*इबरानी म 59:1‑17 ला 59:2‑18 गने गे हवय
भजन-संहिता 59
संगीत के निरदेसक बर। दाऊद के “नास झन कर” धुन म एक मिकतामसंभवतः संगीत के एक सबद। जब साऊल ह दाऊद ला मार डारे बर ओकर घर म मनखेमन ला पठोके पहरा बईठाय रिहिस।
हे परमेसर, मोला मोर बईरीमन ले बचा;
जऊन मन मोर ऊपर हमला करत हें, ओमन ले मोर रकछा कर।
मोला दुस्ट काम करइया मनखेमन ले छोंड़ा
अऊ मोला ओमन ले बचा, जऊन मन मोर परान लेय बर चाहथें।
 
देख, ओमन कइसे मोर घात म लगे हवंय!
हे यहोवा, मेंह कोनो दोस या पाप नइं करे हंव,
तभो ले हिंसा करइया मनखेमन मोर बिरूध सडयंत्र करत हें।
मेंह कोनो गलती नइं करे हंव, तभो ले ओमन मोर ऊपर हमला करे बर तियार हवंय।
मोर मदद करे बर उठ; मोर दुरदसा ला देख!
हे यहोवा, सर्वसक्तिमान परमेसर,
तेंह इसरायल के परमेसर अस,
जम्मो आनजातमन ला दंड देय बर जाग;
दुस्ट बिसवासघातीमन ऊपर कोनो दया झन देखा।
 
ओमन कुकुरमन सहीं गुर्रावत
सांझ के लहुंटथें,
अऊ छिपके सहर म घुमथें।
देख, ओमन अपन मुहूं ले का उछरथें—
ओमन के मुहूं ले निकले बात म तलवार सहीं धार हवय,
अऊ ओमन सोचथें, “हमर बात ला कोन सुन सकथे?”
पर हे यहोवा, तेंह ओमन ऊपर हांसथस;
तेंह ओ जम्मो आनजातमन के हंसी उड़ाथस।
 
तेंह मोर ताकत अस, मेंह तोर इंतजार म रहिथंव;
हे परमेसर, तेंह मोर गढ़ अस,
10 हे मोर परमेसर, तोर ऊपर मेंह भरोसा करथंव।
 
परमेसर ह मोर आघू-आघू जाही
अऊ जऊन मन मोर निन्दा करथें, ओमन ला घूरके देखे के मोला मऊका दीही।
11 पर हे परभू हमर ढाल,या परमपरधान ओमन के हतिया झन कर,
नइं तो मोर मनखेमन भुला जाहीं।
अपन सक्ति ले ओमन ला उखान दे
अऊ ओमन ला गिरा दे।
12 ओमन के मुहूं के पाप बर,
ओमन के ओंठ ले निकले बचन बर,
ओमन अपन घमंड म पकड़े जावंय।
ओमन जऊन सराप देथें अऊ लबारी मारथें, ओकर बर
13 ओमन ला अपन कोरोध म जलाके नास कर दे,
ओमन ला अइसे जलाके नास कर कि ओमन पूरा नास हो जावंय।
तब धरती के छोर तक पता चलही
कि परमेसर ह याकूब ऊपर सासन करथे।
 
14 ओमन कुकुरमन सहीं गुर्रावत,
सांझ के लहुंटथें,
अऊ छिपके सहर म घुमथें।
15 ओमन जेवन बर भटकथें
अऊ कहूं संतोस नइं होवंय, त कुकुर या भेड़िया सहीं रोथें।
16 पर मेंह तोर ताकत के गुन गाहूं,
बिहनियां मेंह तोर मया के गीत गाहूं;
काबरकि तेंह मोर गढ़ अस,
संकट के बेरा म मोर सरन-स्थान अस।
 
17 तेंह मोर बल अस, मेंह तोर परसंसा के गीत गाथंव;
हे परमेसर, तेंह मोर गढ़ अस,
मोर परमेसर, जेकर ऊपर मेंह भरोसा करथंव।

*^ इबरानी म 59:1‑17 ला 59:2‑18 गने गे हवय

^ संभवतः संगीत के एक सबद

भजन-संहिता 59:11 या परमपरधान