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नवां यरूसलेम
तब मेंह एक नवां अकास अऊ एक नवां धरती देखेंव।*यसा 65:17 पहिली अकास अऊ पहिली धरती दूनों लोप हो गे रिहिन, अऊ कोनो समुंदर घलो नइं रिहिस। अऊ मेंह पबितर सहर नवां यरूसलेम ला परमेसर के इहां ले स्वरग ले उतरत देखेंव। ओह अपन घरवाला खातिर दुलहिन के सहीं सुघर सजे रहय। अऊ मेंह सिंघासन ले ऊंचहा अवाज म, ये कहत सुनेंव, “देखव! अब परमेसर के निवास मनखेमन के बीच हवय, अऊ ओह ओमन के संग रहिही। ओमन ओकर मनखे होहीं, अऊ परमेसर ह खुद ओमन के संग रहिही। ओह ओमन के आंखी के जम्मो आंसू ला पोंछही। उहां न मिरतू होही,यसा 25:8 न कोनो सोक मनाही या रोही, अऊ न ही कोनो ला कोनो किसम के पीरा होही, काबरकि पुराना बातमन खतम हो गे हवंय।”
जऊन ह सिंघासन म बिराजे रिहिस ओह कहिस, “मेंह हर एक चीज ला नवां बनावत हवंव।” तब ओह कहिस, “येला लिख ले, काबरकि ये बात ह बिसवास लईक अऊ सत ए।”
ओह मोला कहिस, “येह पूरा होईस। मेंह अलफा अऊ ओमेगा, आदि अऊ अन्त अंव। जऊन ह पीयासा हवय, ओला मेंह जिनगी के पानी के सोता म ले मुफत म पीये बर दूहूं। जऊन ह जय पाही, ओला ये जम्मो चीज मिलही, अऊ मेंह ओकर परमेसर होहूं, अऊ ओह मोर बेटा होही। पर डरपोक, अबिसवासी, दुस्ट, हतियारा, छिनारी करइया, जादू-टोना करइया, मूरती-पूजा करइया अऊ जम्मो लबरामन ओ झील म जगह पाहीं, जऊन ह आगी अऊ गंधक ले धधकत हवय। येह दूसरा मिरतू ए।”
तब ओ सात स्वरगदूतमन, जेमन करा सात ठन आखिरी महामारी ले भरे सात ठन कटोरा रहंय, ओमा ले एक झन मोर करा आईस अऊ कहिस, “आ, मेंह तोला दुलहिन याने कि मेढ़ा-पीला के घरवाली ला देखाहूं।” 10 ओ स्वरगदूत ह आतमा के सामर्थ ले मोला एक बड़े अऊ ऊंच पहाड़ ऊपर ले गीस, अऊ ओ पबितर सहर—यरूसलेम ला देखाईस, जऊन ह स्वरग ले परमेसर के इहां ले उतरत रहय। 11 ओह परमेसर के महिमा ले चमकत रहय अऊ ओकर चमक ह एक बहुंत मंहगा पथरा—मनि सहीं एकदम साफ रहय। 12 ओकर चारों कोति एक बड़े अऊ ऊंच दीवार रहय। दीवार म बारह ठन कपाट रहंय अऊ ये कपाटमन म बारह झन स्वरगदूत ठाढ़े रहंय। ये कपाटमन म इसरायल के बारह गोत्र के नांव लिखाय रहय—हर कपाट म एक नांव। 13 पूरब म तीन, उत्तर म तीन, दक्खिन म तीन अऊ पछिम म तीन कपाट रिहिन। 14 सहर के दीवार के बारह ठन नीव के पथरामन रहंय अऊ ओमन म मेढ़ा-पीला के बारह प्रेरितमन के नांव लिखाय रहय—हर पथरा म एक नांव।
15 जऊन स्वरगदूत ह मोर ले गोठियावत रिहिस, ओकर करा सहर, ओकर कपाट अऊ दीवार ला नापे बर नापे के सोन के एक छड़ रहय। 16 ओ सहर ह चौखट्टा आकार म बसे रिहिस। ओकर लम्बई ह ओकर चौड़ई के बरोबर रहय। स्वरगदूत ह सहर ला छड़ म नापिस, त ओह करीब 12,000 सटेडियाया 2,200 किलोमीटर निकलिस। ओकर लम्बई, चौड़ई अऊ ऊंचई बरोबर रिहिस। 17 ओह सहर के दीवार ला घलो नापिस। स्वरगदूत ह मनखे के नाप के हिसाब म नापिस, अऊ सहर के दीवार के ऊंचई ह करीब 65 मीटर निकलिस। 18 सहर के दीवार ह मनि के बने रिहिस अऊ सहर ह चोखा सोन के बने रिहिस, जऊन ह कांच सहीं सुध रिहिस। 19 सहर के दीवार के नीव ह जम्मो किसम के कीमती पथरा ले सजे रहय। पहिली नीव ह मनि के रिहिस, दूसरा ह नीलम, तीसरा ह सुलेमानी, चौथा ह पन्ना, 20 पांचवां ह गोमेदक, छठवां ह मानिक्य, सातवां ह पीतमनी, आठवां ह फिरोजा, नौवां ह पुखराज, दसवां ह लहसनिये, गियारहवां ह नगीना अऊ बारहवां ह नीलमनि के बने रिहिस।§येमा के कुछू कीमती चीजमन के सही जानकारी नइं ए 21 बारह कपाटमन बारह मोतीमन ले बने रिहिन। एक-एक कपाट ह एक-एक मोती के बने रिहिस। सहर के गली ह आर-पार दिखइया साफ कांच सहीं चोखा सोन के बने रिहिस।
22 मेंह सहर म कोनो मंदिर नइं देखेंव, काबरकि सर्वसक्तिमान परभू परमेसर अऊ मेढ़ा-पीला एकर मंदिर अंय। 23 अऊ सहर ला सूरज या चंदा के अंजोर के जरूरत नइं रिहिस, काबरकि परमेसर के महिमा ओला अंजोर देवत रिहिस अऊ मेढ़ा-पीला ओकर दीया रिहिस। 24 संसार के मनखेमन ओकर अंजोर म रेंगही अऊ संसार के राजामन ओमा अपन सोभा लानहीं। 25 ओ सहर के कपाटमन कभू बंद नइं होहीं, अऊ उहां कभू रात नइं होही। 26 जम्मो देस के महिमा अऊ आदर ओमा लाने जाही। 27 कोनो असुध चीज कभू ओ सहर म घुसरे नइं पाही अऊ न ही ओ मनखे, जऊन ह लज्जा के काम करथे या धोखा देवइया काम करथे, पर सिरिप ओमन घुसरे पाहीं, जेमन के नांव मेढ़ा-पीला के जिनगी के किताब म लिखाय हवय।

*21:1 यसा 65:17

21:4 यसा 25:8

21:16 या 2,200 किलोमीटर

§21:20 येमा के कुछू कीमती चीजमन के सही जानकारी नइं ए