भजन-संहिता 95
1 आवव, हमन यहोवा बर आनंद के गीत गावन;
हमन हमर उद्धार के चट्टान बर जोर से चिचियावन।
2 हमन ओकर आघू म धनबाद के संग आवन
अऊ बाजा बजाके अऊ गीत गाके ओकर बहुंत परसंसा करन।
3 काबरकि यहोवा ह महान परमेसर ए,
जम्मो देवतामन ऊपर महान राजा ए।
4 ओकर हांथ म धरती के गहरई हवय,
अऊ पहाड़ के चोटीमन ओकर अंय।
5 समुंदर ह ओकर अय, काबरकि ओह येला बनाय हवय,
अऊ ओकर हांथमन सूखा भुइयां ला रचे हवंय।
6 आवव, हमन मुड़ नवाके अराधना करन,
हमन यहोवा हमर सिरजनहार के आघू म माड़ी टेकन;
7 काबरकि ओह हमर परमेसर ए
अऊ हमन ओकर चरागन के मनखे अन,
अऊ ओकर देखरेख म रहइया एक झुंड अन।
यदि आज तुमन सिरिप ओकर ये अवाज ला सुनत हव,
8 “त अपन हिरदय ला कठोर झन करव, जइसे तुम्हर पुरखामन मरीबा*मरीबा के मतलब होथे झगड़ा म करे रिहिन,
जइसे कि तुमन ओ दिन सुन्ना जगह के मस्सा†मस्सा के मतलब होथे परखई म करे रहेव,‡देखव निर 17:1‑7; गन 20:1‑13; ब्यव 6:16; 33:8
9 जिहां ओमन मोला परखिन;
ओमन मोला जांचिन, हालाकि ओमन मोर काममन ला देखे रिहिन।
10 चालीस साल तक मेंह ओ पीढ़ी के मनखेमन ले नराज रहेंव;
मेंह कहेंव, ‘येमन अइसे मनखे अंय, जेमन के मन ह एती-ओती होथे,
अऊ ओमन मोर रसता ला नइं जानंय।’
11 एकरसेति मेंह कोरोध म कसम खाके कहेंव,
‘ओमन ओ ठऊर§परतिगियां के देस, कनान देस म कभू नइं जा सकहीं, जिहां मेंह ओमन ला अराम देवइया रहेंव।’ ”
*भजन-संहिता 95:8 मरीबा के मतलब होथे झगड़ा
†भजन-संहिता 95:8 मस्सा के मतलब होथे परखई
‡भजन-संहिता 95:8 देखव निर 17:1‑7; गन 20:1‑13; ब्यव 6:16; 33:8
§भजन-संहिता 95:11 परतिगियां के देस, कनान देस