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अग्रिप्पा का सामने पौलुस को बचाव
अग्रिप्पा ने पौलुस से बोल्यो, “ तोखे अपना बारे मे बोलन की आज्ञा हइ” तब पौलुस हाथ बड्यैइ खे जवाब देन लग्यो.
हे राजा अग्रिप्पा, जोत्ती बातहोन को यहूदीया मरा पर इलजाम लगास हइ, आज तरा सामने उनको जवाब देना मे मी खुद खे धन्य समझुस हइ. विशेष करी खे येका लिये कि यहूदीयाहोन खे सब प्रथाहोन अरु विवादहोन खे जानुस हइ, आखरी मी प्रार्थना करुस हइ, धीरज से मरी सुनी ले.
जसो मरो चाल चलन बचपन से अपना जात का बीच अरु यरुशलेम मे जसो थो का यो सब यहूदीया जानस हइ. वे मेखे भोत टेम से जानस हइ अगर वे चाहता ते या बात की गवइ दि सकस हइ की मे ने फरीसी रस्ता खे एक सब से कट्टर जसो एक सदस्य का रुप मे जिवन जीयो. अरु अब वा प्रतीज्ञा कि आसकरण जो परमेश्वर ने हमारा बुर्जुकहोन से करी थी, मरा पर मुकद्दमो चलैइ र्‍हा हइ. वा प्रतीज्ञा को पूरो होना की आस लगाता हुया, हमारा बारा कुल अपना पूरा मन से रात दिन परमेश्वर की सेवा करता आया हइ, हे राजा, या आस का बारे मे यहूदीया मरा पर इलजाम लगास हइ. जब कि परमेश्वर मर्या हुया खे जिन्दो हइ, ते तुम्हारा ह्या या बात क्यु विश्वास का योग्य नी समझी जाय?
मेने भी समझो थो कि यीशु नासर का नाम का विरोध मे मी भोत कुछ करु. 10 अरु मेने यरुशलेम मे असो ही कर्यो. अरु प्रधान याजकहोन से अधिकार मीलीखे भोत सा परमेश्वर का दुन्याहोन खे बन्दीगृह मे डाल्यो, अरु जब वे अपनी सम्मती देता था. 11 अरु हर आराधनालय मे मी उनखे सजा दिलै-दिलैइ खे यीशु का विश्वास खे नाकारतो थो, उनका प्रती मरो घुस्सो उनखे नीन्दा का लिये ह्या तक मी विदेशी शहरहोन मे गयो.
पौलुस को मन परिवर्तन को मे वायनो
(प्रेरितहोन 9:1-19; 22:6-16)
12 यो अभिप्राय से मी एक दिन प्रधान याजकहोन से अधिकार अरु आज्ञा-चिठ्ठी लिखे दमीश्क खे जैइ र्‍हो थो. 13 ते हे राजा, रस्ता मे दुपेर का टेम मे मेने स्वर्ग से सुरज को तेज से भी बडी खे एक ज्योत, अपना अरु अपना साथ चलनआला होन का चारी तरफ चमकती हुइ देखी. 14 अरु जब हम जमीन पर गिर पड्या, ते मेने इब्रानी भाषा मे, मरा से बोलता हुये या वाणी सुनी, हे शाउल, हे शाउल का तू मेखे क्यु सतास हइ? पाय पर लाथ मारनो तरा लिये मुस्कील हइ. 15 मेने बोल्यो हे प्रभु, तू कोन हइ? प्रभु ने बोल्यो, मी यीशु हइ जेखे तू सतास हइ. 16 पन तू उटी खे अपना पाय पर खडो हो, क्युकि मेने तोखे येका लिये दर्शन दियो हइ कि तोखे उन बातहोन को भी सेवक अरु गवा ठैरायु जो तोने देखी हइ अरु उनको भी जोका लिये मी तोखे दर्शन दियु. 17 अरु मी तोखे तरा अपना दुन्या यहूदीयाहोन अरु गैरयहूदीहोन से छुड्य खे जेका पास मी अब तोखे भेज्यु. 18 कि तु उनका आखहोन खोल कि वे अंधारा से सैतान को अधिकार उजाला का तरफ फिरनु. ताकी उनका विश्वास का वजेसे जो उन पर हइ वे उनका पापहोन की माफी अरु परमेश्वर खे चुन्या हुया दुन्या का साथ जगा पाये.
