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बीज बोवइया के पटंतर
(मत्ती 13:1‑9; मरकुस 4:1‑9)
1 एकर बाद, यीसू ह बारह चेलामन संग सहर-सहर अऊ गांव-गंवई मन म जाके परमेसर के राज के सुघर संदेस के परचार करिस। 2 ओकर बारह चेलामन ओकर संग रिहिन, अऊ कुछू माईलोगनमन घलो जऊन मन ला दुस्ट आतमा अऊ बेमारीमन ले ठीक करे गे रिहिस, ओकर संग रिहिन। ओमन ये रिहिन: मरियम जऊन ला मगदलिनी कहे जावय—जेमा ले सात ठन परेत आतमा निकाले गे रिहिस; 3 हेरोदेस के घर के देखरेख करइया खोजा के घरवाली—योअन्ना, सूसन्ना अऊ बहुंत आने माईलोगनमन। ये माईलोगनमन अपन साधन ले यीसू अऊ ओकर चेलामन के मदद करत रिहिन।
4 जब एक बड़े भीड़ ह जूरत रिहिस अऊ आने सहर ले मनखेमन यीसू करा आवत रिहिन, तब ओह ये पटंतर कहिस: 5 “एक किसान ह बीज बोय बर निकलिस। जब ओह बोवत रिहिस, त कुछू बीजामन रसता के तीर म गिरिन; ओमन गोड़ खाल्हे कुचरे गीन, अऊ अकास के चिरईमन ओला खा लीन। 6 कुछू बीजामन पथर्री भुइयां ऊपर गिरिन अऊ ओमन जामिन, पर ओमन पानी के नमी नइं मिले के कारन सूख गीन। 7 कुछू बीजामन कंटिली झाड़ीमन के बीच म गिरिन अऊ ओ झाड़ीमन बढ़के ओमन ला दबा दीन। 8 अऊ कुछू बीजामन बने भुइयां म गिरिन। ओमन बाढ़िन अऊ जतेक बोय गे रिहिस ओकर ले सौ गुना जादा फसल लाईन।”
ये कहे के बाद, यीसू ह चिचियाके कहिस, “जेकर सुने के कान हवय, ओह सुन ले।”
9 ओकर चेलामन ओकर ले पुछिन, “ये पटंतर के का मतलब होथे?” 10 ओह कहिस, “तुमन ला परमेसर के राज के भेद के गियान देय गे हवय, पर आने मन ले मेंह पटंतर म गोठियाथंव, ताकि,
“ ‘देखत ले घलो, ओमन झन देख सकंय;
अऊ सुनत ले घलो, ओमन झन समझ सकंय।’*यसा 6:9
11 “पटंतर के ये मतलब अय: बीजा ह परमेसर के बचन ए। 12 डहार के तीर म गिरे बीजा ह ओमन अंय, जऊन मन बचन ला सुनथें; पर सैतान ह आथे, अऊ ओमन के हिरदय ले बचन ला ले जाथे, ताकि ओमन बिसवास नइं कर सकंय अऊ ओमन के उद्धार नइं होवय। 13 पथर्री भुइयां के ऊपर गिरे बीजा ह ओमन अंय, जऊन मन बचन ला आनंद सहित गरहन करथें जब ओमन येला सुनथें, पर ओमन म जरी नइं रहय। ओमन कुछू समय बर बिसवास करथें, पर परखे जाय के समय म ओमन गिर जाथें। 14 ओ बीजा जऊन ह कंटिली झाड़ीमन के बीच म गिरिस, ओह ओमन अंय, जऊन मन बचन ला सुनथें, पर आघू चलके ओमन ये जिनगी के चिंता, धन अऊ भोग-बिलास म फंस जाथें, अऊ ओमन विकसित नइं होवंय। 15 पर ओ बीजा जऊन ह बने भुइयां म गिरिस, ओह ओमन अंय, जऊन मन बचन ला सुनथें, अऊ येला सच्चा अऊ बने हिरदय म रखथें, अऊ लगातार फर लाथें।
दीया के पटंतर
(मरकुस 4:21‑25)
