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आराम दिन को बारे म प्रश्न
(मरकुस २:२३-२८; लूका ६:१-५)
1 ऊ समय यीशु आराम दिन म खेतो म सी होय क जाय रह्यो होतो, अऊर ओको चेलावों ख भूख लगी त हि गहूं को लोम्बा तोड़-तोड़ क खान लग्यो। 2 फरीसियों न यो देख क ओको सी कह्यो, “देख, तोरो चेला ऊ काम कर रह्यो हंय, जो आराम को दिन मूसा को नियम को अनुसार उचित नहाय।”
3 यीशु उन्को सी कह्यो, “का तुम्न नहीं पढ़्यो, कि जब दाऊद अऊर ओको संगी ख भूख लगी त ओन का करयो? 4 ऊ कसो परमेश्वर को मन्दिर म गयो, अऊर अर्पन की रोटी खायी, ओख अऊर ओको संगियों ख उन्की रोटी मूसा को नियम को अनुसार उचित नहाय। पर केवल याजकों ख उचित होतो? 5 का तुम न मूसा की व्यवस्था म नहीं पढ़्यो कि याजक आराम दिन को मन्दिर म आराम दिन की विधि ख तोड़न पर भी निर्दोष ठहरय हंय? 6 पर मय तुम सी कहू हय कि इत ऊ हय जो आराधनालय सी भी बड़ो हय।” 7 ✡मत्ती ९:१३“यदि तुम येको मतलब जानतो, ‘मय दया सी सन्तुष्ट होऊं हय, बलिदान सी नहीं,’ त तुम निर्दोष ख दोषी नहीं ठहरायतो। 8 आदमी को बेटा त आराम दिन को भी प्रभु आय।”
सूख्यो हाथ वालो आदमी की चंगायी
(मरकुस ३:१-६; लूका ६:६-११)
9 उत सी चल क यीशु उन्को सभागृह म आयो। 10 उत एक आदमी होतो, जेको हाथ म लकवा भयो होतो। फरीसियों न यीशु पर दोष लगावन लायी ओको सी पुच्छ्यो, “का आराम को दिन नियम को अनुसार चंगो करनो उचित हय?”
11 ✡लूका १४:५यीशु न उन्को सी कह्यो, “तुम म असो कौन हय जेकी एकच मेंढीं हय, अऊर ऊ आराम दिन गड्डा म गिर जाये, त ऊ ओख पकड़ क नहीं निकालेंन? 12 भलो, आदमी की कीमत मेंढा सी कितनो बढ़ क हय! येकोलायी आराम दिन म भलायी करनो नियम को अनुसार उचित हय।” 13 तब यीशु न ऊ आदमी सी कह्यो, “अपनो हाथ बढ़ाव।”
ओन बढ़ायो, अऊर ऊ तब दूसरों हाथ को जसो अच्छो भय गयो। 14 तब फरीसियों न बाहेर जाय क ओको विरोध म चर्चा करयो कि ओख कसो तरह सी नाश करबो।
परमेश्वर को चुन्यो हुयो सेवक
15 यो जान क यीशु उत सी चली गयो। अऊर बहुत लोग ओको पीछू होय लियो, अऊर ओन सब ख चंगो करयो, 16 अऊर उन्ख चितायो कि मोख प्रगट मत करजो, 17 ताकि जो वचन यशायाह भविष्यवक्ता सी कह्यो गयो होतो, ऊ पूरो हो:
18 “देखो, यो मोरो सेवक आय, जेक मय न चुन्यो हय:
मोरो प्रिय, जेकोसी मोरो मन खुश हय:
मय अपनी आत्मा ओको पर डालू,
अऊर ऊ गैरयहूदियों ख न्याय को सुसमाचार देयेंन।
19 ऊ नहीं झगड़ा करेंन, अऊर नहीं धूम मचायेंन,
अऊर नहीं बजारों म जोर सी चिल्लाय क भाषन सुनायेंन।
20 ऊ कुचल्यो हुयो घास ख नहीं तोड़ेंन,
अऊर धुवा देन वाली बत्ती ख नहीं बुझायेंन,
जब तक ऊ न्याय ख मजबूत नहीं कराये।
21 अऊर पूरो राष्ट्र को लोग ओको नाम पर आशा रखेंन।”
यीशु अऊर बालजबूल
(मरकुस ३:२०-३०; लूका ११:१४-२३)
22 तब लोग एक अन्धा अऊर मुक्का ख यीशु को जवर लायो; जेको म दुष्ट आत्मायें होती, अऊर ओन ओख अच्छो करयो, अऊर ऊ बोलन अऊर देखन लग्यो। 23 येको पर सब लोग अचम्भित होय क कहन लग्यो, “यो का दाऊद की सन्तान आय?”
