भजन-संहिता 92
एक भजन। बिसराम दिन बर एक गीत।
1 यहोवा के परसंसा करई
अऊ हे सर्वोच्च परमेसर, तोर नांव म बाजा बजई बने बात ए,
2 बिहनियां तोर मया
अऊ रथिया तोर बिसवासयोग्यता के घोसना करई,
3 दस तारवाला बाजा
अऊ बीना के सुघर राग बजई बने बात ए।
4 काबरकि हे यहोवा, तेंह अपन काम के दुवारा मोला खुस कर देथस;
तोर करे गय काम के कारन मेंह आनंद के गीत गाथंव।
5 हे यहोवा, तोर काममन कतेक बड़े हवंय,
तोर बिचारमन कतेक गंभीर हवंय!
6 अगियानी मनखे येला नइं जानंय,
मुरूखमन येला नइं समझंय,
7 हालाकि दुस्ट मनखे कांदी के सहीं निकलथें
अऊ जम्मो दुस्ट काम करइयामन उन्नति करथें,
पर ओमन हमेसा बर नास हो जाहीं।
8 पर हे यहोवा, तोर सदा-सर्वदा बड़ई होथे।
9 काबरकि हे यहोवा, खचित तोर बईरीमन,
खचित तोर बईरीमन नास हो जाहीं;
जम्मो दुस्ट काम करइयामन तितिर-बितिर हो जाहीं।
10 तेंह मोर सींग†सींग ह इहां ताकत के प्रतीक अय ला जंगली सांड़ के सहीं ऊंच करे हस;
सुघर तेल ह मोर ऊपर रितोय गे हवय।
11 मोर आंखी ह मोर बईरीमन के पराजय ला देखे हवय,
मोर कान ह मोर दुस्ट बईरीमन के कोलाहल ला सुने हवय।
12 धरमी मनखे ह खजूर के रूख सहीं फूलही-फरही,
ओमन लबानोन के देवदार सहीं बढ़हीं;
13 यहोवा के घर म रोपे जाके,
ओमन हमर परमेसर के अंगना म फूलहीं-फरहीं।
14 ओमन बहुंत उमर होय के बाद घलो फर दीहीं,
ओमन तरो-ताजा अऊ हरियर रहिहीं,
15 अऊ ये घोसना करहीं, “यहोवा ह नियायी अय;
ओह मोर चट्टान ए, अऊ ओमा कोनो दुस्टता नइं ए।”