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पोरबु क आवनो क दाहडु
1 हे मोंगावु, हिमी हाव तुमूक यो दीसरी पत्री लिखतु छे, आरू दुय मा सुधि आपाड़ी तुमरा चुखो मन क उभारता छे।
2 कि तुमू इनी वात क जो चुखलो भविष्यवक्ता ने पेहल छे कयी छे, आरू पोरबु आरू उध्दारकरता की ओको हुकुम क स्मरण करू जो प्रेरितन क द्वारा देदी गयी होती।
3 पेहल यो जान लेवु कि आखरी दाहड़ा मा हासी ठट्ठा करनेवावा आवसे जो आपसी ही लालोच क लारे चालसे।
4 आरू कोवसे, “ओका आवने की प्रतिज्ञा कयो गया? काहकि जव छे बाबदादा सुय गया छे, सब काही वोसो ही छे जोसो सृष्टि क शुरू छे होतो?”
5 वो तो जान बुझीन यो भूल गयो कि यहोवा–भगवान क वचन क व्दरा आकाश पुरानो काव छे विद्यमान छे आरू धरती भी जल मा छे बनी आरू जल मा स्थिर छे।
6 इनी कारण क ओको युग क जगत जल मा डूबीन नष्ट होय गया।
7 पर वर्तमान काव क आकाश आरू धरती तीनी वचन क द्वारा एरकरीन राख गया छे कि धपाड़ जाय; आरू यो भक्तवन मानुस क न्याय आरू नष्ट हुयने क दाहड़े तक ओसो ही राख रोवछे।
8 हे मोंगावु, यी वात तुमू छे डुकाय नी रया कि पोरबु क याहा एक दाहड़े हजार साल क बराबर छे, आरू हजार साल एक दाहड़े क बराबर छे।
9 पोरबु आपसी प्रतिज्ञा क विषय मा वार नी करता, जोसी वार काही मानसे समझता छे; पर तुमरा विषय मा धीरज धरती छे, आरू नी जुवता कि काही नष्ट होय, वरना यो कि सब क मन फिराव क मेखे मिवे।
10 पुन पोरबु क दाहडु त्योटा क समान आय जाछे, उना दाहड़े आकाश मोटी हड़हड़ाहट क ओवाज छे जातो रोवछे आरू तत्व घोणा ही तप्त हईन पीगवी जाछे आरू धरती आरू ओको पर क काम धप जाछे।
11 जबकि यो सब समान इनीये रीति छे पीगवनेवावी छे, तो तुमू चुखलो चाल चालीन आरू भक्ति मा कोसो मानुस होयनो जूवे।
12 आरू यहोवा–भगवान क उना दाहड़े की वाट काही रीति छे जोहना जूवे आरू ओका जल्द आवने क करता कोसो यत्न करनो जूवे ओका कारण आकाश आगठा छे पीगवी जाछे, आरू आकाश क गुण घोणा ही तप्त हईन गव जाछे।
13 पर ओकी प्रतिज्ञा क लारे हामु एक नवो आकाश आरू नोवली धरती की आस देखता छे जिनमा न्यायपन वास करसे।
14 एरकरीन, हे मोंगावु, दोस्त जव कि तुमू इन वात की आस देखता होय, तो यत्न करू कि तुमू शांती छे ओको सामने निष्कलंक आरू निर्दोष ठराय।
15 आरू हामरा पोरबु क धीरज क उध्दार समझो, जोसो हामरा मोंगावु भाईस पौलुस ने भी ओको यहोवा–भगवान ने दिदो हुयो ज्ञान क लारे जो ओको मिव्यो, तुमू लिख्या छे।
16 वोसो ही त्यो आपसी सब पत्री या मा भी इन वात की चर्चा करी छे। जिनमा काही आरू वात ओसी छे जिनका समझना वातड़ो छे आरू अनपढ़ आरू खाटळो मानसे उन क अर्थो क भी चुखलो शास्त्र की दिसरा वात की तरह खेचीन हापकीन आपनो ही नाश क कारण बनतो छे।
17 एरकरीन हे मोंगावु, तुमू मानसे पेहल ही छे इन वात क जानीन चोकचौळीया रवु, ताकि अन्यायपन क भ्रम मा फसीन आपसी स्थिरता क कयी हात छे खुय नी देय।
18 पर हामरा पोरबु आरू उध्दारकरता ईशु मसीह क फोकटन दया आरू उवख मा बढ़ता जावु। ओकी महिमा हिमी भी होय, आरू युगानयुग होयती रोवे। आमेन।