पौलुस अपना काम होन का बारे मे बतास हइ
19 “आखरी हे राजा अग्रिप्पा, मेने उ स्वर्गीय दर्शन की आज्ञा नी टाली. 20 पन पैयले दमीश्क का फिर यरुशलेम का र्‍हेनआला का तब यहूदीयाहोन का पुरा देश मे अरु गैरयहूदिहोन का समझातो र्‍हियो, मन पापहोन से फिरनु अरु परमेश्वर का तरफ मन फिरी खे मन फिराव का बरोबर अच्छो काम कर. 21 या बातहोन का कारण यहूदीया मेखे मन्‍दिर मे पकडी खे मारी डालन कि कोशिश करता था. 22 पन परमेश्वर की मद्दत से मी आज बन्यो हइ अरु छोटा बडा सभी का सामने गवाही देस हइ, अरु वे बातहोन खे छोड कुछ नी बोलतो, जो भविष्यव्दक्ताहोन अरु मूसा ने भी बोल्यो कि होनआली हइ. 23 कि मसीह खे दुख उठानु पड्ये का अरु उ सबसे पैयले मर्या हुया मे से जिन्दो उठस अगर खे हमारा दुन्या मे अरु गैरयहूदिहोन मे ज्योती को प्रचार कर्ये.”
24 जब पौलुस अपना बचाव मे या सब बातहोन खे बोली र्‍हो थो, ते फेस्तुस ने उचो शब्द से बोल्यो, “हे पौलुस,तू पागल हइ, भोत ज्ञान ने तोखे पागल करी दियो हइ.”
25 पौलुस पन ओने बोल्य, “हे महाप्रतापी फेस्तुस, मी पागल नीका सच्ची अरु दिमाक कि बातहोन बोलुस हइ. 26 खुद. राजो अग्रिप्पा इन बातहोन का जानस हइ अरु मी पुरा हिम्मत का साथ या बातहोन उनसे बोली र्‍हो हइ क्युकि मी खुद जानुस ही कि इनमे से कोय भी बात उनखे मालुम नी असो नी हइ असो येका लिये बोली र्‍हो हइ कि या बात कोय कोना मे लुकी नी घटी. 27 हे राजा अग्रिप्पा, तु भविष्यव्दक्ताहोन को विश्वास करुस हइ? हा, मी जानुस हइ, कि तू विश्वास करस हइ.”
28 अब अग्रिप्पा ने पौलुस से बोल्यो “तू यो सोचस हइ की इत्ती सरलता से अरु कम टेम मे तू मेखे मसीह बनी सकस हइ.”
29 पौलुस ने बोल्यो, परमेश्वर से मरी प्रार्थना या हइ कि, थोडा मे का भोत मे, फक्त तू ही नी, पन जेत्ता दुन्या आज मरी सुनस हइ, मरा इन बन्धनहोन खे छोड वे मरा जसा हुइ जा.
30 तब राजो अरु राज्यपाल अरु बिरनी खे, अरु उनका साथ बठनआला उठी खे खडा हुया. 31 अरु अलग जैइखे आपस मे बोलन लग्या, “यो इन्सान असो तो कुछ नी कर्येका जो मरन-दण्ड या बन्दीघर मे डाल्यो जान जसो हो.” 32 अग्रिप्पा ने फेस्तुस से बोल्यो, “अगर यो इन्सान कैसर की दोहाइ नी देतो, ते छुटी सकतो थो.”