ज्ञान बुद्धि योंबै ताँमैं
कितबर मुँबै ताँमैं
ज्ञान बुद्धि योंसि छ्ह खैले थोल् त्हुम् बिबै ताँ चु कितबर प्ह्रिइमुँ। त्हिंइ ह्रोंसे म्हिमैंइ खैले प्रब् टिब् लल् त्हुम् बिबै ताँ या चुर प्ह्रिइमुँ। ह्रब् सेब् तबै ल्हागिर म्हिमैं परमेश्वरलाइ मान लल् त्हुम्। छलस्याँ म्हिमैंइ ज्ञान बुद्धि योंमुँ, धै चमैंइ छेनाले छ्ह थोल् खाँम् बिबै ताँमैं चु कितबर अहानउँइँले प्ह्रिइमुँ।
ओंसोंबै बाछाए त्हेर्बै इस्राएली खेगिमैं नेरो अगमबक्तमैंइ तो के लल् त्हुलेया ठिमइ बिब् धोंलेन् लमल। दिलेया ह्रब्-सेबै म्हिमैंइ खैले ह्रब-सेब तब, धै खैले छेनाले छ्ह थोब, धै खैले ह्रोंसए प्हसेमैंलाइ लोद सैंदा लब बिबै ताँमैंन् म्हैमल। चु कितबर्बै ताँमैं अहानउँइँले प्ह्रिइमुँ। परमेश्वरजी बिब् ङिंल् त्हुमुँ, खीने ङ्हिंल् त्हुमुँ, ज्ञान बुद्धिए ताँमैं म्हैल् त्हुम् बिबै ताँमैं चु कितबर मुँ। चुर्बै ताँमैं कबिता धोंले प्ह्रिइमुँ। धै परमेश्वरने ङ्हिंब्मैं नेरो खीजी बिब् ङिंब्मैंइ आशिक योंम् बिइमुँ।
चु कितबउँइँले ङ्योइ चु ताँमैं योंम्:
(क) च्हैंसि-मैंसि लबै ताँमैं
(ख) बुद्धि योंबै ताँमैं
(ग) अहानउँइँले क्होमिंबै ताँमैं
चु-चु क्ल्ह्योर चु ताँमैं मुँ
१. बुद्धिए बयन लबै ताँ (१:१—९:१८)
२. सोलोमनइ बिबै अहानमैं (१०:१—२९:२७)
३. आगूरइ बिबै अहानमैं (३०:१-३३)
४. अरू ताँमैं (३१:१-३१)
1
लल् त्हुबै केमैंए चाँजो
1 दाऊदए च्ह इस्राएलर्बै म्रुँ सोलोमनए ज्ञान बुद्धिए ताँमैं।
2 चुउँइँले म्हिमैंइ ज्ञान बुद्धि नेरो छ्यान्पर्गनए ताँमैं योंब्मुँ;
धै गैरु ताँमैं क्होब्मुँ।
3 झाइले च्हैंब-मैंब लब नेरो छ्यान्पर्गन मुँबै छ्ह थोब्मुँ।
4 आह्र-आसेब्मैं ह्रब्-सेब् तब्मुँ,
फ्रेंसि-छमिमैंइ ज्ञान-बुद्धि योंब्मुँ।
5 ह्रब्-सेबै म्हिइ थेरिगे धै ल्हें ह्रब-सेब तरिगे,
धै क्होबै म्हि ल्हें क्होल् खाँब् तरिगे।
6 चु ताँमैंउँइँले बुद्धि मुँब्मैंइ झोंबै अहानमैं, टोक्कमैं
नेरो चमैंइ बिबै गैरु गैरु ताँए अर्थ या म्हिमैंइ क्होब्मुँ।
7 बुद्धि योंबै ल्हागिर म्हिमैंइ याहवेहलाइ म्हाँदिल् त्हुम्;
दिलेया आमादुइ छ्ह खैलेन् थोलेन् तम् बिमुँ, धै ज्ञान बुद्धिए ताँमैं थेल् आङिं।
भाँडेबै म्हिमैंने आप्रद
8 ओ ङए च्ह, ह्रोंसए आबाए ताँ थेद्,
धै ह्रोंसए आमाए अर्थिमैं आम्लेद्।
9 तलेबिस्याँ च ताँमैं क्हिए क्रर ङ्हेंबै क्रेगि
नेरो मान लइरि कुर खिमिंबै माला धों तब् ग।
10 ओ ङए च्ह, पाप लले बिसि पापिमैंइ भाँडेल् म्हैस्याँ,
11 “खो, म्हि सैबर ङिने बालु लोइरि टिले;
सोजो म्हि लुडिबर च्ह्यासि टिले;
12 सियाबै म्हिलाइ छगोंइ क्ल्ह्योंवासि
क्रोंए तेंर्न फेनेब् धोंले,
