रोमी
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रोमी
रोम जयबाक पौलुसक हार्दिक इच्छा
मनुष्यक अधर्मक प्रति परमेश्वरक क्रोध
अहूँ दोषी छी!
परमेश्वरक न्याय उचित अछि
धर्म-नियमक ज्ञान अहाँ केँ बचाओत नहि
परमेश्वरक विश्वासयोग्यता
सभ केओ दण्डक योग्य छी
विश्वासक आधार परक धार्मिकता
अब्राहम सेहो कर्मक नहि, विश्वासक आधार पर धार्मिक ठहरलाह
सभ विश्वास कयनिहारक लेल परमेश्वरक वचन
मसीहक द्वारा परमेश्वर सँ मेल
आदम द्वारा मृत्यु, मसीह द्वारा जीवन
पापक लेखेँ मुइल, परमेश्वरक लेल जीवित
पापक नहि, बल्कि परमेश्वरक दास
धर्म-नियमक अधिकार सँ मुक्त
धर्म-नियमक प्रयोजन
पाप सँ मनुष्यक भितरी संघर्ष
परमेश्वरक आत्माक इच्छाक अनुसार जीनाइ
भविष्य मे होमऽ वला आनन्द
प्रत्येक परिस्थिति मे परमेश्वरक प्रेम द्वारा सुरक्षित
इस्राएली सभ कृपापात्र होइतो, विश्वास नहि कयलक
परमेश्वरक वचन असफल नहि
परमेश्वरक चुनबाक अधिकार
इस्राएली सभ धार्मिकता किएक नहि पौलक?
परमेश्वर अपन प्रजा यहूदी सभक परित्याग नहि कयलनि
कलम लगाओल गेल ठाढ़ि
अपना केँ परमेश्वर केँ अर्पित करू
प्रेमक नियम
अधिकारी सभक अधीन रहू
धर्म-नियमक सारांश—प्रेम करू
प्रभु यीशुक फेर अयबाक दिन लगचिआ गेल अछि
अलग विचारधाराक कारणेँ अपना भाय पर दोष नहि लगाउ
अपना भायक लेल ठोकर खयबाक कारण नहि बनू
अपन नहि, अनका खुशीक ध्यान राखी
गैर-यहूदी लोकक बीच पौलुस मसीहक सेवक
पौलुसक रोम जयबाक योजना
व्यक्तिगत नमस्कार
परमेश्वरक स्तुति
रोमी
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