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प्यासा मन परमेश्वर में तृप्त 
 
दाऊद का भजन; जब वह यहूदा के जंगल में था। 
 
1 हे परमेश्वर, तू मेरा परमेश्वर है,  
मैं तुझे यत्न से ढूँढ़ूगा;  
सूखी और निर्जल ऊसर भूमि पर,  
मेरा मन तेरा प्यासा है, मेरा शरीर तेरा अति अभिलाषी है।   
2 इस प्रकार से मैंने पवित्रस्थान में तुझ पर दृष्टि की,  
कि तेरी सामर्थ्य और महिमा को देखूँ।   
3 क्योंकि तेरी करुणा जीवन से भी उत्तम है,  
मैं तेरी प्रशंसा करूँगा।   
4 इसी प्रकार मैं जीवन भर तुझे धन्य कहता रहूँगा;  
और तेरा नाम लेकर अपने हाथ उठाऊँगा।   
5 मेरा जीव मानो चर्बी और चिकने भोजन से तृप्त होगा,  
और मैं जयजयकार करके तेरी स्तुति करूँगा।   
6 जब मैं बिछौने पर पड़ा तेरा स्मरण करूँगा,  
तब रात के एक-एक पहर में तुझ पर ध्यान करूँगा;   
7 क्योंकि तू मेरा सहायक बना है,  
इसलिए मैं तेरे पंखों की छाया में जयजयकार करूँगा।   
8 मेरा मन तेरे पीछे-पीछे लगा चलता है;  
और मुझे तो तू अपने दाहिने हाथ से थाम रखता है।   
9 परन्तु जो मेरे प्राण के खोजी हैं,  
वे पृथ्वी के नीचे स्थानों में जा पड़ेंगे;   
10 वे तलवार से मारे जाएँगे,  
और गीदड़ों का आहार हो जाएँगे।   
11 परन्तु राजा परमेश्वर के कारण आनन्दित होगा;  
जो कोई परमेश्वर की शपथ खाए, वह बड़ाई करने पाएगा;  
परन्तु झूठ बोलनेवालों का मुँह बन्द किया जाएगा।