11
पौलुस आरू झुठ प्रेरित
1 यदि तुमू मारी थुड़ी सी मुर्खता सह लेता तो काय भला हुयसे; हाव, मारी सह भी लेय।
2 काहकि हाव तुमरे विषय मा ईश्वरीय मन लागाड़ला रये, एरकरीन कि हाव ने एक ही मानुस छे तुमरी वात लागाड़ छे कि तुमू चुखलो छल्ली क समान मसीह क सौप दीस।
3 पुन हाव घाबराय छे कि जोसो घड़सो ने आपसी चालाक छे हव्वा क भड़काव्या, वोसो ही तुमरे मन उना सीधाई आरू चुखला छे जो मसीह क साथे होनी जुवे, काही भ्रष्ट नी कामो जाय।
4 यदि कोय तुमरे साथे आवीन काही दिसरा ईशुन प्रचार करे, आरू जेका प्रचार हामु नी कर्या; या कोय आरू आत्मा तुमू मिवे, जो पेहल नी मिव्यो हता; या आरू काही खुश खबर सोमवाय जिनाक तुमू पेहल नी मान्या हता, तो तुमू ओका सहन कर लेता।
5 हाव तो समझता छे कि जिन मानसे मा काही वात मा मोटा छे मोटा प्रेरितन छे कम नी छे।
6 यदि हाव वक्तव्य मा अनाड़ी छे, तौभी ज्ञान मा नी। हामु ने इनीये क हर वात मा सब प्रकार छे तुमरे करता प्रगट कर्या छे।
7 काय इना हाव ने काही पाप कर्या कि हाव ने तुमू यहोवा–भगवान क खुश खबर विना काही करता सोमवाय; आरू आपने आप क नेचो कर्या कि तुमू उचा होय जाय?
8 हाव ने दिसरा मंडळी क लूटा, मतलब हाव ने उनछे मजदूरी लेय ताकि तुमरी सेवा करू।
9 आरू जव हाव तुमरी साथे होतो आरू मखे घटी होयी, तो हाव ने काही पर भार नी नाख्या, काहकि भाईस ने मकिदुनिया छे आवीन मारी घटी क पूरो कर्या; आरू हाव ने हर वात मा आपने आप क तुमू पर भार बनने छे रूका आरू रूकीस रोवीस।
10 यदि मसीह की सच्चाई मखे मा छे तो अखाया देश मा काही मखे इनीये डाहळाय छे नी रूकछे।
11 काय? काय एरकरीन कि हाव तुमू छे मोंग नी राखता? यहोवा–भगवान यो जानता छे कि हाव मोंग राखता छे।
12 पुन जो हाव करता छे, कि चो करता रवछे कि जो मोटा प्रेरित कोवायता छे डाहळाय हेरता छे तीनुक हाव दांव देखने नी देय, ताकि जिना वात मा वो डाहळाय करता छे, उना मा वो हामरे ही समान ठराय।
13 काहकि ओसो मानसे झूठ प्रेरितो, आरू छल छे काम करनेवावा, आरू मसीह क प्रेरितन क रूप धरनेवावा छे।
14 यो काही घबरायने की वात नी काहकि शैतान आप भी ज्योतिर्मय सोरगदूत क रूप धारण करता छे।
15 एरकरीन यदि ओका सेवक भी न्यायपन क सेवक क सा रूप धरे, तो काही मोटी वात नी, पुन ओको आखरी ओको काम क लारे होयछे।
प्रेरित क रूप मा पौलुस क दुःख भोग
16 हाव पछु कयता छे, काही मखे मुर्ख नी समझ; नी तो मुर्ख ही समझीन मारी सह लेय, ताकि थुड़ो सो हाव भी डाहळाय कर सक्यो।
17 इनीये बेधड़क डाहळाय मा जो काही मा कयता छे, वो पोरबु की हुकुम क लारे नी पर मानो मुर्खता छे ही कयता छे।
18 जबकि घोणा छे मानसे डील क लारे डाहळाय करता छे, तो हाव भी डाहळाय करीस।
19 तुमू तो समझदार हईन खुश छे मुर्ख की सहन लेता होय।
20 काहकि जव तुमू काही दास बनाय लेता छे, या काही ओको फायदा लेय छे, या फसाड़ लेता छे, या आपने आप क मोटो बनावतो छे, या तुमरे मुय पर थापुड़ देतो छे, तो तुमू सह लेता होय।
21 मारो कयनो विजुत ही की रीति पर छे, मानो हामु ओका करता निर्बल छे हुता। पुन जिना काही वात मा काही साहस करता छे हाव मुर्खता छे कयता छे तो हाव भी साहस करता छे।
22 काय वो ही इब्रानी छे? हाव भी छे। काय वो ही इस्त्राएली छे? हाव भी छे। काय वो ही अब्राहम वो ही इस्त्राएली छे? हाव भी छे।
23 काय वो ही मसीह क सेवक छे हाव पागल क समान कयता छे हाव उनछे बढ़ीन छे। सवटो मेहनत करने मा; बार बार कैद हुयने मा कोड़े खाने मा; बार बार मरला क जोखिम मा।
24 पाच बार हाव ने यहूदि यो क हात छे न एक चावीस कोड़े खाय।
25 तीन बार हाव ने बेते खाय; एक बार मखे पर दगड़ायो गयो; तीन बार ढोंड्या, जिन पर हाव चढ़ियो होतो, टूट गयो; एक रात दाहडु मा ने दरिया मा काठ्य।
26 हाव बार बार यात्रा मा; नद्या क जोखिम मा; डाकु क जोखिम मा; आपने यहूदि यो छे जोखिम मा; गैरयहुदी यो छे जोखिम मा; नगर क जोखिम मा जंगल क जोखिम मा; दरिया क जोखिम मा; झूठ भाईस क वीच जोखिम मा रया।
27 मेहनत आरू कष्ट मा; बार बार जागता रयने मा; भूखला पिसला मा; बार उपवास करने मा; जाड़े मा; उघाड़ रयने मा;
28 आरू दिसरा वात क छुड़ीन जिनका वर्णन हाव नी करता, सब मंडळी की चिंता हर दाहडु मखे दाबावती छे।
29 कायकी निर्बलता छे हाव निर्बल नी हुयसे? कुदाक ठुकर खाने छे मारो जो नी दुखता?
30 यदि डाहळाय करने पाको छे, तो हाव आपने निर्बल ताकी वात पर डाहळाय करीस।
31 पोरबु ईशु क यहोवा–भगवान आरू बास जो सदा धन्य छे, जानता छे कि हाव झुठ नी बुलता।
32 दश्मिक शहर मा अरितास नाव क राजा कि आरू छे जो सरदार होतो, त्यो मखे धरीन क दमिश्कयों क नगर पर देसचेख सिपाई बठ्या रया हुता।
33 आरू हाव टुकरा मा खिड़की छे हईन शहर क भितडो पर छे उतार गयो, आरू ओका हात छे बच निकव्यो।