4
वचन का प्रचार कर
परमेश्वर और मसीह यीशु को गवाह करके, जो जीवितों और मरे हुओं का न्याय करेगा, उसे और उसके प्रगट होने, और राज्य को सुधि दिलाकर मैं तुझे आदेश देता हूँ। कि तू वचन का प्रचार कर; समय और असमय तैयार रह, सब प्रकार की सहनशीलता, और शिक्षा के साथ उलाहना दे, और डाँट, और समझा। क्योंकि ऐसा समय आएगा, कि लोग खरा उपदेश न सह सकेंगे पर कानों की खुजली के कारण अपनी अभिलाषाओं के अनुसार अपने लिये बहुत सारे उपदेशक बटोर लेंगे। और अपने कान सत्य से फेरकर कथा-कहानियों पर लगाएँगे। पर तू सब बातों में सावधान रह, दुःख उठा, सुसमाचार प्रचार का काम कर और अपनी सेवा को पूरा कर।
क्योंकि अब मैं अर्घ के समान उण्डेला जाता हूँ*, और मेरे संसार से जाने का समय आ पहुँचा है। मैं अच्छी कुश्ती लड़ चुका हूँ, मैंने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैंने विश्वास की रखवाली की है। भविष्य में मेरे लिये धार्मिकता का वह मुकुट रखा हुआ है, जिसे प्रभु, जो धर्मी, और न्यायी है, मुझे उस दिन देगा और मुझे ही नहीं, वरन् उन सब को भी, जो उसके प्रगट होने को प्रिय जानते हैं।
निजी सन्देश
मेरे पास शीघ्र आने का प्रयत्न कर। 10 क्योंकि देमास ने इस संसार को प्रिय जानकर मुझे छोड़ दिया है, और थिस्सलुनीके को चला गया है, और क्रेसकेंस गलातिया को और तीतुस दलमतिया को चला गया है। 11 केवल लूका मेरे साथ है मरकुस को लेकर चला आ; क्योंकि सेवा के लिये वह मेरे बहुत काम का है। 12 तुखिकुस को मैंने इफिसुस को भेजा है। 13 जो बागा मैं त्रोआस में करपुस के यहाँ छोड़ आया हूँ, जब तू आए, तो उसे और पुस्तकें विशेष करके चर्मपत्रों को लेते आना। 14 सिकन्दर ठठेरे ने मुझसे बहुत बुराइयाँ की हैं प्रभु उसे उसके कामों के अनुसार बदला देगा। (भज. 28:4, रोम. 12:19) 15 तू भी उससे सावधान रह, क्योंकि उसने हमारी बातों का बहुत ही विरोध किया। 16 मेरे पहले प्रत्युत्तर करने के समय में किसी ने भी मेरा साथ नहीं दिया, वरन् सब ने मुझे छोड़ दिया था भला हो, कि इसका उनको लेखा देना न पड़े। 17 परन्तु प्रभु मेरा सहायक रहा, और मुझे सामर्थ्य दी; ताकि मेरे द्वारा पूरा-पूरा प्रचार हो, और सब अन्यजाति सुन लें; और मैं तो सिंह के मुँह से छुड़ाया गया। (भज. 22:21, दानि. 6:21) 18 और प्रभु मुझे हर एक बुरे काम से छुड़ाएगा, और अपने स्वर्गीय राज्य में उद्धार करके पहुँचाएगा उसी की महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन।
अन्तिम शुभकामनाएँ
19 प्रिस्का और अक्विला को, और उनेसिफुरूस के घराने को नमस्कार। 20 इरास्तुस कुरिन्थुस में रह गया, और त्रुफिमुस को मैंने मीलेतुस में बीमार छोड़ा है। 21 जाड़े से पहले चले आने का प्रयत्न कर: यूबूलुस, और पूदेंस, और लीनुस और क्लौदिया, और सब भाइयों का तुझे नमस्कार।
22 प्रभु तेरी आत्मा के साथ रहे, तुम पर अनुग्रह होता रहे।
* 4:6 क्योंकि अब मैं अर्घ के समान उण्डेला जाता हूँ: प्रेरित को ऐसा प्रतीत होता हैं कि वह मरने की कगार पर है, तीमुथियुस को एक कारण के रूप में आग्रह किया है कि उसे क्यों अपने कर्तव्यों को निभाने में मेहनती और विश्वासयोग्य होना चाहिए। 4:8 धार्मिकता का वह मुकुट: अर्थात् वह एक मुकुट धार्मिकता के कारण जीता और उसके संघर्ष और प्रयास पवित्रता के कारण इनाम के रूप में सम्मानित किया गया। 4:17 ताकि मेरे द्वारा पूरा-पूरा प्रचार हो: अर्थात्, पूरी तरह से पुष्टि की जा सके, ताकि दूसरे लोग इसकी सच्चाई में आश्वस्त रहें।