16 “कोनो मनखे दीया ला बारके ओला बड़े कटोरा म नइं ढांपय या खटिया के खाल्हे म नइं मढ़ाय। पर ओह दीया ला दीवट ऊपर रखथे, ताकि जऊन मन भीतर आवंय, ओमन अंजोर ला देखंय। 17 काबरकि कुछू भी बात छिपे नइं ए, जऊन ला उघारे नइं जाही, अऊ कुछू भी ढंके नइं ए, जऊन ला बताय नइं जाही या जेकर खुलासा नइं करे जाही। 18 एकरसेति, सचेत रहव कि तुमन कइसने सुनथव। जेकर करा हवय, ओला अऊ दिये जाही; अऊ जेकर करा नइं ए, ओकर ले ओला घलो ले लिये जाही, जऊन ला ओह अपन समझथे।”
यीसू के दाई अऊ भाईमन
(मत्ती 12:46‑50; मरकुस 3:31‑35)
19 यीसू के दाई अऊ भाईमन ओला देखे बर आईन, पर भीड़ के मारे ओमन ओकर करा नइं जा सकिन। 20 एक झन ह यीसू ला कहिस, “तोर दाई अऊ भाईमन बाहिर ठाढ़े हवंय, अऊ तोला देखे बर चाहथें।”
21 यीसू ह ओ जम्मो झन ला कहिस, “मोर दाई अऊ भाई ओमन अंय, जऊन मन परमेसर के बचन ला सुनथें अऊ ओला मानथें।”
यीसू ह आंधी ला सांत करथे
(मत्ती 8:23‑27; मरकुस 4:35‑41)
22 एक दिन यीसू ह अपन चेलामन ला कहिस, “आवव, हमन झील के ओ पार चलन।” तब ओमन डोंगा म चघिन अऊ जाय लगिन। 23 जब ओमन डोंगा ला खेवत रिहिन, त यीसू ह सुत भुलाईस। तब झील के ऊपर एक आंधी चलिस, अऊ डोंगा ह पानी ले भरे लगिस, अऊ ओमन बड़े जोखिम म पड़ गीन।
24 चेलामन यीसू करा गीन अऊ ओला उठाके कहिन, “मालिक, मालिक, हमन पानी म बुड़इया हवन।”
यीसू ह उठिस, अऊ आंधी अऊ उफनत पानी ला दबकारिस। ओमन थम गीन अऊ जम्मो ह सांत हो गीस। 25 तब यीसू ह अपन चेलामन ले कहिस, “तुम्हर बिसवास ह कहां हवय?”
ओमन म डर हमा गे अऊ अचम्भो करके एक-दूसर ला कहिन, “येह कोन ए? येह आंधी अऊ पानी ला घलो हुकूम देथे अऊ ओमन एकर हुकूम मानथें।”
यीसू ह परेत आतमा के धरे एक मनखे ला बने करथे
(मत्ती 8:28‑34; मरकुस 5:1‑20)
26 ओमन डोंगा ला खेवत गिरासेनीमन के इलाका म हबरिन, जऊन ह झील के ओ पार, गलील के उल्टा दिग म हवय। 27 जब यीसू ह झील के तीर म उतरिस, त ओला ओ सहर के एक मनखे मिलिस, जऊन म परेत आतमामन रिहिन। ओ मनखे ह कतको दिन ले कपड़ा नइं पहिरत रिहिस अऊ न ही घर म रहत रिहिस, पर ओह मरघटी म रहत रहय। 28 जब ओह यीसू ला देखिस, त नरियाईस अऊ यीसू के गोड़ खाल्हे गिरिस, अऊ अब्बड़ चिचियाके कहिस, “हे यीसू, सर्वोच्च परमेसर के बेटा! मोर ले तोला का काम? मेंह तोर ले बिनती करत हंव कि मोला पीरा झन दे।” 29 काबरकि यीसू ह असुध आतमा ला ओ मनखे म ले बाहिर निकले के हुकूम देय रिहिस। कतको बार ले परेत आतमा ह ओला पटके रिहिस, अऊ ओकर हांथ अऊ गोड़मन संकली म बंधाय रिहिन अऊ ओह निगरानी म रहय, पर ओह संकलीमन ला टोर देवत रहय अऊ परेत आतमा के दुवारा ओह निरजन जगह म भगाय गे रहय।
30 यीसू ह ओकर ले पुछिस, “तोर का नांव ए?”
