भजन-संहिता 123
आरोहन के एक गीत।
मेंह अपन नजर तोर कोति करथंव,
तोर कोति, जऊन ह स्वरग म बिराजमान हे।
जइसे कि दासमन के नजर ह अपन मालिक के हांथ कोति,
जइसे कि दासी के नजर ह अपन मालकिन के हांथ कोति लगे रहिथे,
वइसे ही हमर नजर ह यहोवा, हमर परमेसर कोति तब तक लगे रहिथे,
जब तक कि ओह हमर ऊपर अपन दया नइं देखावय।
 
हे यहोवा, हमर ऊपर दया कर, हमर ऊपर दया कर,
काबरकि हमन बहुंत अपमान सहे हन।
घमंडी मनखेमन हमर
बहुंत हंसी उड़ाय हवंय,
घमंडी मनखेमन के हमन घोर अपमान सहे हन।