5
1 “यदि तोर ईछा हवय, त पुकार, पर तोला कोन जबाब दीही?
पबितर जन म ले तेंह काकर कोति सहायता बर लहुंटबे?
2 तमकई ह तो मुरूख मनखे ला मार डारथे,
अऊ जलन ह सीधवा मनखे ला मार डारथे।
3 मेंह खुद मुरूख मनखे ला बढ़त देखे हंव,
पर अचानक ओकर घर ह सरापित हो गीस।
4 ओकर लइकामन सुरकछित नइं एं,
ओमन अदालत म कुचरे जाथें, अऊ ओमन के बचाव करइया कोनो नइं ए।
5 भूखहा मनखेमन ओकर फसल ला खा जाथें,
इहां तक कि ओमन कांटा-खूंटी के बीच ले घलो फसल ला ले लेथें,
अऊ पीयासा मनखेमन ओकर धन ला हड़प लेथें।
6 काबरकि बिपत्ति ह माटी ले नइं उपजय,
अऊ न ही समस्या ह भुइयां म ले उगय।
7 जइसे चिंगारीमन ऊपर कोति ही उड़थें,
वइसे ही मनखे ह दुख भोगे बर जनमे हवय।
8 “पर यदि मेंह तोर स्थिति म होतेंव, त में परमेसर ले पराथना करतेंव;
में अपन बात ओकर आघू म रखतेंव।
9 ओह अद्भूत काम करथे, जेला समझे नइं जा सकय
अऊ ओह चमतकार करथे, जेला गने नइं जा सकय।
10 ओह धरती म बारिस करथे;
ओह खेतमन म पानी पठोथे।
11 छोटे मनखेमन ला ओह ऊंचहा जगह म बईठारथे,
अऊ सोक करइया मनखेमन ला ओह सुरकछा देथे।
12 ओह चतुरामन के योजना ला बिफल कर देथे,
जेकर ले ओमन ला सफलता नइं मिलय।
13 ओह बुद्धिमानमन ला ओहीचमन के चतुरई म फंसो देथे,
अऊ चलाकमन के योजना ह बिफल हो जाथे।
14 दिन म ही ओमन के ऊपर अंधियार छा जाथे;
मंझन के बेरा ओमन रथिया कस टमड़े लगथें।
15 ओह जरूरतमंद मनखेमन ला ओमन के बोली के चोखा तलवार ले बचाथे;
ओह ओमन ला बलवानमन के हांथ ले बचाथे।
16 एकरसेति गरीबमन ला आसा होथे,
अऊ अनियायीमन अपन मुहूं बंद रखथें।
17 “धइन अय ओ मनखे, जऊन ला परमेसर ह सुधारथे;
एकरसेति सर्वसक्तिमान के ताड़ना ला तुछ झन जान।
18 काबरकि ओह चोट पहुंचाथे, पर ओहीच ह पट्टी घलो बांधथे;
ओह घायल करथे, पर ओकर हांथमन घायल ला बने घलो करथें।
19 छै बिपत्तिमन ले ओह तोला छोंड़ाही;
सातवां म घलो तोर कुछू हानि नइं होही।
20 दुकाल म ओह तोला मिरतू ले,
अऊ लड़ई म तलवार के वार ले बचाही।
21 तेंह जीभ ले निकले बचन के मार ले बचाय जाबे,
अऊ जब बिनास ह तोर ऊपर आवय, त तोला डरे के जरूरत नइं ए।
22 तेंह बिनास अऊ दुकाल के बेरा म हंसबे,
अऊ जंगली पसुमन ले तोला डर नइं होही।
23 काबरकि मैदान के पथरामन संग तोर एक करार होही,
अऊ जंगली पसुमन तोर मितान सहीं होहीं।
24 तेंह जानबे कि तोर डेरा ह कुसल हवय;
तेंह अपन संपत्ति के जांच करबे अऊ तोर कुछू चीज गंवाय नइं रहिही।
25 तेंह ये घलो जानबे कि तोर लइकामन अब्बड़ होहीं,
अऊ तोर संतानमन भुइयां के कांदी सहीं बहुंत होहीं।
26 जइसे कि समय म बीड़ा ला खरही गांजे जाथे,
वइसे ही तेंह तोर पूरा उमर होय के बाद ही मरबे।
27 “हमन येला परखके देख डारे हन, अऊ येह सच अय।
एकरसेति येला सुन, अऊ येला अपन जिनगी म लागू कर।”