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परमेश्वर के राज्य की महिमा
1 यहोवा राजा है; उसने माहात्म्य का पहरावा पहना है;
यहोवा पहरावा पहने हुए, और सामर्थ्य का फेटा बाँधे है।
इस कारण जगत स्थिर है, वह नहीं टलने का।
2 हे यहोवा, तेरी राजगद्दी अनादिकाल से स्थिर है,
तू सर्वदा से है।
3 हे यहोवा, महानदों का कोलाहल हो रहा है,
महानदों का बड़ा शब्द हो रहा है,
महानद गरजते हैं।
4 महासागर के शब्द से,
और समुद्र की महातरंगों से,
विराजमान यहोवा अधिक महान है।
5 तेरी चितौनियाँ अति विश्वासयोग्य हैं;
हे यहोवा, तेरे भवन को युग-युग पवित्रता ही शोभा देती है।