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अर्तछयर्स ह नहेमियाह ला यरूसलेम भेजथे
1 अर्तछयर्स राजा के राज के बीसवां बछर के नीसान महिना म, जब ओकर बर अंगूर के मंद लाने गीस, त मेंह मंद ला लेके राजा ला देंय। एकर पहिले मेंह ओकर आघू म कभू उदास नइं होय रहंय, 2 एकरसेति राजा ह मोर ले पुछिस, “जब तेंह बेमार नइं अस, त फेर तोर मुहूं ह काबर उतरे हवय? येह मन के उदासी के अलावा अऊ कुछू नइं हो सकय।”
तब मेंह अब्बड़ डर गेंव, 3 पर मेंह राजा ले कहेंव, “राजा सदा जीयत रहय! जब ओ सहर जेमा मोर पुरखामन के कबरमन हवंय, उजाड़ परे हवय अऊ ओ सहर के दुवारमन जरके नास हो गे हवंय, त फेर मोर मुहूं ह काबर नइं उतरही?”
4 राजा ह मोर ले पुछिस, “त तेंह का चाहत हस?”
तब मेंह स्वरग के परमेसर ले पराथना करंय, 5 अऊ मेंह राजा ला जबाब देंय, “यदि राजा ला ये बात बने लगे, अऊ ओह अपन सेवक ले खुस हे, त ओह मोला यहूदा प्रदेस के ओ सहर म पठोवय, जिहां मोर पुरखामन ला माटी देय गे हवय, ताकि मेंह ओला फेर बनवा सकंव।”
6 तब राजा ह, जेकर बगल म रानी घलो बईठे रिहिस, मोर ले पुछिस, “तेंह कतेक दिन तक यातरा म रहिबे अऊ कब लहुंटके आबे?” ये बात ह राजा ला बने लगिस कि ओह मोला पठोवय; तब मेंह ओकर बर एक समय ठहिरांय।
7 मेंह राजा ले ये भी कहंय, “यदि राजा ला बने लगे, त फरात नदी के पार के राजपालमन बर इही बिसय के चिट्ठी मोला दिये जावय कि जब तक मेंह यहूदा प्रदेस म नइं हबरंव, तब तक ओमन मोला सुरकछित अपन देस म ले होके जावन देंय? 8 अऊ साही जंगल के चौकीदार आसाप बर घलो एक चिट्ठी मोला दिये जावय, ताकि ओह मोला मंदिर ले लगे गढ़ के दुवारमन के कड़ीमन ला बनाय बर, अऊ सहर के दीवार बर अऊ मोर रहे के घर बर इमारती लकरी देवय।” मोर परमेसर के किरपा मोर ऊपर रिहिस, एकरसेति राजा ह मोर बिनती ला मान लीस। 9 तब मेंह फरात नदी के पार के राजपालमन करा जाके ओमन ला राजा के चिट्ठीमन ला देंय। राजा ह मोर संग सेना के अधिकारीमन ला अऊ सेना ला घलो पठोय रिहिस।
10 ये सुनके कि एक मनखे ह इसरायलीमन के मदद करे बर आय हवय, दू झन मनखे सम्बल्लत नांव के होरोनी अऊ तोबियाह नांव के अमोनी बहुंत घबरा गीन। ये दूनों उहां करमचारी रिहिन।
नहेमियाह दुवारा यरूसलेम के दीवार के जांच करई
11 मेंह यरूसलेम गेंव, अऊ उहां तीन दिन तक ठहिरे के बाद 12 मेंह कुछू मनखेमन के संग रथिया निकलेंव। मेंह कोनो ला नइं बताय रहेंव कि मोर परमेसर ह यरूसलेम के हित बर मोर मन म का योजना डारे हवय। उहां मोर सवारी के पसु ला छोंड़ कोनो आने पसु मोर संग नइं रिहिस।
13 मेंह रथिया घाटी के दुवार म ले होके सियार*या सांप या अंजीर कुआं अऊ गोबर दुवार कोति निकलेंव; मेंह यरूसलेम के टूटे दीवारमन के जांच करत गेंव, अऊ ओमन के दुवारमन के घलो जांच करंय, जेमन आगी म जरके नास हो गे रिहिन। 14 तब मेंह झरना दुवार अऊ राजा के कुंड कोति गेंव, पर मोर सवारी के पसु बर उहां ले होके जाय बर जगह नइं रिहिस; 15 एकरसेति मेंह रथियाच दीवार के जांच करत ऊपर घाटी कोति गेंव। आखिर म, मेंह वापिस मुड़ेंव अऊ फेर घाटी दुवार म ले होके गेंव। 16 अधिकारीमन नइं जानत रिहिन कि मेंह कहां गे रहंय या मेंह का करत रहंय, काबरकि मेंह तब तक यहूदीमन ला या पुरोहितमन ला या परभावसाली मनखेमन ला या अधिकारीमन ला या आने कोनो ला कुछू नइं बताय रहेंव, जेमन कि काम ला करनेवाला रिहिन।
17 तब मेंह ओमन ले कहंय, “तुमन खुद देखत हव कि हमन कइसन दुरदसा म हवन: यरूसलेम ह उजाड़ परे हवय अऊ ओकर दुवारमन आगी ले जर गे हवंय। आवव, हमन यरूसलेम के दीवार ला फेर बनावन, ताकि हमन फेर कलंकित झन होवन।” 18 मेंह ओमन ला ये घलो बतांय कि मोर परमेसर के किरपा-दिरिस्टी मोर ऊपर हवय अऊ राजा ह मोर ले का कहे रिहिस, ओ बात ला घलो बतांय।
तब ओमन कहिन, “आवव, हमन फेर बनाय के काम ला सुरू करन।” अऊ ओमन ये बने काम ला सुरू करिन।
19 पर जब सम्बल्लत नांव के होरोनी अऊ तोबियाह नांव के एक अमोनी करमचारी अऊ गेसेम नांव के एक अरबी मनखे ये बात ला सुनिन, त ओमन हमर हंसी उड़ाईन अऊ ठट्ठा करके पुछिन, “तुमन ये का करत हव? का तुमन राजा के बिरूध म बिदरोह करत हव?”
20 तब मेंह ये कहिके ओमन ला जबाब देंव, “स्वरग के परमेसर ह हमर काम ला सफल करही। हमन ओकर सेवकमन फेर बनाय बर सुरू करबो, पर जहां तक तुम्हर बात ए, यरूसलेम म तुम्हर न तो कोनो भाग, न ही कोनो हक अऊ न ही कोनो इतिहासिक अधिकार हवय।”