24 ✡मत्ती ९:३४; १०:२५पर फरीसियों न यो सुन क कह्यो, “यो त दुष्ट आत्मावों को मुखिया बालजबूल की मदत को बिना शैतानी आत्मावों ख नहीं निकालय।”
25 यीशु न उन्को मन की बात जान क उन्को सी कह्यो, “जो कोयी राज्य म फूट होवय हय, ऊ उजड़ जावय हय; अऊर कोयी नगर यां घराना जेको म फूट होवय हय, बन्यो नहीं रहेंन।” 26 अऊर यदि शैतानच शैतान ख निकाले, त ऊ अपनोच विरोधी भय गयो हय; तब ओको राज्य कसो बन्यो रहेंन? 27 भलो, यदि मय बालजबूल की मदत सी दुष्ट आत्मावों ख निकालू हय, त तुम्हरो अनुयायी कौन की मदत सी निकालय हंय? येकोलायी हिच तुम्हरो न्याय करेंन। 28 पर यदि मय परमेश्वर की आत्मा की मदत सी दुष्ट आत्मावों ख निकालू हय, त परमेश्वर को राज्य तुम्हरो जवर आय गयो हय।
29 “कसो कोयी आदमी कोयी ताकतवर को घर म घुस क ओको माल लूट सकय हय जब तक कि पहिले ऊ ताकतवर ख नहीं बान्ध ले? तब तक ऊ ओको घर को माल लूट नहीं लेयेंन।”
30 ✡मरकुस ९:४०जो मोरो संग नहाय ऊ मोरो विरोध म हय, अऊर जो मोरो संग नहीं ऊ जमा करय हय अऊर बिखरावय हय। 31 येकोलायी मय तुम सी कहू हय कि आदमी को सब तरह को पाप अऊर निन्दा माफ करयो जायेंन, पर पवित्र आत्मा कि निन्दा माफ नहीं करी जायेंन। 32 ✡लूका १२:१०जो कोयी आदमी को बेटा को विरोध म कोयी बात कहेंन, ओको यो अपराध माफ करयो जायेंन, पर जो कोयी पवित्र आत्मा को विरोध म कुछ कहेंन, ओको अपराध नहीं त यो जगत म अऊर नहीं स्वर्ग म माफ करयो जायेंन।
झाड़ अऊर ओको फर
(लूका ६:४३-४५)
33 ✡मत्ती ७:२०; लूका ६:४४“यदि एक झाड़ अच्छो हय, त ओको फर भी अच्छो रहेंन, यदि एक झाड़ बुरो हय, त ओको फर भी बुरो रहेंन; कहालीकि झाड़ अपनो फर सीच पहिचान्यो जावय हय। 34 ✡मत्ती ३:७; २३:३३; लूका ३:७; मत्ती १५:१८; लूका ६:४५हे सांप को बच्चां, तुम बुरो होय क कसी अच्छी बाते कह्य सकय हय? कहालीकि जो मन म भरयो हय, उच मुंह पर आवय हय। 35 अच्छो आदमी मन को अन्दर सी अच्छी बाते निकालय हय, अऊर बुरो आदमी उच मन सी बुरी बाते निकालय हय।
36 “अऊर मय तुम सी कहू हय कि जो बुरी बाते आदमी कहेंन, न्याय को दिन हि हर एक वा बात को हिसाब देयेंन। 37 कहालीकि तय अपनी बातों को वजह निर्दोष, अऊर अपनी बातों को वजह दोषी ठहरायो जाजो।”
स्वर्गीय चिन्ह की मांग
