइं करंय।
9 काबरकि ओमन एक भटके जंगली गदहा सहीं
अस्सूर देस चले गे हवंय।
एपरैम ह अपनआप ला मयारूमन के हांथ म बेच दे हवय।
10 हालाकि ओमन अपनआप ला जाति-जाति के मनखेमन के बीच म बेच दे हवंय,
तभो ले मेंह अब ओमन ला एक संग इकट्ठा करहूं।
सक्तिसाली राजा के सताव के कारन
ओमन नास होय लगहीं।
11 “हालाकि एपरैम ह पाप-बलिदान बर बहुंत अकन बेदीमन ला बनाईस,
पर ये बेदीमन ओकर पाप करे के कारन बन गे हवंय।
12 मेंह ओमन बर अपन कानून के बहुंत बात लिखेंव,
पर ओमन ओ बातमन ला बाहिर के समझिन।
13 हालाकि ओमन भेंट के रूप म बलिदान चघाथें,
अऊ हालाकि ओमन मांस खाथें,
पर यहोवा ह ओमन ले खुस नइं ए।
अब ओह ओमन के दुस्टता के काममन ला सुरता करही
अऊ ओमन के पाप खातिर सजा दीही:
ओमन मिसर देस ला लहुंटहीं।
14 इसरायल ह अपन बनानेवाला ला भुला गे हवय
अऊ महलमन ला बनाय हवय;
यहूदा ह बहुंते नगरमन ला किलाबंदी करे हवय।
पर मेंह ओमन के सहरमन म आगी लगा दूहूं
जेकर ले ओमन के गढ़मन जलके भसम हो जाहीं।”