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1 “का तेंह लिबयातान*देखव 3:8 ला ला मछरी धरे के गरी ले तीरके निकाल सकथस
या डोरी ले ओकर जीभ ला बांध सकत हस।
2 का तेंह ओकर नाक म नत्थी लगा सकथस
या ओकर जबड़ा ला लोहा के कांटा ले छेद सकथस?
3 का ओह तोर ले दया के भीख मांगही?
का ओह तोर ले गुरतूर बोली बोलही?
4 का ओह तोर ले करार करही
कि तेंह ओला जिनगी भर अपन गुलाम बना ले?
5 का तेंह ओला कोनो चिरई के सहीं पालतू बना सकथस
या अपन घर म जवान माईलोगनमन के खेले बर ओमा पट्टा बांधके रख सकबे?
6 का बेपारीमन ओकर बर मोलभाव करहीं?
का ओमन ओला बेपारीमन के बीच म बांट दीहीं?
7 का तेंह ओकर खाल ला भाला ले,
या ओकर मुड़ ला मछरी मारे के बरछी ले भर सकथस?
8 यदि तेंह ओकर ऊपर अपन हांथ रखथस,
त तोला ओकर संग लड़े के सुरता आही अऊ तेंह अइसने फेर कभू नइं करबे!
9 ये बेकार के आसा ए कि तेंह ओला अपन अधिकार म रखबे;
तेंह ओकर आघू म आवत ही हार जाबे।
10 काकरो हिम्मत नइं ए कि ओला भड़कावंय।
त फेर कोन ह मोर सामना कर सकथे?
11 कोन ह मोला देय हवय कि मेंह ओला लहुंटावंव?
स्वरग के खाल्हे के जम्मो चीज मोर अय।
12 “मेंह लिबयातान के अंग, ओकर बल
अऊ ओकर सोभायमान रूप के बारे म बताय बर चुप नइं रहंव।
13 कोन ह ओकर बाहिर के आवरन ला उतार सकत हे?
कोन ह ओकर दोहरा कवच ला भेद सकथे?
14 कोन ह ओकर मुहूं ला खोले के हिम्मत कर सकथे?
जेकर भयानक दांतमन एक-दूसर ले जुड़े रहिथें।
15 ओकर पीठ म तह के तह ढालमन हवंय,
जऊन म मजबूती से एक संग मुहर लगे हवय;
16 ओमन एक-दूसर ले अइसे संटे हवंय
कि ओमन के बीच म ले हवा घलो नइं निकल सकय।
17 ओमन एक-दूसर ले मजबूती ले जुड़े हवंय;
ओमन एक-दूसर ले लिपटे हवंय अऊ ओमन ला अलग नइं करे जा सकय।
18 ओकर छींक ले अंजोर चमकथे;
ओकर आंखीमन बिहनियां के किरन कस अंय।
19 ओकर मुहूं ले बरत जुवाला निकलथे;
अऊ आगी के चिनगारी निकलथे।
20 ओकर नाक के छेदा ले धुआं निकलथे
जइसे बरत सरकंडामन ऊपर रखे उबलत बरतन ले निकलथे।
21 ओकर सांस ले कोइला ह बरथे,
अऊ ओकर मुहूं ले आगी के जुवाला निकलथे।
22 ओकर घेंच म ताकत रहिथे;
अऊ डर ह ओकर आघू-आघू जाथे।
23 ओकर मांस-पेसी के परतमन कसके जूरे हवंय;
ओमन मजबूत हवंय अऊ डोलंय नइं।
24 ओकर छाती ह पथरा कस कठोर हवय,
जांता के तरी के कुटा कस कठोर हवय।
25 जब ओह ठाढ़ होथे, त बलवालामन घलो डरा जाथें;
येकर मारे-कुटे के पहिले, ओमन पाछू हट जाथें।
26 ओकर ऊपर तलवार चलाय ले घलो ओला कुछू नइं होवय,
अऊ न ही भाला या बान या बरछी के परभाव पड़य।
27 ओह लोहा ला पैंरा सहीं
अऊ कांसा ला सरे लकरी सहीं जानथे।
28 बान ह ओला भगाय नइं सकय;
गुलेल के पथरा ह ओकर बर भूंसा सहीं अय।
29 लउठी घलो ओला पैंरा सहीं लगथे;
ओह बरछी के अवाज ऊपर हांसथे।
30 ओकर खाल्हे के भाग ह माटी के फटे बरतन के धार सहीं अय,
जऊन ह चीखला म अनाज कुटे के पट्टा सहीं चिनहां छोंड़थे।
31 ओह समुंदर के पानी ला खउलत हांड़ी के सहीं मथथे
अऊ समुंदर ला मलहम के बरतन सहीं हलाथे।
32 ओह अपन पाछू म एक चमकीला धारी छोंड़त जाथे;
मानो गहिरा पानी के सफेद बाल हवय।
33 धरती म ओकर बरोबर कोनो चीज नइं ए—
एक जीव जेला काकरो डर नइं ए।
34 ओह हर एक अभिमानी ला नीचा देखथे;
जम्मो घमंड करइयामन ऊपर ओह राजा अय।”