(मरकुस ८:११,१२; लूका ११:२९-३२)
38 ✡मत्ती १६:१; मरकुस ८:११; लूका ११:१६येको पर कुछ धर्मशास्त्रियों अऊर फरीसियों न ओको सी कह्यो, “हे गुरु, हम तोरो सी एक चमत्कार को चिन्ह देखनो चाहजे हय।”
39 ✡मत्ती १६:४; मरकुस ८:१२ओन उन्ख उत्तर दियो, “यो पीढ़ी को बुरो अऊर व्यभिचारी लोग चिन्ह ढूंढय हंय, पर योना भविष्यवक्ता को चिन्ह ख छोड़ कोयी अऊर चिन्ह उन्ख नहीं दियो जायेंन। 40 योना तीन दिन अऊर तीन रात बड़ी मच्छी को पेट म रह्यो, वसोच आदमी को बेटा तीन दिन अऊर तीन रात धरती को अन्दर रहेंन। 41 नीनवे को लोग न्याय को दिन यो पीढ़ी को लोगों को संग उठ क उन्ख दोषी ठहरायेंन, कहालीकि उन्न योना को प्रचार सुन क मन फिरायो; अऊर देखो, इत ऊ हय जो योना सी भी बड़ो हय। 42 दक्षिन की रानी न्याय को दिन यो पीढ़ी को लोगों को संग उठ क उन्ख दोषी ठहरायेंन, कहालीकि ऊ सुलैमान को ज्ञान सुनन लायी धरती को छोर सी आयी हय; अऊर देखो, इत ऊ हय जो सुलैमान सी भी बड़ो हय।
शैतानी आत्मा की वापसी
(लूका ११:२४-२६)
43 “जब दुष्ट आत्मा आदमी म सी निकल जावय हय, त सूखी जागा म आराम ढूंढती फिरय हय, अऊर नहीं पावय हय। 44 तब कह्य हय, ‘मय अपनो उच घर म जित सी निकली होती, उतच लौट जाऊं।’ अऊर लौट क आवय हय त ओख खाली, झाड़्यो-बुहारयो अऊर सज्यो-सजायो पावय हय। 45 तब ऊ जाय क अपनो सी अऊर बुरी सात आत्मावों ख अपनो संग लावय हय। अऊर हि ओको म घुस क उत वाश करय हंय, अऊर ऊ आदमी की पुरानी दशा पहिले सी भी बुरी होय जावय हय। त यो पीढ़ी को बुरो लोगों की दशा भी असीच होयेंन।”
यीशु की माय अऊर भाऊ
(मरकुस ३:३१-३५; लूका ८:१९-२१)
46 जब यीशु भीड़ सी बाते कर रह्यो होतो, तब ओकी माय अऊर भाऊ बाहेर खड़ो होतो अऊर ओको सी बाते करनो चाहत होतो। 47 कोयी न यीशु सी कह्यो, “देख, तोरी माय अऊर तोरो भाऊ बाहेर खड़ो हंय। अऊर तोरो सी बाते करनो चाहवय हंय।”
48 यो सुन क यीशु न कहन वालो ख उत्तर दियो, “कौन आय मोरी माय? अऊर कौन हंय मोरो भाऊ?” 49 अऊर अपनो चेलावों को तरफ अपनो हाथ बढ़ाय क कह्यो, “देखो, मोरी माय अऊर मोरो भाऊ हि आय। 50 कहालीकि जो कोयी मोरो स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलय हय, उच मोरो भाऊ, अऊर मोरी बहिन, अऊर मोरी माय आय।”