बिलापगीत
के किताब
1
सहर*या यरूसलेम सहर ह कइसे निरजन हो गे हवय,
एक समय रिहिस जब येह मनखेमन ले भरे रहय!
कइसे बिधवा के सहीं हो गे हवय,
जऊन ह एक समय देस-देस के मनखेमन के बीच म महान रिहिस!
ओ जऊन ह राजमन के बीच म रानी रिहिस
अब गुलाम बन गे हवय।
 
रथिया ओह फूट-फूटके रोथे,
ओकर गाल म आंसू बहत रहिथे।
ओकर जम्मो मयारूमन के बीच म
ओला कोनो सांतवना देवइया नइं एं।
ओकर जम्मो संगीमन ओला धोखा दे हवंय;
ओमन ओकर बईरी बन गे हवंय।
 
दुख अऊ कठोर मेहनत के बाद,
यहूदा ह बंधुवई म चले गे हवय।
ओह जाति-जाति के मनखेमन के बीच म रहिथे;
ओला अराम के जगह नइं मिलय।
ओकर दुख के बेरा म, ओकर पीछा करइयामन
ओला पकड़ ले हवंय।
 
सियोन के रसतामन बिलाप के अंय,
काबरकि ठहिराय गे तिहारमन म ओकर करा कोनो नइं आवंय।
ओकर जम्मो प्रवेस दुवारमन सुन्ना परे हवंय,
ओकर पुरोहितमन कराहथें,
ओकर जवान माईलोगनमन दुख मनाथें,
अऊ ओह खुद बहुंत पीरा म हवय।
 
ओकर बईरीमन ओकर मालिक बन गे हवंय;
ओकर बईरीमन अराम म हवंय।
यहोवा ह ओकर ऊपर दुख लाने हवय
काबरकि ओह बहुंत पाप करे हवय।
ओकर लइकामन ला बईरीमन
अपन बंधुवई म ले गे हवंय।
 
बेटी सियोन के पूरा वैभव ह
चले गे हवय।
ओकर हाकिममन ओ हिरन सहीं हो गे हवंय
जेला चरागन नइं मिलय;
कमजोरी म ओमन
अपन पीछा करइया के आघू ले भाग जाथें।
 
अपन पीरा अऊ एती-ओती भटके के दिन म
यरूसलेम ह ओ जम्मो खजाना ला सुरता करथे
जऊन ह पुराना जमाना म ओकर रिहिस।
जब ओकर मनखेमन बईरीमन के हांथ म पड़िन,
त ओकर मदद करइया कोनो नइं रिहिन।
ओकर बईरीमन ओला देखिन
अऊ ओकर बिनास ऊपर हंसिन।
 
यरूसलेम ह बहुंत पाप करे हवय
अऊ एकरसेति ओह असुध हो गे हवय।
ओ जम्मो जऊन मन ओकर आदर करंय, ओमन अब ओला तुछ समझथें,
काबरकि ओ जम्मो झन ओला नंगरी देखे हवंय;
ओह खुदे कराहथे
अऊ मुहूं ला आने कोति कर लेथे।
 
ओकर गंदगी ह ओकर लंहगा म रहिथे;
ओह अपन भविस्य ऊपर बिचार नइं करिस।
ओकर पतन ह चकित करनेवाला रिहिस;
ओला सांतवना देवइया कोनो नइं रिहिन।
“हे यहोवा, मोर पीरा ला देख,
काबरकि बईरी ह जय पाय हवय।”
 
10 बईरी ह ओकर जम्मो खजाना ऊपर
हांथ डाले हवय;
ओह मूरती-पूजा करइया जातिमन ला
ओकर पबितर-स्थान म घुसत देखिस—
ओमन जेमन ला तेंह अपन सभा म
आय बर मना करे रहय।
 
11 ओकर जम्मो मनखेमन कराहथें
जइसे ओमन जेवन के खोज म हवंय;
ओमन जेवन के बदले अपन खजाना के चीजमन ला दे देथें
ताकि अपनआप ला जिंदा रख सकंय।
“हे यहोवा, देख अऊ बिचार कर,
काबरकि मोला तुछ समझे जावत हे।”
 
12 “तुमन जम्मो, जऊन मन ये रसता ले होके निकलथव, का तुमन बर येह कुछू नो हय?
अपन आसपास धियान से देखव।
का मोर दुख सहीं कोनो दुख हवय
अइसन दुख, जऊन ह मोर ऊपर पड़े हवय,
जेला यहोवा ह अपन भयंकर कोप के दिन म
मोर ऊपर लानिस?
 