ङ्योइ चमैंलाइ सोगोंन् क्ल्ह्योंवाले।
13 सै ल्हें फेबै ताँन् सैमैं ङ्योइ प्हेंवाले,
धै लुडिबै सैमैंइ ङ्योए धिंमैं प्लिंले;
14 ङिने बालु क्ह्रिदु,
धै लुडिबै सैमैं ङ्यो चुस्यो,” बिलैया चमैंए ताँ आङिंन्।
15 ओ ङए च्ह, चमैंने बालु आप्रद्;
चमैं प्रबै घ्याँर क्हि आप्रद्,
16 तलेबिस्याँ चमैं आतुरले पाप के लबर ह्याम्,
धै चमैं म्हि सैबर खोंयोंन् बिलै युनन् छेम्।
17 नमेमैंइ म्रोंन्ले
जाल् तिब फाक्कर्न ग,
18 दिलेया चु म्हिमैं ह्रोंसए ज्यु ह्याबै घ्याँर्न प्र-प्रइमुँ;
छतसि खेंमैंइ तिबै जालर्न चमैं च्होयाब्मुँ।
19 आउलाइ लुसि छलु म्हिलुले ल्हें सै न्होर खुब्मैंए गति या छाबन् तब्मुँ;
चइ खुबै सै न्होरइन चलाइ नास लवाम्।
ज्ञान बुद्धिए ताँमैंलाइ तो धोंइ आङ्हाँबै आमादुमैं नास तयाब्मुँ;
20 म्हि धोंले थेबै कै तेसि बुद्धि घ्याँजरे ओरम्,
चइ बजार जरे कै तेप्रम्;
21 म्हिमैं च्होंसि ताँ लरिबै क्ल्ह्योर चइ कै तेमुँ,
सहरए मुल म्राजरे रासि च छले ओरम्:
22 “ओ आमादुमैं, क्हेमैं खोंयों समा ज्ञान बुद्धिलाइ तो धोंइ आङ्हाँन्ले प्ररिमुँ?
खोंयों समा आउलाइ प्ह्रबै ताँमैं लसि सैं तोंरिमुँ,
ओ आमादुमैं, तले जा, क्हेमैंइ ज्ञान बुद्धिलाइ तो धोंइ आङ्हाँब?
23 ङइ हौदिलैया क्हेमैंए सैंर चु ताँम् ङए ल्हागिर्न ग ङ्हाँस्याँ,
ङइ ह्रोंसए खोंर्बै ताँ क्हेमैंने बिमल;
धै ङए ताँमैं क्हेमैंलाइ सेल् पिंमल।
24 दिलेया ङइ हुइमा क्हेमैंइ थेल् आङिं,
ङ ङाँर खो बिसि ङइ यो स्योंम क्हेमैं खाबै या आख।
25 ङइ हौदिब क्हेमैंए ल्हागिर्न ग बिब क्हेंमैइ आक्हो;
ङइ लबै लोदा सैंदाए ताँमैं क्हेमैंइ तो धोंइ आङ्हाँ।
26 छतसि क्हेमैंए फिर आफत तमा ङ निस्योब्मुँ।
धै क्हेमैंए फिर दु:ख तमा ङइ क्हेमैं प्ह्रब्मुँ।
27 थेबै नाँ-खैं धों तबै दुःख क्हेमैंए फिर खब्मुँ,
खैं स्युरब् धोंले क्हेमैंए फिर दुःख स्युरब्मुँ,
दुःखइ लमा क्हेमैं क्र ओलै आखाँन् तब्मुँ।
28 “च त्हेर क्हेमैंइ ङने ग्वार ह्रिब्मुँ, दिलेया ङइ थेरिब् आरे;
चमैंइ दु:खले ङ म्हैप्रब्मुँ दिलेया चमैंइ ङ स्यारिब् आरे।
29 तलेबिस्याँ चमैंइ ज्ञान बुद्धिए ताँमैं तो धोंइ आङ्हाँ,
धै याहवेहने या आङ्हिं,
30 ङइ लोदा सैंदा लमा चमैंइ थेल् आङिं,
धै चमैं छ्याँब् तरिगे बिसि ङइ हौदिमा चमैं आच्यो,
31 चमैंइ लबै केए नों चमैंइ योंब्मुँ,
धै चमैंए आछ्याँबै केमैंइ लमा खेंमैंन् दुःख तब्मुँ।
32 खेंमैंए सैंर मैंब् धोंले प्रबइले आमादुमैं सिब्मुँ,
छले ज्ञान बुद्धिए ताँमैंलाइ तो धोंइ आङ्हाँबै आमादुमैं नास तयाब्मुँ;
33 दिलेया ङइ बिबै ताँमैं थेब्मैं जोगेब्मुँ
धै चमैंल तोइ न्होह्रों तरिब् आरे, चमैं आङ्हिंनले ढुक्कले टिल् योंब्मुँ।”