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अंगूर के बारी के गीत
मेंह अपन मयारू बर गीत गाहूं
ओकर अंगूर के बारी के बारे म एक ठन गीत गाहूं:
एक बहुंत उपजाऊ पहाड़ी ऊपर
मोर मयारू के एक ठन अंगूर के बारी रिहिस।
ओह ओकर माटी खनिस अऊ ओमा के पथरामन ला हटाईस
अऊ ओमा सबले उत्तम अंगूर के नारमन ला लगाईस।
पहरा देय बर ओह ओमा एक गुम्मट बनाईस
अऊ एक ठन अंगूर के रसकुंड घलो बनाईस।
तब ओह उत्तम अंगूर के फसल के इंतजार करिस,
पर ओमा सिरिप खराप अंगूर ही फरिस।
 
“अब हे यरूसलेम के रहइया अऊ यहूदा के मनखेमन,
मोर अऊ मोर अंगूर के बारी के बीच नियाय करव।
मोर अंगूर के बारी बर अऊ का खंग गीस
जऊन ला मेंह नइं करेंव?
जब मेंह उत्तम अंगूर के आसा करेंव,
त ओमा सिरिप खराप अंगूर ही काबर फरिस?
अब मेंह तुमन ला बताहूं
कि मेंह अपन अंगूर के बारी के का करइया हंव:
मेंह येकर कांटा के रूंधान ला हटा दूहूं,
ताकि येह नास हो जावय;
मेंह येकर चारों कोति के बाड़ा ला गिरा दूहूं,
ताकि ये बारी ला कुचर दिये जावय।
मेंह येला उजार दूहूं,
येला न तो काटे जाही अऊ न ही जोते जाही,
अऊ ओमा नाना किसम के कंटिला रूख अऊ पऊधा जामहीं।
मेंह बादरमन ला हुकूम दूहूं
कि ओकर ऊपर पानी झन बरसावंय।”
 
सर्वसक्तिमान यहोवा के
अंगूर के बारी ह इसरायली जाति अय,
अऊ यहूदा के मनखेमन
ओकर मनभावन अंगूर के नार अंय।
अऊ ओह ओमा नियाय के आसा करिस, पर ओला अनियाय ही दिखाई दीस;
ओह धरमीपन के आसा करिस, पर ओला रोवई अऊ दुख ही दिखाई दीस।
सराप अऊ नियाय
ओमन ऊपर हाय, जेमन घर ले घर,
अऊ खेत ले खेत ला इहां तक मिलात जाथें
कि कुछू जगह नइं बांचय
अऊ ओमन देस म अकेला रहिथें।
सर्वसक्तिमान यहोवा ह मोर सुनत म घोसना करे हवय:
“खचित बड़े-बड़े घरमन सुनसान हो जाहीं,
सुघर हवेलीमन बिगर मनखे के खाली पड़े होहीं।
10 दस एकड़ के अंगूर के बारी ले सिरिप एक बत*लगभग 22 लीटर अंगूर के मंद मिलही;
अऊ होमेरलगभग 160 किलोग्राम भर के बीज ले सिरिप एक एपालगभग 16 किलोग्राम अनाज पईदा होही।”
 
11 ओमन ऊपर हाय, जेमन मंद पीये बर
बड़े बिहनियां उठथें,
अऊ बहुंत रथिया तक पीयत रहिथें
जब तक कि ओमन पूरा मात नइं जावंय।
12 ओमन के जेवनारमन म बीना, सारंगी,
डफ, बांसुरी अऊ अंगूर के मंद होथे,
पर ओमन यहोवा के काम कोति धियान नइं देवंय,
अऊ न ही ओकर हांथ के काम बर ओमन के मन म कोनो आदर होथे।
13 एकरसेति समझ के कमी के कारन
मोर मनखेमन बंधुवई म चल दीहीं;
ऊंच पदवाले मनखेमन भूख म मर जाहीं
अऊ सधारन मनखेमन पीयास म बियाकुल होहीं।
14 एकरसेति मिरतू ह अपन जबड़ा ला
फारके अपन मुहूं ला खोलथे;
ओमन के परभावसाली मनखे अऊ मनखेमन के भीड़ ह
ओमन के जम्मो झगरा करइया अऊ आनंद मनइयामन के संग ओ मुहूं म चल दीहीं।
15 सधारन मनखेमन दबाय जाहीं
अऊ हर एक जन नम्र करे जाही,
घमंडीमन के आंखी ला झुकाय जाही।
16 पर सर्वसक्तिमान यहोवा ह अपन नियाय के दुवारा ऊपर उठही,
अऊ पबितर परमेसर ह अपन धरमी काममन के दुवारा पबितर ठहिरही।
17 तब भेड़मन अपन चरागन म चरहीं;
मेढ़ा-पीलामन§इबरानी म अजनबीमन ला धनवानमन के उजरे जगह म खाय बर मिलही।
 
