*इबरानी म 83:1‑18 ला 83:2‑19 गने गे हवय
भजन-संहिता 83
एक गीत। आसाप के एक भजन।
हे परमेसर, तेंह चुप झन रह;
अपन कान ला बंद झन कर,
हे परमेसर, दूरिहा झन रह।
देख, तोर बईरीमन कइसे गुर्रावत हें,
तोर बिरोधीमन कइसे मुड़ उठावत हें।
चालबाजी के संग ओमन तोर मनखेमन के बिरूध सडयंत्र करथें;
ओमन ओ मनखेमन के बिरूध सडयंत्र रचथें, जेमन के बचाव तेंह करथस।
ओमन कहिथें, “आवव, हमन ओमन ला एक जाति के रूप म नास कर देवन,
ताकि इसरायल के नांव ला झन सुरता करे जावय।”
 
ओमन एक संग एक मन होके सडयंत्र करथें;
ओमन तोर बिरूध म एक जुट होथें—
ओमन एदोम अऊ इसमायलीमन के तम्बूवाले,
मोआबी अऊ हगरी,
गबाली, अमोनी अऊ अमालेकी,
पलिस्ती अऊ सूर के मनखेमन संग हवंय।
अऊ त अऊ अस्सूरीमन लूत के संतानमन के सक्ति बढ़ाय बर
ओमन के संग मिल गे हवंय।
 
ओमन के संग वइसने कर, जइसने तेंह मिदयानीमन के संग,
अऊ कीसोन नदी म सीसरा अऊ याबीन के संग करे रहय,
10 जऊन मन एनदोर म नास हो गीन
अऊ भुइयां म गिरे गोबर सहीं हो गीन।
11 ओमन के परभावसाली मनखेमन ला ओरेब अऊ जेब सहीं,
अऊ ओमन के जम्मो राजकुमारमन ला जेबह अऊ सलमुन्ना सहीं कर दे,
12 जऊन मन कहिन, “आवव, हमन परमेसर के चरागनमन ला
अपन अधिकार म कर लेवन।”
 
13 हे मोर परमेसर, ओमन ला बवंडर म उड़त धुर्रा,
हवा म उड़त भूंसा सहीं कर दे।
14 जइसे आगी ह जंगल ला जलाके नास कर देथे
या एक चिनगारी ह पहाड़मन म आगी लगा देथे,
15 वइसे तेंह अपन आंधी ले ओमन के पीछा कर
अऊ अपन तूफान ले ओमन ला भयभीत कर।
16 हे यहोवा, ओमन ला अइसने सरमिंदा कर,
कि ओमन तोर नांव लेवंय।
 
17 ओमन हमेसा बर लज्जित अऊ भयभीत होवंय;
ओमन कलंकित होके नास हो जावंय।
18 ओमन तोला जानंय, जेकर नांव यहोवा ए—
ये घलो जानंय कि सिरिप तेंहीच ह जम्मो धरती ऊपर सर्वोच्च परमेसर अस।

*^ इबरानी म 83:1‑18 ला 83:2‑19 गने गे हवय