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दुलहिन
1 में सारोन*सारोन इसरायल के भूमध्य सागर के किनारा के इलाका (देखव यसा 35:2 अऊ 65:10) के गुलाब,
अऊ घाटीमन के कुमुदिनी फूल अंव।
दूल्हा
2 मोर मयारू ह जवान माईलोगन के बीच म,
कांटामन के बीच म कुमुदिनी फूल सहीं अय।
दुलहिन
3 जइसने कि जंगल के रूखमन के बीच म एक सेव के रूख,
वइसने ही मोर मयारू ह जवानमन के बीच म अय।
मोला ओकर छइहां म बईठके खुसी मिलथे,
अऊ ओकर फर के सुवाद ह मोला मीठ लगथे।
4 ओह मोला भोज के घर म ले जावय,
अऊ ओकर मया के धजा ह मोर ऊपर होवय।
5 मोला किसमिस के दाना ले ताकत देवव,
अऊ सेव के फर ले मोला तरो-ताजा करव,
काबरकि मेंह मया म दुरबल हो गे हवंव।
6 ओकर डेरी हांथ ह मोर मुड़ के तरी म हवय,
अऊ ओकर जेवनी हांथ ह मोला पोटारथे।
7 हे यरूसलेम के बेटीमन, मेंह तुमन ला
सुघर छोटे हिरन अऊ भांठा के हिरनीमन के किरिया खवाके कहत हंव:
जब तक मया ह खुदे नइं जाग उठय,
तब तक तुमन ओला झन भड़कावव या जगावव।
8 सुन! हे मोर मयारू!
देख! ओह आवत हे,
ओह पहाड़मन ला पार करके,
पहाड़ीमन ले उछलत-कूदत आवत हे।
9 मोर मयारू ह सुघर छोटे हिरन या जवान बारासींगा सहीं अय।
देखव! ओह हमर दीवार के पाछू म ठाढ़े हवय,
ओह खिड़की म ले देखत हे,
ओह जालीमन म ले झांकत हे।
10 मोर मयारू ह मोर ले गोठियाईस अऊ कहिस,
“हे मोर मयारू, उठ!
हे मोर सुघर जन, मोर संग चल।
11 देख, जड़काला ह बीत गे;
अऊ बारिस ह घलो खतम हो गीस अऊ चल दीस।
12 धरती म फूलमन फूलथें;
गाना गाय के समय आ गे हवय,
हमर भुइयां म पंड़कीमन के
गुटरे के बोली सुनई देवत हे।
13 अंजीर के रूख म ओकर छोटे फर लगे के सुरू हो गे हवय;
अंगूर के नारमन म फूले फूल के खुसबू बगरत हवय।
हे मोर मयारू! उठ, आ;
मोर सुघर जन, मोर संग चल।”
दूल्हा
14 हे मोर पंड़की! चट्टानमन के दरार म,
पहाड़मन के छुपे के जगह म,
मोला अपन चेहरा देखा,
मोला अपन बोली सुना;
काबरकि तोर बोली ह गुरतूर हवय,
अऊ तोर चेहरा ह सुघर हवय।
15 हमर बर कोलिहामन ला पकड़व,
ओ नान-नान कोलिहामन ला
जऊन मन अंगूर के बारीमन ला उजारथें,
काबरकि हमर अंगूर के बारीमन म फूल आवत हवंय।
दुलहिन
16 मोर मयारू ह मोर अय अऊ मेंह ओकर अंव;
ओह भेड़-बकरी ला कुमुदिनी फूलमन के बीच म चराथे।
17 संझा के होवत ले
अऊ जब तक छइहां ह लम्बा होके मिटा नइं जावय,
लहुंट आ, हे मोर मयारू,
अऊ सुघर छोटे हिरन सहीं हो जा
या बेतेर के पहाड़ीमन के
जवान बारासींगा सहीं हो जा।