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जाति-जाति के मनखेमन के नियाय करई
*इबरानी म 3:1‑21 ला 4:1‑21 गने गे हवय 1 “ओ दिनमन म अऊ ओ समय म,
जब में यहूदा अऊ यरूसलेम के मनखेमन के जिनगी ला फेर ठीक कर दूहूं,
2 त में जम्मो जाति के मनखेमन ला इकट्ठा करहूं
अऊ ओमन ला खाल्हे यहोसापात†यहोसापात के मतलब होथे यहोवा नियाय करथे के घाटी म ले आहूं।
उहां मेंह ओमन के ओ काम बर परिछा करहूं
जऊन काम ओमन मोर निज भाग, मोर मनखे इसरायलीमन संग करे हवंय,
काबरकि ओमन मोर मनखेमन ला जाति-जाति के मनखेमन के बीच म तितिर-बितिर कर दे हवंय
अऊ मोर देस के बंटवारा कर दे हवंय।
3 ओमन मोर मनखेमन बर चिट्ठी निकालथें
अऊ बेस्यामन के बदला म लड़कामन ला देय दे हवंय;
ओमन मंद पीये बर नोनीमन ला बेच दे हवंय।
4 “हे सूर अऊ सीदोन अऊ पलिस्ती के जम्मो इलाका के मनखेमन, अब तुम्हर करा मोर बिरूध म का हवय? जऊन काम मेंह करे हवंव, का तुमन ओकर बदला चुकावत हव? यदि तुमन मोला वापिस बदला चुकावत हव, त में तुरते, जल्दी करत, तुम्हर दुवारा करे गे काममन ला वापिस तुम्हरेच मुड़ म डार दूहूं। 5 काबरकि तुमन मोर सोन अऊ मोर चांदी ला लेय ले हव अऊ मोर कीमती खजानामन ला अपन मंदिर‡या महल म ले गेय हव। 6 तुमन यहूदा अऊ यरूसलेम के मनखेमन ला यूनानीमन के हांथ म बेच दे हवव, ताकि तुमन ओमन ला ओमन के देस ले दूरिहा पठो सकव।
7 “देखव, मेंह ओमन ला ओ जगहमन ले लहुंटाके लानेवाला हंव, जिहां तुमन ओमन ला बेच दे रहेव, अऊ तुम्हर करे गे काममन ला वापिस तुम्हरेच मुड़ ऊपर डाल दूहूं। 8 मेंह तुम्हर बेटा अऊ बेटीमन ला यहूदा के मनखेमन के हांथ म बेच दूहूं, अऊ यहूदा के मनखेमन ओमन ला बहुंत दूर रहइया एक जाति सबायीमन के हांथ म बेच दीहीं।” यहोवा ह कहे हवय।
9 जाति-जाति के मनखेमन के बीच म ये घोसना करव:
लड़ई के तियारी करव!
योद्धामन ला उत्तेजित करव!
लड़इया जम्मो मनखेमन लकठा म आवंय अऊ हमला करंय।
10 अपन नांगर के फाल ला पीटके तलवार बना लव
अऊ अपन हंसियामन ला पीटके ओमन के बरछी बना लव।
जऊन ह दुरबल हवय, ओह कहय,
“मेंह बलवान अंव!”
11 हे चारों कोति के जाति-जाति के जम्मो मनखेमन, जल्दी आवव,
अऊ उहां तुमन जूरव।
हे यहोवा, अपन योद्धामन ला खाल्हे ले आ!
12 “जाति-जाति के मनखेमन उत्तेजित होवंय;
अऊ ओमन यहोसापात के घाटी म जावंय,
काबरकि मेंह उहां चारों कोति के जाति-जाति के
जम्मो मनखेमन के नियाय करे बर बईठहूं।
13 हंसिया चलाय के सुरू करव,
काबरकि फसल ह पाक गे हवय।
आवव, अंगूर ला रऊंदव,
काबरकि अंगूर-रस के कुंड ह भर गे हवय
अऊ कुंडमन छलकत हवंय—
ओमन के दुस्टता बहुंत जादा हो गे हवय!”
14 निरनय के घाटी म
मनखेमन के भीड़ ही भीड़ हवय!
काबरकि निरनय के घाटी म
यहोवा के दिन ह लकठा म हवय।
15 सूरज अऊ चंदा म अंधियार छा जाही,
अऊ तारामन के चमकई ह बंद हो जाही।
16 यहोवा ह सियोन ले गरजही
अऊ यरूसलेम ले गरजन सुनई दीही;
अकास अऊ धरती कांप उठहीं।
पर यहोवा ह अपन मनखेमन बर एक सरन-स्थान,
अऊ इसरायल के मनखेमन बर एक सुरकछा गढ़ होही।
परमेसर के मनखेमन बर आसीस
17 “तब तुमन जानहू कि में, यहोवा ही तुम्हर परमेसर अंव,
अऊ अपन पबितर पहाड़ी, सियोन म निवास करथंव।
यरूसलेम ह एक पबितर सहर होही;
परदेसीमन फेर कभू ओकर ऊपर हमला नइं करहीं।
18 “ओ दिन पहाड़मन ले नवां अंगूर के मंद टपकही,
अऊ पहाड़ीमन ले दूध के धारा बोहाही;
यहूदा के जम्मो टीलामन म पानी बोहाही।
यहोवा के घर ले पानी के एक सोता फूट निकलही
अऊ सित्तीम घाटी§या बंबरी के घाटी के सिंचई करही।
19 पर मिसर देस उजाड़ हो जाही,
अऊ एदोम ह एक बेकार निरजन देस हो जाही,
काबरकि येमन यहूदा के मनखेमन ऊपर अतियाचार करिन,
अऊ येमन ओमन के देस म निरदोस मनखेमन के खून बोहाईन।
20 यहूदा म मनखेमन हमेसा निवास करत रहिहीं
अऊ यरूसलेम म मनखेमन पीढ़ी-पीढ़ी तक रहिहीं।
21 का में ओ निरदोस मनखेमन के खून के बदला लिये बिगर छोंड़ दंव?
नइं, बिलकुल नइं।”
यहोवा ह सियोन म निवास करथे!