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दुनिया मन के बारे हे चेतन्त
तुम्हर बीच डाह अउ लडाई झगडा कछो लग आथै? का उन सुख बिलास तो नेहको, जउन तुम्हरे अंगन लग लडत भिडत हबै? तुम लालसा रखथा, इहैनिता हत्या करथा। तुम जउन चीज के निता डाह करथा, उके नेहको पाथा इहैनिता लडत भिडत हबा। तुम नेहको मांगथा इहैनिता तुमही कुछु नेहको मिलथै। जब तुम मंगतो हबा, इहैनिता नेहको पाउत हबा कि अच्छी तरह लग नेहको मांगथा, तुम अपन सुख बिलास के निता मांगथा। हे गलत काम करै बाले, का तुम हइ नेहको जानथा कि दुनिया लग माया रखै के मतलब हबै भगवान लग दुसमनी करना? जउन दुनिया के दोसी होमै चाहथै, ऊ भगवान के बैरी बन जथै काहिन तुम समझत हबा कि पवितर किताब बेकार कथै, “जउन आतमा के भगवान हमर भित्तर बसाय हबै, ओही ऊ बडा माया लग चाहथै?” ऊ तो अबे सान्ति देथै, जसना कि पवितर किताब हे लिखवरे हबै, “भगवान घमंडिन के बिरोध करथै, पय नम्र मनसे हे अनुगरह किरपा करथै।”
तुम भगवान के अधीन रहा, भुतवा के सामना करिहा अउ ऊ तुम्हर लिघ्घो लग भाग जही। भगवान के लिघ्घो अइहा ता ऊ तुम्हरो लिघ्घो आही, हे पापियो, अपन हाथ सुध्द करा, अउ हे कपटी मनसे अपन मन पवितर करा अपन दुरदसा पहिचान के दुख मनाबा अउ आंसू बहाबा, अपन हसी दुख हे अउ अपन खुसी उदासी हे बदल डारा। 10 परभु के आगू नम्र बनिहा ता ऊ तुमही सिरोमडी बनाही
भाई हे दोस लगाथै
11 हे भाई अउ बेहन, अक दूसर के बुराई झइ करा। जउन अपन भाई या बेहन के बुराई करथै या अपन भाई या बेहन के नियाव करथै, ऊ मूसा कर नियम के बुराई अउ ओखर नियाव करथै। अगर तुम मूसा कर नियम के नियाव करत हबा, ता तुम ओखर नियम के पालन नेहको, बलकि सजा देय बाले बन बइठे हबा। 12 केबल अक्ठिन नियम अउ अक्ठिन सजा देय बाले हबै, जउन बचामै अउ नास करै के सक्ति हबै। अपन परोसी के नियाव करै बाले तै कउन हबस?
घमंड के बारे हे चेतन्त
13 तुम जउन हइ कथा, “हम आज या कल हमु सहर जउबे, अक साल तक उछो रही के धन्धा करबे अउ पइसा कमाबो” मोर बात सुना। 14 तुम नेहको जानथा कि कल तुम्हर का हालत होही। तुम्हर जीवन अक्ठी कोहिटा मेर हबा, ऊ अक घरी देखही फेर उजाय जही 15 तुमही हइ कहै चाही, “अगर परभु के इक्छा होही, ता हम जिन्दा रहबो अउ हइ या ऊ काम करब।” 16 पय तुम अपन बडाई हे घमंड करत हबा, हइ घमंड पाप लग भरे हबै, 17 जउन मनसे भलाई करै के जानथै, पय नेहको करथै उके पाप लगथै।
4:4 1 यूहन्ना 2:15-16 4:8 जकर 1:3; मलाकी 3:7 4:10 भजन 147:6 4:14 नीति 27:1