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मन्दिर को विनाश की भविष्यवानी
(मरकुस १३:१,२; लूका २१:५,६)
1 जब यीशु मन्दिर सी निकल क जाय रह्यो होतो, त ओको चेला ओख मन्दिर को भवन दिखावन लायी ओको जवर आयो। 2 ओन उन्को सी कह्यो, “तुम यो सब देख रह्यो हय न! मय तुम सी सच कहू हय, इत गोटा पर गोटा भी न छूटेंन जो नाश नहीं जायेंन।”
संकट अऊर कठिनायी
(मरकुस १३:३-१३; लूका २१:७-१९)
3 जब ऊ जैतून पहाड़ी पर बैठ्यो होतो, त चेलावों न एकान्त म ओको जवर आय क कह्यो, “हम्ख बताव कि यो बाते कब होयेंन? तोरो आवन को अऊर जगत को अन्त को का चिन्ह होयेंन?”
4 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “चौकस रहो!” कोयी तुम्ख धोका नहीं दे पाये, 5 कहालीकि बहुत सो असो होयेंन जो मोरो नाम सी आय क कहेंन, “मय मसीह आय,” अऊर बहुत सो ख भटकायेंन। 6 तुम लड़ाईयों अऊर लड़ाईयों की चर्चा सुनो, त घबराय नहीं जावो कहालीकि इन को होनो जरूरी हय, पर ऊ समय अन्त नहीं होयेंन। 7 कहालीकि राष्ट्र पर राष्ट्र अऊर राज्य पर राज्य चढ़ायी करेंन, अऊर जागा जागा म अकाल पड़ेंन, अऊर भूईडोल होयेंन। 8 यो सब बाते दु:ख की सुरूवात होयेंन।
9 ✡मत्ती १०:२२“तब हि दु:ख देन लायी तुम्ख पकड़वायेंन, अऊर तुम्ख मार डालेंन, अऊर मोरो नाम को वजह सब गैरयहूदियों को लोग तुम सी दुश्मनी रखेंन। 10 तब बहुत सो ठोकर खायेंन, अऊर एक दूसरों ख पकड़वायेंन, अऊर एक दूसरों सी दुश्मनी रखेंन। 11 बहुत सो झूठो भविष्यवक्ता उठेंन, अऊर बहुत सो ख बहकायेंन। 12 अधर्म को बढ़नो सी बहुत सो को प्रेम कम होय जायेंन, 13 ✡मत्ती १०:२२पर जो आखरी तक धीरज रखेंन, ओकोच उद्धार होयेंन। 14 अऊर परमेश्वर को राज्य को यो सुसमाचार पूरो जगत म प्रचार करयो जायेंन, कि सब लोगों पर गवाही होय, तब अन्त आय जायेंन।”
महा मुसीबत की सुरूवात
(मरकुस १३:१४-२३; लूका २१:२०-२४)
15 “येकोलायी जब तुम लोग ‘भयानक विनाशकारी घृणित चिज ख,’ जेको उल्लेख दानिय्येल भविष्यवक्ता को द्वारा करयो गयो होतो, मन्दिर को पवित्र जागा पर खड़ो देखो।” पढ़ेंन वालो खुद समझ ले कि येको अर्थ का हय 16 तब ऊ समय जो यहूदिया म होना हि पहाड़ी पर भग जाये। 17 ✡लूका १७:३१जो छत पर हय, ऊ अपनो घर म सी सामान लेन लायी मत उतरो; 18 अऊर जो खेत म हय, ऊ अपनो कपड़ा लेन लायी पीछू नहीं लौटे। 19 उन दिनो म जो गर्भवती अऊर दूध पिलावन वाली होना उन्को लायी प्रकोप को दिन कहलायो जायेंन उन्को लायी हाय, होयेंन। 20 प्रार्थना करतो रहो कि तुम्ख ठन्डी म यां आराम को दिन म भगनो नहीं पड़े। 21 ✡दानिय्येल १२:१; प्रकाशितवाक्य ७:१४कहालीकि ऊ समय असो भारी संकट होयेंन, जसो जगत की सुरूवात सी न अब तक भयो अऊर न कभी होयेंन। 22 यदि परमेश्वर ऊ दिन ख घटायो नहीं जातो त कोयी प्रानी नहीं बचतो, पर चुन्यो हुयो को वजह ऊ दिन घटायो जायेंन।
23 “ऊ समय यदि कोयी तुम सी कहे, ‘देखो, मसीह इत हय!’ यां ‘उत हय!’ त विश्वास मत करजो। 24 कहालीकि झूठो मसीह अऊर झूठो भविष्यवक्ता उठ खड़ो होयेंन, अऊर बड़ो चिन्ह चमत्कार, अऊर लोगों ख धोका देन लायी अद्भुत काम दिखायेंन कि यदि होय सकय त चुन्यो हुयो ख भी धोका देयेंन। 25 देखो, मय न पहिले सी तुम सी यो सब कुछ कह्य दियो हय।”
26 ✡लूका १७:२३,२४“येकोलायी यदि हि तुम सी कहे, ‘देखो, ऊ जंगल म हय,’ त बाहेर नहीं निकल जाजो; यो ‘देखो, ऊ कोठरियों म हय,’ त विश्वास मत करजो। 27 कहालीकि जसो बिजली पूर्व सी निकल क पश्चिम तक चमकय हय, वसोच आदमी को बेटा को भी आनो होयेंन।”
28 ✡लूका १७:३७“जित लाश हय, उत गिधाड़ जमा होयेंन।”
आदमी को बेटा को पुनरागमन
(मरकुस १३:२४-२७; लूका २१:२५-२८)
