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नापे के डोरी के संग एक मनखे
*इबरानी म 2:1‑13 ला 2:5‑17 गने गे हवय 1 तब मेंह अपन आघू म एक मनखे ला देखेंव, जऊन ह अपन हांथ म नापे के डोरी ला धरे रिहिस। 2 तब मेंह ओकर ले पुछेंव, “तेंह कहां जावत हस?”
ओह मोला जबाब दीस, “मेंह यरूसलेम ला नापे बर जावत हंव ताकि पता चलय कि ओकर लम्बई अऊ चौड़ई कतेक हवय।”
3 जब मोर ले बात करइया स्वरगदूत ह जाय लगिस, त एक आने स्वरगदूत ओकर ले मिले बर आईस 4 अऊ ओकर ले कहिस: “दऊड़के जा अऊ ओ जवान ले कह, ‘मनखे अऊ पसुमन के बहुंतायत के कारन, यरूसलेम ह बिगर दीवार के सहर हो जाही। 5 अऊ मेंह खुद येकर चारों कोति आगी के दीवार बन जाहूं,’ यहोवा ह घोसना करत हे, ‘अऊ ओकर भीतर म मेंह ओकर महिमा होहूं।’
6 “आवव! आवव! उत्तर के देस ले भाग जावव,” यहोवा ह घोसना करत हे, “काबरकि मेंह तुमन ला अकास के चारों दिग के हवा म तितिर-बितिर कर दे हंव,” यहोवा ह घोसना करत हे।
7 “हे सियोन! आ, तें जऊन ह बेटी बेबिलोन म रहिथस, बचके भाग निकल!” 8 काबरकि सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहत हे: “महिमामय परमेसर ह मोला ओ जातिमन के बिरूध म पठोय हवय, जऊन मन तुमन ला लूट ले हवंय—काबरकि जऊन ह तुमन ला छूथे, ओह ओकर†या यहोवा के आंखी के पुतली ला छूथे— 9 मेंह खचित ओमन के बिरूध अपन हांथ उठाहूं ताकि ओमन के गुलाममन ओमन ला लूटंय। तब तुमन जानहू कि सर्वसक्तिमान यहोवा ह मोला पठोय हवय।
10 “हे बेटी सियोन, चिचिया अऊ आनंद मना। काबरकि मेंह आके तोर बीच म निवास करहूं,” यहोवा ह घोसना करत हे। 11 “ओ दिन बहुंत अकन जातिमन यहोवा के संग मिल जाहीं अऊ मोर मनखे बन जाहीं। मेंह तोर बीच म निवास करहूं अऊ तेंह जान जाबे कि सर्वसक्तिमान यहोवा ह मोला तोर करा पठोय हवय। 12 यहोवा ह पबितर देस म यहूदा ला अपन भाग के रूप म ले लीही अऊ यरूसलेम ला फेर चुन लीही। 13 हे जम्मो मनखेमन, यहोवा के आघू म सांत रहव, काबरकि ओह खुद अपन पबितर निवास ले ठाढ़ होय हवय।”