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दीवार के फेर बनई के बिरोध
1 जब सम्बल्लत ह सुनिस कि हमन दीवार ला फेर बनावत हन, तब ओह गुस्सा करिस अऊ बहुंत उत्तेजित हो गीस। ओह यहूदीमन के मजाक उड़ान लगिस, 2 अऊ अपन सहायकमन के अऊ सामरिया के सेना के आघू म, ओह कहिस, “ओ कमजोर यहूदीमन का करत हवंय? का ओमन ओ दीवार ला फेर बना लीहीं? का ओमन बलिदान चघाहीं? का ओमन ये काम एकेच दिन म पूरा कर लीहीं? का ओमन कंकड़ के ढेर म ले पथरामन ला फेर ठीक कर लीहीं—जबकि येमन जल चुके हवंय?”
3 अमोनी तोबियाह, जऊन ह ओकर बगल म रिहिस, ओह कहिस, “ओमन जऊन कुछू बनावत हवंय, यदि कोनो कोलिहा घलो ओकर ऊपर चढ़ही, त ओकर भार ले, ओमन के बनाय पथरा के दीवार ह टूटके गिर जाही।”
4 हे हमर परमेसर, हमर बात ला सुन, काबरकि हमर अपमान होवत हे। ओमन के दुवारा करे गे बेजत्ती ला ओमन के ही मुड़ म लहुंटा दे। ओमन ला बंधुवई के देस म लूट के सामान के रूप म देय दे। 5 ओमन के अपराध ला छेमा झन कर या अपन नजर ले ओमन के पाप ला झन मिटा, काबरकि ओमन दीवार बनइयामन के अपमान करे हवंय।
6 ये किसम ले, हमन दीवार ला फेर बनायेंन, अऊ जम्मो दीवार ह आधा ऊंचई तक ठाढ़ हो गीस, काबरकि मनखेमन अपन पूरा मन से ओ काम म लगे रिहिन।
7 पर जब सम्बल्लत, तोबियाह, अरबीमन, अमोनीमन अऊ असदोद सहर के मनखेमन सुनिन कि यरूसलेम के दीवार के मरम्मत होवत जावत हे, अऊ ओमा के फटानमन बंद होवत जावत हें, तब ओमन बहुंत गुस्सा होईन। 8 ओमन जम्मो झन मिलके ये साजिस रचिन कि ओमन आके यरूसलेम के बिरूध लड़हीं अऊ ओकर बिरूध समस्या खड़े करहीं। 9 पर हमन अपन परमेसर ले पराथना करेंन अऊ ओमन के ये साजिस के कारन दिन अऊ रात बर एक पहरेदार ठहिरा देंन।
10 इही बीच म, यहूदा के मनखेमन कहन लगिन, “बनिहारमन के बल ह घटत हवय, अऊ अतेक जादा मलबा हवय कि हमन दीवार ला फेर नइं बना सकन।”
11 हमर बईरीमन घलो कहन लगिन, “एकर पहिले कि ओमन येला जानंय या हमन ला देखंय, हमन ओमन के बीच म हबर जाबो अऊ ओमन ला मार डारबो अऊ ओ काम ला बंद कर देबो।”
12 तब जऊन यहूदीमन ओमन के आसपास रहत रिहिन, ओमन दस बार आ आके हमन ले कहिन, “तुमन जिहां भी जाहू, ओमन हमर ऊपर हमला करहीं।”
13 ये खातिर मेंह कुछू मनखेमन ला ओमन के परिवार सहित तलवार, बरछी अऊ धनुस के संग दीवार के सबले खाल्हे जगह म पाछू कोति खुले जगहमन म ठहिरा देंव। 14 जब मेंह ये चीजमन ला देख लेंव, तब मेंह उठेंव अऊ परभावसाली मनखे, अधिकारीमन अऊ बाकि मनखेमन ले कहंय, “ओमन ले झन डरव। परभू, जऊन ह महान अऊ अद्भूत अय, ओला सुरता करव, अऊ अपन परिवारमन, अपन बेटा अऊ बेटीमन, अपन घरवालीमन अऊ अपन घरमन बर लड़व।”
15 जब हमर बईरीमन सुनिन कि ओमन के साजिस के बात हमन ला मालूम हो गे हवय अऊ परमेसर ह ओमन के योजना ला बिफल कर दे हवय, तब हमन जम्मो के जम्मो दीवार मेर अपन-अपन काम करे बर लहुंटेंन।
16 ओ दिन ले, मोर आधा आदमीमन ओ काम म लगे रहंय अऊ आधा आदमीमन बरछी, ढाल, धनुस अऊ हथियारमन ला धरके ठाढ़े रहंय। अऊ अधिकारीमन अपनआप ला यहूदा के ओ जम्मो मनखेमन के पाछू तैनात कर लीन, 17 जेमन दीवार ला बनात रिहिन। जेमन सामानमन ला उठाके ले जावंय, ओमन एक हांथ ले अपन काम करंय अऊ दूसर हांथ म एक ठन हथियार धरे रहंय, 18 अऊ हर राज-मिसतिरी ह काम करत बेरा अपन बाजू म अपन तलवार ला लटकाय रहय। पर तुरही फूंकइयामन मोर संग रहंय।
19 तब मेंह परभावसाली मनखे, अधिकारी अऊ बाकि मनखेमन ले कहेंव, “काम ह बड़े अऊ बगरे हवय, अऊ हमन दीवार म एक-दूसर ले अलग दूरिहा-दूरिहा म हवन। 20 एकरसेति जऊन तरफ ले तुरही के अवाज तुमन सुनव, ओही तरफ आके तुमन हमर संग जूर जावव। हमर परमेसर ह हमर बर लड़ही!”
21 एकरसेति हमन काम म लगे रहेंन, अऊ ओमा आधा मनखेमन, बड़े बिहनियां ले तारामन के निकले तक बरछीमन ला धरे रहंय। 22 फेर ओ बेरा मेंह मनखेमन ले ये घलो कहंय, “हर एक मनखे अपन सहायक संग यरूसलेम के भीतर म रात बितावय, ताकि ओमन रथिया तो हमर रखवारी करंय, अऊ दिन म काम म लगे रहंय।” 23 न तो मेंह अपन कपड़ा उतारत रहंय, अऊ न ही मोर भाईमन, न मोर मनखेमन, न ओ पहरेदारमन, जेमन मोर संग रिहिन, अपन कपड़ा उतारत रिहिन; हर एक झन अपन हथियार ला धरे रहंय, अऊ त अऊ जब ओमन पानी लेय बर जावंय, तब भी हथियार धरे रहंय।