ओह कहिस, “एक बड़े सेना,” काबरकि बहुंत परेत आतमामन ओमा हमाय रहंय। 31 ओ परेत आतमामन यीसू ले बिनती करिन कि ओह ओमन ला अथाह कुन्ड†अथाह कुन्ड ओ जगह अय, जिहां परेत आतमामन ला सजा दिये जाही। म जाय के हुकूम झन देवय।
32 उहां पठार कोति सुरामन के एक बड़े खेरखा ह चरत रहय। परेत आतमामन यीसू ले बिनती करिन कि ओह ओमन ला सुरामन म जावन दे अऊ ओह ओमन ला जावन दीस। 33 तब परेत आतमामन ओ मनखे ले बाहिर निकलिन, अऊ सुरामन म हमा गीन, अऊ सुरामन के जम्मो झुंड ह तीर म निकले पथरा ले झील म झपटके कूदिस अऊ बुड़ मरिस।
34 जब सूरा चरइयामन ये घटना ला देखिन, त ओमन भाग गीन, अऊ सहर अऊ गांव-गंवई म ये बात ला बताईन। 35 तब जऊन कुछू होय रिहिस, ओला देखे बर मनखेमन बाहिर निकलिन। जब ओमन यीसू करा आईन, त ओमन ओ मनखे ला, जऊन म ले परेत आतमामन निकले रिहिन, यीसू के गोड़ करा बईठे देखिन। ओह कपड़ा पहिरे अपन सही हालत म रहय; अऊ ओमन डरा गीन। 36 जऊन मन येला अपन आंखी ले देखे रिहिन, ओमन मनखेमन ला बताईन कि परेत आतमा के धरे मनखे ह कइसने चंगा होईस। 37 तब गिरासेनी इलाका के जम्मो मनखेमन यीसू ला कहिन कि ओह उहां ले चले जावय, काबरकि ओमन बहुंत डरा गे रिहिन। एकरसेति ओह डोंगा में चघिस अऊ चले गीस।
38 जऊन मनखे ले परेत आतमामन निकले रिहिन, ओह यीसू ले बिनती करिस, “मोला तोर संग जावन दे।” पर यीसू ह ओला ये कहिके बिदा करिस, 39 “अपन घर ला लहुंट जा, अऊ मनखेमन ला बता कि परमेसर ह तोर बर कतेक बड़े काम करे हवय।” ओ मनखे ह चले गीस अऊ जम्मो सहर म बताईस कि यीसू ह ओकर बर कतेक बड़े काम करिस।
एक मरे छोकरी अऊ एक बेमार माईलोगन
(मत्ती 9:18‑26; मरकुस 5:21‑43)
40 जब यीसू ह झील के ओ पार वापिस लहुंटिस, त मनखेमन के एक भीड़ ह ओकर सुवागत करिस, काबरकि ओ जम्मो झन ओकर बाट जोहत रिहिन। 41 तभे, याईर नांव के सभा-घर के एक अधिकारी आईस अऊ यीसू के गोड़ खाल्हे गिरके बिनती करिस कि यीसू ह ओकर घर म आवय, 42 काबरकि ओकर बारह बछर के एके झन बेटी ह मरइया रिहिस।
जब यीसू ह जावत रिहिस, त ओह भीड़ के मारे दबे जावत रहय। 43 अऊ उहां एक झन माईलोगन रहय, जऊन ला बारह बछर ले लहू बहे के बेमारी रिहिस,‡बहुंते हस्तलिपि म अऊ अपन जम्मो जमा-पूंजी ला बईदमन ऊपर खरचा कर दे रिहिस पर ओला कोनो बईद बने नइं कर सके रिहिन। 44 ओह यीसू के पाछू ले आईस अऊ ओकर कपड़ा के छोर ला छुईस, अऊ तुरते ओकर लहू बहई बंद हो गीस।
45 यीसू ह पुछिस, “मोला कोन ह छुईस?” जब ओ जम्मो झन इनकार करिन, तब पतरस ह कहिस, “हे मालिक, मनखेमन के भीड़ तोर चारों कोति हवय अऊ तोर ऊपर गिरे पड़त हवय।”
46 पर यीसू ह कहिस, “कोनो मोला छुए हवय, काबरकि मेंह जानत हंव कि मोर म ले सामर्थ निकले हवय।”
47 जब ओ माईलोगन ह देखिस कि ओह छिपे नइं रह सकय, तब ओह कांपत आईस अऊ यीसू के गोड़ खाल्हे गिरिस। अऊ जम्मो मनखेमन के आघू म ओह कारन बताईस कि काबर ओह यीसू ला छुईस अऊ कइसने ओह तुरते चंगा हो गीस। 48 तब यीसू ह ओला कहिस, “बेटी, तोर बिसवास ह तोला ठीक करे हवय। सांति म जा।”
49 जब यीसू ह ये बात कहत रिहिस, तभे सभा-घर के अधिकारी याईर के घर ले एक झन मनखे आईस अऊ कहिस, “तोर बेटी ह काल कर दारिस, गुरू ला अऊ तकलीफ झन दे।”
50 येला सुनके, यीसू ह याईर ला कहिस, “झन डर; सिरिप बिसवास रख, त ओह बच जाही।”
51 जब यीसू ह याईर के घर म आईस, त ओह पतरस, यूहन्ना, याकूब अऊ लइका के दाई-ददा ला छोंड़के अऊ एको झन ला अपन संग भीतर नइं आवन दीस। 52 जम्मो मनखेमन ओ लइका बर रोवत अऊ दुख मनावत रहंय। यीसू ह कहिस, “झन रोवव, काबरकि लइका ह मरे नइं ए, पर ओह सुतत हवय।”
53 ओमन ये बात ला जानत रिहिन कि ओ छोकरी ह मर गे हवय, एकरसेति ओमन यीसू के ऊपर हंसे लगिन। 54 पर यीसू ह छोकरी के हांथ ला पकड़िस अऊ कहिस, “हे मोर लइका, उठ!” 55 ओ छोकरी के परान लहुंट आईस, अऊ तुरते ओह ठाढ़ हो गीस। तब यीसू ह ओमन ला कहिस कि ओला कुछू खाय बर देवंय। 56 ओकर दाई-ददा चकित हो गीन, पर यीसू ह ओमन ला ये हुकूम दीस कि जऊन कुछू होय रिहिस, ओकर बारे म कोनो ला झन बतावंय।