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परमेसर बर इस्तुति गीत
हे यहोवा, तें मोर परमेसर अस;
मेंह तोर महिमा करत तोला ऊपर उठाहूं अऊ तोर नांव के परसंसा करहूं,
काबरकि पूरा बिसवासयोग्यता म
तेंह अद्भूत काम करे हस,
ओ काम जेकर योजना बहुंत पहिले बनाय गे रिहिस।
तेंह सहर ला कचरा के एक ढेर बना दे हस,
गढ़वाले नगर ला खंडहर बना दे हस,
परदेसीमन के मजबूत गढ़वाला सहर अब नइं ए;
येला फेर कभू बसाय नइं जावय।
एकरसेति बलवान मनखेमन तोर आदर करहीं;
निरदयी जातिमन के नगरमन तोर आदर करहीं।
तेंह गरीबमन बर एक सरन-स्थान,
जरूरतमंद बर ओमन के बिपत्ति म एक सरन-स्थान,
आंधी म एक आसरय,
अऊ घाम म एक छइहां के जगह रहे हस।
काबरकि निरदयी के सांस ह
दीवार म टकरावत एक आंधी के सहीं
अऊ मरू-भुइयां के गरमी सहीं अय।
तेंह परदेसीमन के कोलाहल ला वइसने सांत करथस;
जइसने बादर के छइहां के दुवारा गरमी ह सांत होथे,
ओही किसम ले निरदयी के गीत ह सांत हो जाथे।
 
ये पहाड़ ऊपर सर्वसक्तिमान यहोवा ह
जम्मो मनखेमन बर बढ़िया जेवन के एक भोज तियार करही,
पुराना अंगूर के मंद के एक जेवनार—
सबले बढ़िया मांस अऊ सबले बढ़िया अंगूर के मंद होही।
ये पहाड़ ऊपर, ओह ओ परदा ला नास करही
जऊन ह जम्मो मनखेमन ला लपेटके रखथे,
ओ चादर, जऊन ह सब जातिमन ला ढांपे हवय;
ओह मऊत ला हमेसा बर नास कर दीही।
परमपरधान यहोवा ह सबो के चेहरा ले
आंसू ला पोंछ दीही;
ओह पूरा धरती ले
अपन मनखेमन के कलंक ला हटा दीही।
यहोवा ह कहे हवय।
ओ दिन ओमन कहिहीं,
“खचित येह हमर परमेसर अय;
हमन ओकर ऊपर भरोसा करेंन, अऊ ओह हमर उद्धार करिस।
येह यहोवा अय, हमन ओकर भरोसा करे हवन;
आवव, हमन ओकर उद्धार म आनंद अऊ खुसी मनावन।”
 
10 यहोवा के हांथ ह ये पहाड़ ऊपर बने रहिही;
पर मोआब ह ओमन के देस म अइसन रऊंदे जाही
जइसन पैंरा ह खातू म रऊंदे जाथे।
11 ओमन*या मोआबीमन येमा अपन हांथ अइसन फईलाहीं,
जइसन तउंरइयामन तउंरे बर अपन हांथ फईलाथें।
पर ओमन के हांथ के चतुरई के बावजूद
परमेसर ह ओमन के घमंड ला टोर दीही।
12 ओह तुम्हर ऊंच गढ़वाले दीवारमन ला खाल्हे ले आही
अऊ खाल्हे गिरा दीही;
ओह ओमन ला भुइयां म ले आही,
अऊ माटी म मिला दीही।

*25:11 या मोआबीमन