यहूदा
के चिट्ठी
1
1 ये चिट्ठी ह यीसू मसीह के सेवक अऊ याकूब के भाई यहूदा के तरफ ले,
ओमन ला लिखे जावत हे, जऊन मन परमेसर के दुवारा बलाय गे हवंय, जऊन मन परमेसर ददा के मयारू अंय अऊ जऊन मन यीसू मसीह खातिर रखे गे हवंय:
2 तुमन ला परमेसर के दया, सांति अऊ मया बहुंतायत ले मिलय।
अधरमीमन के पाप अऊ ओमन के बिनास
3 हे मयारू संगीमन हो, हालाकि मेंह तुमन ला उद्धार के बारे म लिखे बर बहुंत उत्सुक रहेंव, जऊन म हमन सहभागी हवन, पर मेंह ये जरूरी समझेंव कि तुमन ला लिखंव अऊ बिनती करंव कि तुमन ओ बिसवास खातिर पूरा मेहनत करव, जऊन ला परमेसर ह अपन पबितर मनखेमन ला जम्मो के सेति एकेच बार म दे हवय। 4 काबरकि कुछू मनखेमन गुपत रूप ले तुमन म आके मिल गे हवंय, जऊन मन के दंड के हुकूम बहुंत पहिली ले लिखे गे हवय। ओमन अधरमी मनखे अंय। ओमन हमर परमेसर के अनुग्रह ला दुराचार म बदल देथें अऊ हमर एकेच परमपरधान परभू यीसू मसीह के इनकार करथें।
5 हालाकि तुमन ये जम्मो बात ला पहिली ले जानत हव, पर मेंह सुरता कराय चाहत हंव कि परभू*कुछू सुरू के हस्तलिपि म यीसू लिखाय हवय ह अपन मनखेमन ला मिसर देस ले एक बार छोंड़ाईस, पर बाद म ओमन ला नास कर दीस, जऊन मन बिसवास नइं करिन। 6 अऊ ओ स्वरगदूत, जऊन मन अपन अधिकार के सीमना म नइं रिहिन अऊ स्वरग म अपन खुद के घर ला तियाग दीन—ओमन ला परमेसर ह नियाय के महान दिन खातिर अंधियार म, सदाकाल के बेड़ी म बांधके रखे हवय। 7 एही किसम ले सदोम, अमोरा अऊ आसपास के सहर के मनखेमन अपनआप ला छिनारी काम अऊ खराप चालचलन म लगाईन। येमन ओमन बर एक नमूना ठहिरिन, जऊन मन सदाकाल के आगी के सजा भोगत हवंय।
8 ओहीच किसम ले, ये मनखेमन सपना म अपन खुद के देहें ला असुध करथें; परमेसर के परभूता के इनकार करथें, अऊ स्वरगीय जीवमन ला बदनाम करथें। 9 अऊ त अऊ परधान स्वरगदूत मिकाएल ह जब सैतान के संग अगमजानी मूसा के लास के बारे म बिवाद करत रिहिस, त ओह सैतान ऊपर बदनामी के दोस लगाय के हिम्मत नइं करिस, पर ये कहिस, “परभू ह तोला दबकारय।” 10 पर ये मनखेमन, जऊन बातमन ला नइं समझंय, ओकर बारे म खराप गोठ गोठियाथें, अऊ जऊन बातमन ला, येमन जंगली पसुमन के सहीं सरल रूप म जानथें, ओहीच बातमन येमन ला नास कर दीहीं।
11 येमन ऊपर हाय! काबरकि येमन कैन के डहार म चलथें; येमन फायदा खातिर, बिलाम के सहीं गलती करथें; येमन कोरह के सहीं बिदरोह करथें, अऊ ओकरे सहीं नास हो जाथें।
12 ये मनखेमन तुम्हर मया के जेवनार म गंदगी के सहीं अंय, येमन तुम्हर संग बेसरम सहीं खाथें-पीथें अऊ सिरिप अपनआप के खियाल रखथें। येमन बिगर पानी के बादर अंय, जऊन ला हवा उड़ा ले जाथे। येमन पतझड़ के ओ रूख सहीं अंय, जऊन म फर नइं लगय अऊ उखाने जाथें अऊ दूबारा मर जाथें। 13 येमन समुंदर के भयानक लहरा सहीं अंय, जऊन मन अपन लाज के फेन ला निकालथें। येमन किंदरत तारामन सहीं अंय, जेमन खातिर परमेसर ह सदाकाल बर घोर अंधियार ठहिराय हवय।
14 हनोक, जऊन ह आदम के सातवां पीढ़ी के रिहिस, ये मनखेमन के बारे म ये अगमबानी करे रिहिस, “देखव, परभू ह हजारों-हजार अपन पबितर स्वरगदूतमन संग आवत हवय 15 ताकि हर एक के नियाय करय, अऊ ओ जम्मो अधरमीमन ला दोसी ठहिराय, जऊन मन कुकरम करके अधरम के काम करे हवंय, अऊ परमेसर के बिरोध म ओ जम्मो कठोर बचन, ये अधरमी पापीमन कहे हवंय।” 16 ये मनखेमन कुड़कुड़ावत अऊ आने ऊपर दोस लगावत रहिथें; येमन अपन खुद के खराप ईछा के मुताबिक चलथें; येमन अपन खुद के बड़ई मारथें अऊ अपन खुद के फायदा बर दूसर के चापलूसी करथें।
बिसवास म बने रहव
17 पर, हे मयारू संगवारीमन हो, तुमन ओ बातमन ला सुरता करव, जऊन ला हमर परभू यीसू मसीह के प्रेरितमन तुमन ला पहिली कहे रिहिन। 18 ओमन तुमन ला कहे रिहिन, “आखिरी समय म, ठट्ठा करइयामन होहीं, जऊन मन अपन खुद के खराप ईछा के मुताबिक चलहीं।” 19 येमन ओ मनखे अंय, जऊन मन तुम्हर बीच म फूट डारथें; येमन अपन संसारिक ईछा के मुताबिक चलथें अऊ येमन करा पबितर आतमा नइं ए।
20 पर हे मयारू संगवारीमन, तुमन अपनआप ला अपन परम पबितर बिसवास म बढ़ावव, अऊ पबितर आतमा के सामर्थ म पराथना करव। 21 अपनआप ला परमेसर के मया म बनाय रखव, अऊ हमर परभू यीसू मसीह के दया के बाट जोहत रहव, जऊन ह तुमन ला परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी दीही।
22 जऊन मन बचन ऊपर संका करथें, ओमन ऊपर दया करव; 23 आने मन ला लबरा गुरूमन के सिकछा ले बचावव, जइसने तुमन कोनो ला आगी ले खींचके बचाथव; भय के संग आने मन ऊपर दया करव; पर ओ मनखेमन के ओ ओनहा ले घलो घिन करव, जऊन म ओमन के पापी सरीर के दाग लगे हवय।
24 अब जऊन ह तुमन ला गिरे ले बचा सकथे अऊ तुमन ला निरदोस अऊ बड़े आनंद के संग ओकर महिमा ला देखा सकथे— 25 ओहीच एके परमेसर, हमर उद्धार करइया के महिमा, गौरव, पराकरम अऊ अधिकार, हमर परभू यीसू मसीह के जरिये सनातन काल, अब अऊ सदाकाल तक होवत रहय। आमीन।