3
मेल-बलिदान
“ ‘कहूं तुम्हर चढ़ावा ह मेल-बलिदान ए, अऊ ओला बरदी म ले चघावव, चाहे ओह नर या मादा होवय, त यहोवा के आघू म निरदोस पसु ला ही चघावव। ओह अपन हांथ ला चढ़ावा पसु के मुड़ म मढ़ावय अऊ ओला मिलापवाला तम्बू के प्रवेस दुवार म पूजय; फेर हारून के बेटा, जऊन मन पुरोहित अंय, ओकर लहू ला बेदी के ऊपर जम्मो कोति छिंच देवंय। अऊ ओह मेल-बलिदान के चढ़ावा म ले यहोवा बर होम-बलिदान करय याने ओ चरबी जेकर ले पोटामन ढंकाय रहिथे अऊ ओ जम्मो चरबी जेकर ले पोटामन लपटाय रहिथें, अऊ दूनों गुरदा अऊ ओमन के ऊपर के चरबी जऊन ह कनिहां के तीर म रहिथे, अऊ गुरदा समेत करेजा के सबले बने भाग, ये जम्मो ला ओह अलग करय। हारून के बेटामन ये जम्मो ला बेदी म ओ होम-बलिदान के ऊपर जला देवंय, जऊन ह आगी के ऊपर के लकरी म हवय। येह यहोवा बर महकत सुख-देवइया एक जेवन-बलिदान ठहिरही।
“ ‘कहूं तेंह यहोवा बर कोनो पसु म ले मेल-बलिदान चघाथस, त ओ चढ़ावा ह बिगर दोसवाला नर या मादा पसु हो। कहूं तेंह मेढ़ा-पीला चघावत हस, त ओ चढ़ावा ला यहोवा के आघू म चघा। मिलापवाला तम्बू के आघू म अपन हांथ ला चढ़ावा पसु के मुड़ ऊपर मढ़ाके ओला पूज दे। फेर हारून के बेटामन ओकर लहू ला बेदी म चारों कोति छिंचंय। तें मेल-बलिदान म ले यहोवा बर एक जेवन-बलिदान लान: येह चरबी अय, याने कि मंझरेटा हाड़ा के तीर ले अलग करे गय चरबी भरे पुंछी, अऊ ओ चरबी जेकर ले पोटामन तोपाय रहिथें, अऊ ओ जम्मो चरबी जऊन ह पोटामन म लपटाय रहिथे। 10 अऊ दूनों गुरदा अऊ ओकर ऊपर के चरबी जऊन ह कनिहां के तीर म रहिथे अऊ गुरदा समेत करेजा के सबले बने भाग, ये जम्मो ला तेंह अलग करबे। 11 अऊ पुरोहित ह येमन ला लेके बेदी म जलावय; येह यहोवा बर एक जेवन-बलिदान ठहिरही।
12 “ ‘कहूं तोर चढ़ावा ह बोकरा होवय, त ओला यहोवा के आघू म चघा। 13 तेंह मिलापवाला तम्बू के आघू म चढ़ावा पसु के मुड़ म अपन हांथ ला मढ़ाके ओला पूज दे, अऊ हारून के बेटामन ओकर लहू ला बेदी म जम्मो कोति छिंच देवंय। 14 तें ओमा ले अपन चढ़ावा ला यहोवा बर जेवन-बलिदान करके चघा, याने ओ चरबी जेकर ले पोटामन तोपाय रहिथें, अऊ ओ जम्मो चरबी जऊन ह पोटामन म लपटाय रहिथे, 15 अऊ दूनों गुरदा अऊ ओकर ऊपर के चरबी जऊन ह कनिहां के तीर म रहिथे, अऊ गुरदा समेत करेजा के सबले बने भाग, ये जम्मो ला तेंह अलग करबे। 16 तब पुरोहित ह ओमन ला बेदी म जेवन-बलिदान के रूप म जलावय; येह सुख-देवइया सुगंध ठहिरय। जम्मो चरबी ह यहोवा के ही अय।
17 “ ‘जिहां कहूं भी तुमन रहव, येह अवइया पीढ़ी-पीढ़ी बर हमेसा के एक बिधि ठहिरय। तुमन चरबी अऊ लहू ला कभू झन खाहू।’ ”