18 ओमन ऊपर हाय, जेमन पाप ला धोखा के डोरी,
अऊ दुस्टता ला गाड़ी के रस्सी ले खींचथें,
19 जेमन कहिथें, “परमेसर ह जल्दी करय;
ओह अपन काम ला जल्दी करय
ताकि हमन ओला देखन।
इसरायल के पबितर परमेसर के योजना—
येह आवय, येह नजर म आवय,
ताकि हमन ओला जानन।”
 
20 ओमन ऊपर हाय, जेमन बुरा ला भला
अऊ भला ला बुरा कहिथें,
जेमन अंधियार ला अंजोर
अऊ अंजोर ला अंधियार कहिथें,
जेमन करू ला मीठ
अऊ मीठ ला करू कर देथें।
 
21 ओमन ऊपर हाय, जेमन अपन खुद के आंखी म बुद्धिमान
अऊ अपन खुद के नजर म होसियार अंय।
 
22 ओमन ऊपर हाय, जेमन अंगूर के मंद पीये म बीर
अऊ मंद ला कड़ा बनाय म माहिर अंय,
23 जऊन मन घूस लेके दोसी मनखे ला छोंड़ देथें,
अऊ निरदोस मनखे ला दोसी ठहिराथें।
24 एकरसेति, जइसने आगी के जुवाला ले पैंरा ह भसम हो जाथे
अऊ सूखा घांस ह जलके राख हो जाथे,
वइसने ही ओमन के जरी ह सर जाही
अऊ ओमन के फूलमन धुर्रा सहीं उड़िया जाहीं;
काबरकि ओमन सर्वसक्तिमान यहोवा के कानून ला स्वीकार नइं करिन
अऊ इसरायल के पबितर जन के बचन ला तुछ समझिन।
25 एकरसेति यहोवा के रिस ह अपन मनखेमन ऊपर भड़कथे;
ओह अपन हांथ ले ओमन ला मारथे।
पहाड़मन कांपथें,
अऊ मनखेमन के लास ह गलीमन म कचरा सहीं परे हवंय।
 
एकर बाद घलो ओकर रिस नइं थमिस,
ओकर हांथ ह अभी घलो उठे हवय।
 
26 ओह दूरिहा-दूरिहा के जाति के मनखेमन बर एक झंडा ठाढ़ करथे,
ओह धरती के छोर के मनखेमन ला सीटी बजाके बलाथे।
ओमन आथें,
ओमन तेजी से अऊ दऊड़त आथें!
27 ओमा के कोनो घलो न तो थकंय अऊ न ही कोनो हपटंय,
न कोनो ओंघावंय अऊ न ही सुतंय;
न तो काकरो कमरपट्टा ह ढीला होथे,
अऊ न ही काकरो पनही के बंधना ह टूटथे।
28 ओमन के तीरमन चोख होथें,
अऊ ओमन के जम्मो धनुसमन तनाय रहिथें;
ओमन के घोड़ामन के खुरमन पथरा कस,
अऊ ओमन के रथमन के चक्कामन बवंडर सहीं लगथें।
29 ओमन के गरजन ह सिंह के गरजन सहीं होथे,
ओमन जवान सिंह के सही गरजथें;
ओमन गुर्राके अपन सिकार ऊपर झपटथें
अऊ ओला उठाके ले जाथें, जेला कोनो छोंड़ाय नइं सकंय।
30 ओ दिन ओमन येकर ऊपर
समुंदर के गरजन सहीं गरजहीं।
अऊ यदि कोनो ओ देस कोति देखही,
त ओला सिरिप अंधियार अऊ संकट ही दिखाई दीही;
अऊ त अऊ सूरज घलो बादरमन म लुकाके अंधियार हो जाही।

*5:10 लगभग 22 लीटर

5:10 लगभग 160 किलोग्राम

5:10 लगभग 16 किलोग्राम

§5:17 इबरानी म अजनबीमन