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माय-बाप अऊर पोरिया पारी
1 पोरिया-पारी प्रभु हुन म अपनो माय बाप को कहेना सुनन वाला बनो, काहेकि असो उचित हैं।
2 “अपनी माय अर दादा की इज्जत कर या पहली आग्या हैं जेको संग म वादा भी हैं।
3 कि तोरो भलो होय, अऊर तू जमीन पा जुग जुग जीते रहे।”
4 अरे पोरिया-पारी वाला, अपना पोरिया-पारी ख गुस्सा मत दिलानो, पर प्रभु को ग्यान अर चितावनी देते हुए उनका पालनो पोसनु करनु।
मालीक अर नऊकर
5 अरे नउकर हुन, जे इंसान या दुनिया म तुमरा मालीक या प्रभु हैं, अपनो मन या सरीर कि सिधो चाल से डरते अऊर काँपते हुए, जसो मसी की वसोईच उनको भी कहेना मानो।
6 अदमी हुन ख खुस करन वाला हुन को समान दिखान को लाने सेवा मत करनु, मसी ख दास या नऊकर हुन को समान मन से परमेस्वर की मर्जी पर चलो,
7 अर वा सेवा का इंसान हुन की नी पर प्रभु की जान ख सच्चो मन से करो।
8 काहेकि तुम जाना हैं, कि जे कोई जसो अच्छो काम करे, पर मसी ख नउकर हुन को समान मन से प्रभु की मर्जी पा चलो।
9 अरे मालिक या प्रभु हुन, तुम भी धमकी देनो छोड़ ख उनको संग वसोच ही बरताव करो; काहेकि तुम जाना हैं कि उनको अर तुमारो दोई को मालिक स्वर्ग म हैं, अर उ कोई को पक्छपात नी करा।
आत्मा म लड़न का अऊजार
10 एकोलाने प्रभु म अर ओकी सक्ति को प्रभाव म सक्ति साली बना।
11 परमेस्वर का पुरा अऊजार बाँध लेव कि तुम भुत-प्रेत सैतान की चाल को सामने खड़ा रह सके।
12 काहेकि हमारो यू मल्लयुध्द सरीर से या खून अर मांस से नी पर प्रधानता हुन से अर अधिकारी हुन से, अर यू दुनिया ख अन्धकार को हाकिमो से अऊर उ दुराचारी कि आत्मिक सेना से हैं जो बादल स्वर्ग म हैं।
13 एकोलाने परमेस्वर का पुरा अऊजार बाँध लेव कि तुम बुरा दिन म मुकाबला कर सके, अर सब कुछ पुरो कर ख खड़ा रैय सके।
14 एकोलाने सत्य से अपनी कम्मर कस ख, अर धार्मिकता की झिलम पहिन ख,
15 अर पाय हुन म मेल को सुसमाचार की तैयारी का मोचड़ा पहिन ख;
16 अऊर इन सब को संग भरोसा कि ढाल ले ख खड़ा रहनू जसो तुम उ दुस्ट का सब जलन वाला तीर हुन ख बुझा सके।
17 अर उध्दार को टोपा, अर आत्मा कि तलवार, जो परमेस्वर को वचन हैं, ले लेव।
18 एक बखत अर हर तरीका से आत्मा म प्रार्थना, अर बिनती करते रहनू, अर एकोलाने जगते रहनू कि सब सुध्द झन को लाने लगातार बिनती करते रहनू,
19 अर मोरो लाने भी कि मो ख बोलन को बखत असो मजबुत वचन दियो जाय की मी हिम्मत को संग सुसमाचार को भेद बता सकू,
20 जेको लाने मी साँकल से जकड़ियो वालो राजदूत आय; अर असो भी की मी ओको बारे म जसो मो ख चाहिये हिम्मत से बोलूँ।
आखरी अभिवादन
21 तुखिकुस, जो प्यारो भई अर प्रभु म भरोसा करन वालो सेवक आय, तुम ख सबरी बात हुन बतायगो कि तू न भी मोरी दसा जाननो कि मी कसो रहू हैं।
22 ओ ख मी न तुमरो जोने एकोलाने भेजो हैं कि तुम हमरी दसा ख जाने, अर उ तुमरो मन ख सान्ति दे।
23 परमेस्वर बाप अर प्रभु यीसु मसी की तरफ से भई बहिनो हुन ख सान्ति अर भरोसा सहित प्रेम मिले।
24 जो हमरो प्रभु यीसु मसी से अमर प्यार रखा हैं, उन सब पा दया होती रहे।