भजन-संहिता 64
संगीत के निरदेसक बर। दाऊद के एक भजन।
1 हे मोर परमेसर, जब मेंह अपन सिकायत लेके आथंव, त मोर बात ला सुन;
बईरीमन के धमकी ले मोर जिनगी ला बचा।
2 दुस्टमन के सडयंत्र ले, दुस्ट काम करइयामन के
योजना ले मोला बचा।
3 ओमन तलवार के सहीं अपन जीभ ला तेज करथें
अऊ घातक तीर के सहीं करू बचन कहिथें।
4 ओमन घात लगाके निरदोस ऊपर तीर चलाथें;
ओमन बिगर डरे, अचानक तीर चलाथें।
5 ओमन दुस्ट योजना बनाय बर एक-दूसर ला उकसाथें,
ओमन अपन जाल ला छुपाय के बारे म गोठियाथें;
ओमन कहिथें, “कोन ह येला†या हमन ला देखही?”
6 ओमन अनियाय करे के सडयंत्र रचथें अऊ कहिथें,
“हमन एकदम सही योजना बनाय हन!”
सही म मनखे के मन अऊ हिरदय चालबाज अंय।
7 पर परमेसर ह ओमन ऊपर अपन तीर चलाही;
ओमन अचानक घात करे जाहीं।
8 परमेसर ह ओमन के खुद के जीभ ला ओमन के बिरूध कर दीही
अऊ ओमन के बिनास कर दीही;
जऊन मन ओमन ला देखहीं, ओ जम्मो झन ओमन ला तुछ जानके अपन मुड़ हलाहीं।
9 जम्मो मनखेमन डर जाहीं;
ओमन परमेसर के काम के बखान करहीं
अऊ जऊन कुछू ओह करे हवय, ओकर ऊपर बिचार करहीं।
10 धरमी जन ह यहोवा म आनंद मनाही
अऊ ओकर करा सरन लीही;
ओ जम्मो मनखे, जऊन मन हिरदय ले ईमानदार अंय, ओमन ओकर परसंसा करहीं!