भजन-संहिता 52
संगीत के निरदेसक बर। दाऊद के एक मसकील†संभवतः येह संगीत के एक सबद ए। जब एदोमी दोएग ह साऊल करा जाके ओला कहिस: “दाऊद ह अहीमेलेक के घर गे हवय।”
1 हे बलवान बीर, बुरई ऊपर काबर घमंड करथस?
दिन भर काबर घमंड करत रहिथस,
जबकि तेंह तो परमेसर के नजर म एक कलंक अस?
2 तेंह धोखाधड़ी करथस,
तोर जीभ ह बिनास के योजना बनाथे;
येह तो धारवाले एक उस्तरा सहीं अय।
3 तेंह भलई के बदले बुरई ले मया करथस,
अऊ सच बोले के बदले लबारी मारे ला पसंद करथस।
4 हे धोखा देवइया जीभ!
तेंह हर हानि करइया बात ले मया करथस।
5 खचित परमेसर ह तोला हमेसा बर नास कर दीही:
ओह तोला धरके तोर डेरा ले निकाल दीही;
ओह तोला जीयत मनखेमन के लोक ले उखान डारही।
6 धरमी मनखेमन येला देखके डरहीं;
ओमन ये कहिके तोर ऊपर हंसहीं,
7 “इहां ये मनखे हवय
जऊन ह परमेसर ला अपन मजबूत गढ़ नइं बनाईस
पर अपन बहुंत धन-संपत्ति ऊपर भरोसा करिस
अऊ आने मन ला नास करे के दुवारा मजबूत होवत गीस!”
8 पर मेंह परमेसर के घर म बढ़त
एक जैतून के रूख सहीं अंव;
मेंह हमेसा-हमेसा बर
परमेसर के अटूट मया ऊपर भरोसा रखथंव।
9 जऊन कुछू तेंह करे हस, ओकर बर मेंह हमेसा
तोर बिसवासयोग्य मनखेमन के आघू म तोर परसंसा करहूं।
अऊ मेंह तोर नांव ऊपर आसा रखहूं,
काबरकि तोर नांव ह बने ए।