1 तीमुथियुस का नाम पौलुस प्रेरित कि चिठ्ठी
1 तीमुथियुस का नाम पौलुस प्रेरित कि चिठ्ठी
पैछान
तीमुथियुस की कि किताब प्रेरित पौलुस द्वारा अपने चेला तीमुथियुस खे लिख्यो गइ एक चिठ्ठी ह. 1 तिमोथी संभवत यीशु को जन्म का नजीक पास 62-64 साल बाद लिखा गया था. ये होता पौलुस को जीवन का आखरी का बाहेर थो. पौलुस को तीमुथियुस का साथ नजीक संबंध थो अरु व्हा ओको उल्लेख करतो थो एक बेटा का रुप मे खे त्ता बार फिलेमोन 2-22; 1 तिमोथी 1:2—1:18
ह्या पौलुस का चार चिठ्ठी मे से एक हइ जो मंडली का बजाय कोय इन्सान खे बतायोस हइ. दुसरी तीन चिठ्ठी 2 तीमुथियुस, तीतुस अरु फिलेमोन हइ 1 तीमुथियुस मे भोत सारी शिक्षाहोन हइ मंडली की पूजा पर 2:1-15मंडली को नेताहोन का लिए योग्यता 3:1-13 का अरु चुनोती का खिलाफ झूटी शिक्षक 1:3-11; 4:1-5; 6:2-5. यो बतास हइ कि पौलुस तिमोथी को एक नेता बनन का लिए कसो शिक्षन करी रा था मंडली का बीच. 1 तीमुथियुस मे कोय सिद्धांन्त शामील हइ जो हमारी मंडली को नेताहोन की मदद करी सकस हइ व्हय कि मंडली का मंत्रालय को अधीकार करण का दिन.
रुप रेखा
1. पौलुस ने तीमुथियुस खे प्रनाम करीखे शुरुआत करी 1:1-2.
2. फिर व्हा तीमुथियुस खे झूटा शिक्षक का खीलाप चेतावनी देस हइ 1:3-11.
3. पौलुस यो समझाते हुये आगे बडते हइ कि व्हा यीशु मसीह का लिए खे त्तो आभार हइ 1:12-19
4. येका बाद व्हा तीमुथियुस खे पूजा अरु मंडली को नेताहोन का बारे मे नीर्देश देतस हइ 2—3.
5. पौलुस ने तीमुथियुस खे कुछ आखरी नीर्देश दिखे अपनी चिठ्ठी खत्म करी 4—6.
1
अभिवादन
पौलुस का तरप से जो हमारो उद्धारकर्ता परमेश्वर को अरु हमारी आस मसीह यीशु की आज्ञा से मसीह यीशु को प्रेरित.
ती तीमुथियुस को नाम जो विश्वास मे मरो सच्चो बेटो हइ बाप परमेश्वर को अरु हमारो
प्रभु मसीह यीशु का तरप से तोखे अनुग्रह दया खे अरु शांती मीलती र्‍हे.
झुठो मास्तरहोन का खीलाप चेतावनी
जसो मे ने मकिदुनी खे जान का टेम्म तो समझायो थो, कि इफिसुस मे ऱ्हि खे कुछ दुन्याहोन खे आज्ञा दि की झुटी प्रकार कि शिक्षा नी देनु, अरु वा कानहोन अरु अनन्त पुरवजहोन पर मन नी लगायेका जेकासे वाद विवाद होस हइ, अरु परमेश्वर को उ प्रबन्ध का जसो नी, जो विश्वास से सम्बन्ध रखस हइ. असो मेय फिर भी बोलुस हइ. आज्ञा को सारांश यो हइ कि सपा मन अरु अच्छो विवेक को अरु नीष्कपट विश्वास से परदा प्रेम होस. इनखे छोडी केतना दुन्या बेकार बात मे भटकी गया हइ. अरु वे व्यवस्थापक शिक्षक तो होनो चास हइ, पर जो बात बोलस अरु जेको
दृढता से बोलस हइ, उनका समझस भी नी. पर हम जानस हइ की अगर कोय नीयम खे अच्छी रीति पर काम मे लगाये ते उ अच्छो हइ यो जानी, कि धर्मी जन खे नीयम लिये नी अधर्मीहोन खे नीरंकुश भक्तिहीन पापिहोन, अपवित्र अरु अशुध्दकाम माय बाप मारनवालो, खुनी, 10 व्यभिचारी खे इन्सान गामीहोन, इन्सान खे बेचन आलो को झुट बोलनवालो अरु झुटी करम खानआलो का अरु इनखे छोडीखे स्च्ची शिक्षा को सब खिलाप खे लिये रोख्यो गयो हइ. 11 यो परमधन्य परमेश्वर कि महिमा को उ सुसमाचार का जसो हइ जो मे का दियो गयो हइ.
परमेश्वर की दया का लिए धन्यवाद
12 अरु मी अपना प्रभु मसीह यीशु को जेने मे खे सामर्थ्य दी हइ, धन्यवाद करुस हइ कि ओने मे, विश्वासयोग्य समझी खे अपनी सेवा का लिये ठयरायो. 13 मी तो पैयले नीन्दा करणवालो खे अरु सतानवालो खे वाद विवाद करणवालो थो. ते भी मरा पर दया हुइ, क्युकी मे ने अविश्वास करण बिना समजे मेने यो सब कर्‍यो थो. 14 अरु हमारो प्रभु को अनुग्रह उ विश्वास अरु प्रेम का सात जो मसीह यीशु मे हइ भोतायत से हुयो. 15 या बात सची अरु हर प्रकार से मानन, योग्य हइ, की मसीह यीशु पापिहोन को उध्दार करण का लिये जगत मे आयो कि जेमे सबसे बडो पापी मी हइ. 16 पर मरा पर येका लिये दया हुइ कि मी सबसे बडो पापी मे यीशु मसीह अपनी पुरी सहनशिलता बतय, कि जो दुन्या ओका पर अनन्त जिवन का लिये विश्वास करस कि उनका लिये मी एक आदर्श बनु. 17 आब सनातन राजा मंनजे अविनाशी कि अनदेखी अद्वैत परमेश्वर कि इज्जत अरु महिमा हमेशा होस ऱ्हेस.
18 हे बेटा ती तीमुथियुस! उ भविष्यव्दाणीहोन का जसो कि जो पैयले तरा बारे मे करी गय थी किमी या आज्ञा दियुस हइ, कि तु उनका जसो अच्छो झगडा को झगरतो ऱ्हीहे, 19 अरु विश्वास अरु उ अच्छा विवेक खे पकड्यो रख का जेखे दुर करण करन खे तना को विश्वास रुपी डोगो डुबी गयो. 20 उनका मे से हुमीनयुस अरु आलेक्झांडर हइ, जिनको मे ने सैतान खेदि दियो कि नीन्दा करणो नी सी.
1:2 प्रेरित 16:1 1:13 प्रेरित 8:3-9-4-5