29 ✡प्रकाशितवाक्य ६:१२; प्रकाशितवाक्य ६:१३“उन दिनो अचानक संकट को तुरतच सूरज कारो होय जायेंन, अऊर चन्दा को उजाड़ो कम होतो रहेंन, अऊर चांदनी आसमान सी गिर पड़ेंन अऊर आसमान की शक्तियां हिलायी जायेंन। 30 ✡दानिय्येल ७:१३; जकर्याह १२:१०-१४; प्रकाशितवाक्य १:७तब आदमी को बेटा को चिन्ह आसमान म दिखायी देयेंन, अऊर तब धरती को सब गोत्र को लोग छाती पीटेंन; अऊर आदमी को बेटा ख बड़ी सामर्थ अऊर महिमा को संग आसमान को बादलो पर आवतो देखेंन। 31 ऊ तुरही की बड़ी आवाज को संग अपनो दूतों ख भेजेंन, अऊर हि आसमान को यो छोर सी ऊ छोर तक, चारयी दिशावों सी ओको चुन्यो हुयो ख जमा करेंन।”
अंजीर को झाड़ को दृष्टान्त
(मरकुस १३:२८-३१; लूका २१:२९-३३)
32 “अंजीर को झाड़ सी यो दृष्टान्त सीखो: जब ओकी डगाली कवली होय जावय अऊर पाना निकलन लगय हंय, त तुम जान लेवय हय कि गरमी को मौसम जवर हय। 33 योच तरह सी जब तुम यो सब बातों ख देखो, त जान लेवो कि ऊ जवर हय, बल्की दरवाजाच पर हय। 34 मय तुम सी सच कहू हय कि जब तक यो सब बाते पूरी नहीं होयेंन, तब तक यो पीढ़ी को अन्त नहीं होयेंन। 35 आसमान अऊर धरती टल जायेंन, पर मोरी बाते कभी नहीं टलेंन।”
अनजानो दिन अऊर समय
(मरकुस १३:३२-३७; लूका १७:२६-३०,३४-३६)
36 “पर ऊ दिन अऊर ऊ समय को बारे म कोयी नहीं जानय, नहीं स्वर्गदूत अऊर नहीं बेटा, पर केवल बाप पर।”
37 “जसो नूह को दिन म भयो होतो, वसोच आदमी को बेटा को आनो भी होयेंन।” 38 कहालीकि जसो जल-प्रलय सी पहिले को दिनो म, जो दिन तक कि नूह जहाज पर नहीं चढ़्यो, ऊ दिन तक लोग खातो-पीतो होतो, अऊर उन म बिहाव होत होतो। 39 अऊर जब तक जल-प्रलय आय क उन सब ख बहाय नहीं ले गयो, तब तक उन्ख कुछ भी मालूम नहीं पड़्यो; वसोच आदमी को बेटा को आवनो भी होयेंन। 40 ऊ समय दोय लोग खेत म होयेंन, एक उठाय लियो जायेंन अऊर दूसरों छोड़ दियो जायेंन। 41 दोय बाई गरहट पीसती रहेंन, एक उठाय ली जायेंन अऊर दूसरी छोड़ दी जायेंन। 42 “येकोलायी जागतो रहो, कहालीकि तुम नहीं जानय कि तुम्हरो प्रभु कौन्सो दिन आयेंन। 43 ✡लूका १२:३९,४०पर यो जान लेवो कि यदि घर को मालिक जानतो कि चोर कौन्सो समय आयेंन त जागतो रहतो, अऊर अपनो घर म चोरी होन नहीं देतो। 44 येकोलायी तुम भी तैयार रहो, कहालीकि ओको आवन को बारे म तुम सोचय भी नहीं हय, उच समय आदमी को बेटा आय जायेंन।”
विश्वास लायक सेवक अऊर शैतानी सेवक
(लूका १२:४१-४८)
45 “येकोलायी ऊ विश्वास लायक अऊर बुद्धिमान सेवक कौन हय, जेक मालिक न अपनो नौकर-चाकर पर मुखिया ठहरायो कि समय पर उन्ख भोजन दे? 46 धन्य हय ऊ सेवक, जेक ओको मालिक आय क असोच करतो देखे। 47 मय तुम सी सच कहू हय, ऊ ओख अपनी सब जायजाद पर अधिकारी ठहरायेंन।” 48 पर यदि ऊ दुष्ट सेवक अपनो मन म सोचन लग्यो कि मोरो मालिक को आवनो म समय हय, 49 अऊर अपनो संगी सेवकों ख पीटन लग्यो, अऊर पीवन वालो को संग खान-पीवन लग्यो। 50 त ऊ सेवक को मालिक असो दिन आयेंन, जब ऊ ओकी रस्ता नहीं देखेंन, अऊर असो समय ख जेक ऊ नहीं जानय हय, 51 *ओख कठोर दण्ड देयेंन यां तुकड़ातुकड़ा कर क् फेक देयेंन।तब ऊ ओख भारी ताड़ना देयेंन अऊर ओको हिस्सा कपटियों को संग ठहरायेंन: उत रोवनो अऊर दात कटरनो होयेंन।
✡24:9 मत्ती १०:२२
✡24:13 मत्ती १०:२२
✡24:17 लूका १७:३१
✡24:21 दानिय्येल १२:१; प्रकाशितवाक्य ७:१४
✡24:26 लूका १७:२३,२४
✡24:28 लूका १७:३७
✡24:29 प्रकाशितवाक्य ६:१२; प्रकाशितवाक्य ६:१३
✡24:30 दानिय्येल ७:१३; जकर्याह १२:१०-१४; प्रकाशितवाक्य १:७
✡24:43 लूका १२:३९,४०
*24:51 ओख कठोर दण्ड देयेंन यां तुकड़ातुकड़ा कर क् फेक देयेंन।