13 “ऊंच जगह ले यहोवा ह
मोर हाड़ामन म आगी लगाईस।
ओह मोर गोड़ बर एक जाल बिछाईस
अऊ मोला वापिस लहुंटा दीस।
ओह मोला पूरा दिन बर
अकेला अऊ दुरबल कर दीस।
 
14 “मोर पापमन ला एक जुड़ा म बांध दिये गे हवय;
यहोवा ह अपन हांथ ले ओमन ला एक संग गांथे हवय।
ओमन ला मोर घेंच म टांग दिये गे हवय,
अऊ परभू ह मोर बल ला घटा दे हवय।
ओह मोला ओमन के हांथ म देय दे हवय
जेमन के मेंह सामना नइं कर सकंव।
 
15 “परभू ह मोर बीच म
जम्मो सूरबीरमन ला अयोग्य कर दे हवय;
ओह मोर जवानमन ला कुचरे बर
मोर बिरूध एक सेना पठोय हवय।
परभू ह रसकुंड म अंगूर ला कुचरे सहीं
कुंवारी बेटी यहूदा ला कुचरे हवय।
 
16 “येकरे कारन मेंह रोथंव
अऊ मोर आंखीमन ले आंसू ढरत रहिथे।
मोला सांतवना देय बर लकठा म कोनो नइं एं,
मोर आतमा ला सांत करइया कोनो नइं एं।
मोर लइकामन निसहाय हो गे हवंय
काबरकि बईरी ह जय पाय हवय।”
 
17 सियोन ह अपन हांथमन ला फईलाथे,
पर ओला सांतवना देवइया कोनो नइं एं।
यहोवा ह याकूब बर हुकूम दे हवय
कि ओकर परोसीमन ओकर बईरी बन जावंय;
यरूसलेम ह ओमन के बीच म
एक असुध चीज बन गे हवय।
 
18 “यहोवा ह धरमी अय,
तभो ले मेंह ओकर हुकूम के बिरूध बिदरोह करेंव।
हे जम्मो मनखेमन, तुमन सुनव;
मोर पीरा ला देखव।
मोर जवान मनखे अऊ जवान माईलोगनमन
बंधुवई म चले गे हवंय।
 
19 “मेंह अपन संगीमन ला बलांय
पर ओमन मोला धोखा दीन।
मोर पुरोहित अऊ मोर अगुवामन
सहर म नास हो गीन
जब ओमन अपनआप ला जिंदा रखे बर
जेवन के खोज म रिहिन।
 
20 “हे यहोवा, देख, मेंह कतेक पीरा म हंव!
मेंह भीतरे-भीतर तकलीफ म हंव,
अऊ मेंह अपन हिरदय म बिचलित हंव,
काबरकि मेंह सबले जादा बिदरोह करे हंव।
बाहिर तो, तलवार ह सोकित करथे;
भीतर म, सिरिप मिरतू हवय।
 
21 “मनखेमन मोर कलहरई ला सुने हवंय,
पर मोला सांतवना देवइया कोनो नइं एं।
मोर जम्मो बईरीमन मोर दुख के बारे म सुने हवंय;
तेंह जऊन काम करे हस, ओकर ऊपर ओमन आनंद मनाथें।
बने होतिस, यदि तेंह ओ दिन ला लानते, जेकर घोसना तेंह करे हवस
ताकि ओमन मोर सहीं हो जावंय।
 
22 “ओमन के जम्मो दुस्टता तोर आघू म आ जावय;
ओमन के संग वइसे बरताव कर
जइसे तेंह मोर संग
मोर जम्मो पाप के कारन करे हवस।
मेंह बहुंत कलहरत हंव
अऊ मोर मन ह दुरबल हवय।”
 
 

*1:1 या यरूसलेम सहर